पूंजी बाजार नियामक सेबी द्वारा प्रमुख रेटिंग एजेंसियों पर 25 लाख रुपए का जुर्माना लगाने के बाद अब रिजर्व बैंक ने भी इन एजेंसियों को आड़े हाथों लिया है।
सीईबीआर की रिपोर्ट में कहा गया है कि 'भारत पांच हजार अरब डॉलर की जीडीपी 2026 में हासिल कर लेगा, सरकार के तय लक्ष्य के मुकाबले दो साल बाद।'
यदि आपके पास डेबिट या क्रेडिट कार्ड है तो ये खबर आपके बुहत काम की है। इंडियन ऑयल अपने ग्राहकों के लिए नए साल पर एक खास ऑफर लेकर अया है।
भारतीय रेलवे के उपक्रम इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) ने देश की दूसरी प्राइवेट ट्रेन का शेड्यूल जारी कर दिया है।
गुरुवार को रेलवे बोर्ड के चेयरमैन बीके यादव ने इस बात का संकेत देते हुए कहा है कि नए साल से यात्री किराये और मालभाड़े को तर्कसंगत किया जाएगा।
ट्राई के अनुसार, वर्ष 2014 के अंत की तुलना में सितंबर 2019 तक वायरलेस डेटा ग्राहकों की कुल संख्या 2815.8 करोड़ से बढ़कर 6648 करोड़ हो गई।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 71.22 रुपए प्रति डॉलर पर कमजोर खुला।
रिपोर्ट में कहा गया है कि निदेशकों को लगता है कि मजबूत जनादेश वाली नई सरकार के सामने यह सुधारों को आगे बढ़ाने का एक बेहतर अवसर है।
आरबीआई ने बताया कि समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान देश के स्वर्ण भंडार का मूल्य 11 करोड़ डॉलर बढ़कर 26.968 अरब डॉलर हो गया।
फिच ने अपने बयान में कहा है कि आसान मौद्रिक और राजकोषीय नीति एवं संरचनात्मक उपायों की मदद से वित्त वर्ष 2020-21 में भारत की वृद्धि दर रिकवर होकर 5.6 प्रतिशत और इसके अगले वित्त वर्ष में 6.5 प्रतिशत रहेगी।
दिल्ली के विज्ञान भवन में उद्योग संगठन एसोचैम की वार्षिक आम सभा के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुस्त अर्थव्यवस्था को लेकर खुद ही मोर्चा संभाल लिया है।
पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियन ने इस बात पर हैरानी जताई है कि शेयर बाजार कैसे चढ़ रहा है, जबकि देश की अर्थव्यवस्था लगातार नीचे जा रही है।
भारतीय रिजर्व बैंक 2019-20 की जीडीपी वृद्धि के अपने अनुमान को पहले ही 6.1 प्रतिशत से कम कर पांच प्रतिशत कर चुका है।
गोपीनाथ ने कहा कि यह मौजूदा सरकार का दूसरा कार्यकाल है और उनके लिए राजनीतिक रूप से संरचनात्मक सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए उपयुक्त समय है।
देश से सेवाओं का निर्यात अक्टूबर में 5.25 प्रतिशत बढ़कर 17.70 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इस दौरान सेवाओं का आयात का आंकड़ा 10.86 अरब डॉलर पर लगभग स्थिर रहा।
समीक्षाधीन महीने में कच्चे तेल का आयात 11.06 अरब डॉलर रहा। सालाना आधार पर यह 18.17 प्रतिशत कम रहा।
चीनी सत्र 2018-19 (अक्टूबर 2018 से सितंबर 2019) में निर्यात के लिए मिलवार 50 लाख टन चीनी का एमआईक्यूएम कोटा तय किया गया था।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भी देश की जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान सात प्रतिशत से घटाकर 6.1 प्रतिशत किया है। विश्वबैंक ने भी यह अनुमान घटाकर छह प्रतिशत कर दिया है।
सिंगापुर की वित्तीय सेवा प्रदाता कंपनी डीबीएस बैंकिंग समूह ने चालू वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान 5.5 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया है।
गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) का संकट लंबा खिच जाने के कारण घरेलू ऋण उपलब्धता की स्थिति गंभीर बनी हुई है।
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