वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। अगले कुछ साल इस वृद्धि दर को आसानी से बनाए रख सकते हैं।'' भारत की जीडीपी वृदि दर 2022-23 में 7.2 फीसदी रही थी, जो 2021-22 के 9.1 फीसदी से कम है। हालांकि, कच्चे तेल में उछाल से भारत का चालू खाता घाटा बढ़ा है। देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग 1
आरबीआई रुपये को सहारा देने के लिए बाजार में डॉलर जारी कर रहा है, लेकिन इससे भारतीय मुद्रा की गिरावट को रोका नहीं जा सका है। इससे सितंबर में देश के विदेशी मुद्रा भंडार में भी गिरावट आई है। देश अपनी कच्चे तेल की आवश्यकता का लगभग 85 प्रतिशत आयात करता है।
ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स (Global Innovation Index) में भारत कई सालों से तेजी से आगे बढ़ रहा है। यह साल 2015 में 81वें स्थान से बढ़कर 2023 में 40वें स्थान पर पहुंच गया है।
आरबीआई ने कहा कि जून 2023 के आखिर में विदेशी ऋण और सकल घरेलू उत्पाद का अनुपात घटकर 18.6 प्रतिशत हो गया, जो मार्च 2023 के आखिर में 18.8 प्रतिशत था।
इस महीने अब तक नकदी बाजार में एफआईआई (FII) ने 18,260 करोड़ रुपये की बिक्री की है। हालिया गिरावट के बाद भी वैल्यूएशन ऊंचा बना हुआ है।
आपको बता दें कि पिछले साल नवंबर में जेपी मॉगर्न ने कहा था कि अगर भारत को वैश्विक बॉन्ड इंडेक्स में शामिल किया जाता है तो बीएसई सेंसेक्स दिसंबर 2023 तक 80,000 तक पहुंचने की उम्मीद है।
रिपोर्ट के आधार पर ईरान में खुशी की कीमत 239,700 डॉलर है। यानी रुपये में यह करीब 2 करोड़ रुपये हुई। वहीं अमेरिका में खुशी की कीमत 87 लाख रुपये है। अफ्रीका के सिएरा लियोन में खुशी सबसे सस्ती है।
अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतें 10 महीनों में पहली बार 90 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल के स्तर को पार कर गई। वर्तमान में 92 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल के आसपास हैं। कई अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने पहली तिमाही के आंकड़ों को देखने के बाद अपने अनुमानों में बदलाव किया है।
रिपोर्ट में अगले साल होने वाले आम चुनावों के पहले जीडीपी वृद्धि की राह में कुछ चुनौतियों को लेकर आगाह भी किया है। इनमें ग्लोबल ग्रोथ रेट में गिरावट से भारत के निर्यात में सुस्ती, ग्लेबाल इकोनॉमिक कंडीशन की वजह से पूंजी की लागत बढ़ना और मानसूनी बारिश में कमी के साथ विनिर्माण क्षेत्र की नरमी शामिल हैं।
रेलवे को नियमों में किए संशोधन से अकेले 2022-23 में 560 करोड़ रुपये की कमाई हुई। बदला नियम 21 अप्रैल, 2016 से लागू किया गया था।
ब्रेंट क्रूड की कीमतें (Crude Oil Price) इस साल 100 डॉलर के लेवल को पार कर सकती हैं। आगे रुपये की चाल पूरी तरह तेल की कीमतों पर निर्भर करेगा।
डब्ल्यूईएफ के अनुसार, 90 प्रतिशत से अधिक लोगों को इस वर्ष दक्षिण एशिया खासकर भारत में मध्यम या मजबूत वृद्धि की उम्मीद है।
भारत चीन प्लस वन स्ट्रैटेजी से फायदा उठा सकता है। इसकी वजह यह है कि कोई दूसरा देश ऑपरेशन के पैमाने और आकार की पेशकश नहीं कर सकता जैसा यहां उपलब्ध है।
तेल उत्पादक देशों के समूह वाला ओपेक+ ब्लॉक द्वारा उत्पादन में कटौती को तीन और महीनों के लिए बढ़ाए जाने के बाद, ब्रेंट क्रूड 5 सितंबर को 90 डॉलर प्रति बैरल से पार हो गया।
यह कदम 9-10 सितंबर को जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए बाइडेन की भारत यात्रा से पहले उठाया गया।
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (USTR) कैथरीन ताई की नयी दिल्ली में द्विपक्षीय बैठक के दौरान कुछ अन्य मुद्दों के साथ इस मामले पर भी चर्चा होने की उम्मीद है।
इक्रा ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अपने वृद्धि अऩुमान को छह प्रतिशत पर बरकरार रखा है। यह आरबीआई के 6.5 प्रतिशत के अनुमान से कम है।
रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘जनवरी-जून 2023 के दौरान भारत का विदेशी व्यापार (माल व सेवाओं का निर्यात तथा आयात) 800.9 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया।
भारत में जहां तक विदेशी पर्यटकों के आगमन (एफटीए) की बात है तो 2021 में 15 लाख से बढ़कर 2024 तक यह 1.5 करोड़ हो गई। 2030 तक इसके 2.5 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मंगलवार को 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लालकिले की प्राचीर से कहा था कि साल 2028 तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगी।
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