अगले चार वित्तीय वर्षों में इंटरनेशनल एयर पैसेंजर ट्रैफिक में 10-11 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) होने की संभावना है, जबकि महामारी से पहले के चार वर्षों में यह सिर्फ 5 प्रतिशत सीएजीआर थी।
त्योहारी मौसम के मद्देनजर यात्रियों की संख्या और बढ़ने की उम्मीद है। ऐसे में आगामी दिनों में एयरलाइंस को सामान्य क्षमता पर 70 से 75 प्रतिशत उड़ानों की अनुमति दी जा सकती है।
मंत्रालय ने 26 जून के आदेश को संशोधित करते हुए 45 प्रतिशत क्षमता के स्थान पर 60 प्रतिशत क्षमता के साथ उड़ानें परिचालित करने की अनुमति दे दी है।
विमानन कंपनियों विशेषकर जेट एयरवेज में कर्ज संकट के चलते अफरा-तफरी की स्थिति बनी हुई है। पायलटों की भी कमी महसूस की गई।
सरकार की अगले 10 से 15 सालों में देश के भीतर 100 हवाईअड्डों का निर्माण करने की योजना है।
BSNL और MTNL के मर्जर में देरी हो सकती है। दरअसल दूरसंचार मंत्रालय किसी भी सूरत में एयर इंडिया जैसी स्थिति पैदा नहीं करना चाहता।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने Air India के निजीकरण की वकालत करते हुए कहा कि एयरलाइंस की बाजार हिस्सेदारी 14% है, ऐसे में 60000 करोड़ का कर्ज कैसे खत्म होगा
CBI Air India और Indian Airlines के विलय के साथ साथ इन दोनों कंपनियों द्वारा विमानों की खरीद व उन्हें पट्टे पर देने में कथित अनियमितताओं की जांच करेगी।
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