यह टैक्स उन लोगों पर लागू होता है, जिनकी टैक्स देनदारी 10,000 रुपये से ज्यादा होती है। यह आयकर विभाग द्वारा तय की गई नियत तारीखों पर किया जाता है।
अगर आप भी अभी तक ये जरूरी काम नहीं निपटा सके हैं तो जल्दी करें। अन्यथा आपको भारी पेनाल्टी भी चुकानी पड़ सकती है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट करदाताओं से लगातार अपील कर रहा है कि सभी तरह के बकाये का निपटान तय तारीख तक जरूर कर लें।
Income Tax Savings Options: पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF), सुकन्या समृद्धि योजना (SSY), एंप्लाईज प्रॉविडेंट फंड (EPF) और यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP) में निवेश करके आप आसानी से टैक्स बचा सकते हैं। इसमें रिटर्न भी टैक्स फ्री होता है।
आयकर विभाग विभिन्न स्रोतों से करदाताओं के निर्दिष्ट वित्तीय लेनदेन की जानकारी प्राप्त करता है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा कि आयकर विभाग को वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान व्यक्तियों/इकाइयों द्वारा किए गए विशिष्ट वित्तीय लेनदेन पर कुछ जानकारी प्राप्त हुई है।
Tax Planning Mistakes: टैक्स सेविंग के लिए आपको पूरी योजना के साथ निवेश करना चाहिए। नहीं तो आप इनकम एक्ट में दी गई टैक्स छूट का लाभ उठाने से वंचित रह सकते हैं।
आकलन वर्ष 2021-22 (वित्त वर्ष 2020-21) के लिए दाखिल कुछ आईटीआर में दर्ज वित्तीय लेनदेन की जानकारी और विभाग के पास उपलब्ध जानकारी के बीच अंतर है।
सैलरी पेशा लोगों की सबसे बड़ी चिंता होती है कि उनके ऊपर कितनी टैक्स की देनदारी बनेगी। आप भी अगर नौकरी करते हैं तो टैक्स की गणना आसानी से कर सकते हैं। आइए जानते हैं कैसे?
चालू वित्त वर्ष 31 मार्च को खत्म हो रहा है। इसके साथ कई मनी डेडलाइन खत्म हो जाएंगे। इसलिए जरूरी है कि आप 31 मार्च से पहले सभी जरूरी काम को निपटा दें। इससे बाद की परेशानी से आप बच जाएंगे।
Tax Saving Tips: पुरानी टैक्स रिजीम के तहत कई सारी इनकम टैक्स की छूट आपको मिलती हैं। जिसके जरिए आप 10 लाख रुपये तक की आय पर शून्य टैक्स भर सकते हैं।
ऐसे टैक्सपेयर यानी करदाता जो पहले से ही ई-फाइलिंग वेबसाइट पर रजिस्टर्ड हैं, वे अपने अकाउंट में लॉग इन करने के बाद सीधे कम्प्लायंस पोर्टल पर जा सकते हैं।
कुछ निवेश विकल्प ऐसे हैं जो आपको टैक्स फ्री रिटर्न भी देते हैं और इनकम टैक्स छूट भी दिलाते हैं। ऐसे निवेश विकल्पों में पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि योजना और इक्विटी-लिंक्ड सेविंग स्कीम आदि शामिल हैं।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने 2024-25 के अंतरिम बजट में की गई घोषणा को अमल में लाने के लिए यह आदेश जारी किया। एक लाख रुपये की लिमिट में टैक्स डिमांड की मूल राशि, ब्याज, जुर्माना या शुल्क, उपकर, अधिभार शामिल है।
Income Tax के कारण बड़ी संख्या में फरवरी और मार्च में सैलरी में कटौती देखने को मिलती है। इस आर्टिकल में हम आपको टैक्स बोझ कम करने के तरीके बताने जा रहे हैं।
अगर अभी तक आपने इनकम टैक्स बचाने के लिए फाइनेंसिशल प्लानिंग नहीं की है तो अब देर मत कीजिए। अपनी इनकम के अनुसार योजना बनाकर सही प्रोडक्ट में निवेश कर दें।
उन्होंने कहा कि करदाता अगर जानकारी सही दें और बैंक ब्योरा सही भरें, तो रिफंड में देरी नहीं होगी। गुप्ता ने कहा, हमारा जोर रिफंड में तेजी लाने, लंबित कर विवादों का समाधान करने समेत करदाताओं को मिलने वाली सेवाओं में और सुधार लाने पर है।
Income Tax Slab Budget 2024 : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में इनकम टैक्स में कोई बदलाव नहीं किया है। वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले 10 साल से अधिक समय से टैक्स कलेक्शन दोगुना हो गया है।
Income Tax: इनकम टैक्स एक्ट की धारा 10(13A) के तहत एचआरए की छूट का फायदा मिलता है। एचआरए की छूट किराए के घर में रहने पर ही मिलती है।
Budget 2024: आने वाले बजट से नौकरीपेशा लोगों की कई मांगे हैं, जिसमें टैक्स स्लैब में राहत देना प्रमुख है।
आईटीआर भरने वालों की संख्या 10 साल में दोगुने से अधिक हो गई है। 2022-23 में 7.78 लाख आयकर रिटर्न भरे गये। यह 2013-14 में भरे गये 3.8 करोड़ आयकर रिटर्न के मुकाबले 104.91 फीसदी अधिक है।
Income Tax में कई ऐसी धाराएं मौजूद हैं, जिनकी मदद से आप आसानी से अपना टैक्स का बोझ कम कर सकते हैं।
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