सीतारमण ने ट्विटर पर लिखा कि मैंने अपने टाइमलाइन पर तकनीकी खामियों के बारे में शिकायतें देखी हैं।
अधिकारियों ने कहा कि वेबसाइट को स्थिर होने और करदाता आसानी से इसकी सभी नई खूबियों का लाभ उठा सकें इसमें थोड़ा समय लग सकता है।
आयकर विभाग की रिटर्न दाखिल करने के वास्ते ई-फाइलिंग की नई वेबसाइट सोमवार को शुरू कर दी गई। इसमें करदाताओं के लिये कई तरह की नई सुविधायें शामिल की गईं हैं।
आयकर विभाग ने शनिवार को कहा कि वह सात जून को एक नया पोर्टल शुरू कर रहा जिस पर करदाता आनलाइन विवारण प्रस्तुत कर सकेंगे।
आयकर विभाग ने शुक्रवार को कहा कि उसने चालू वित्त वर्ष में अब तक 15.47 लाख करदाताओं को 26,276 करोड़ रुपये लौटाये हैं।
सरकार ने देश के आयकर दाताओं को बड़ी राहत दी है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने वित्त वर्ष 2020-21 (एसेसमेंट ईयर 2021-22) के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा बढ़ा दी है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने बृहस्पतिवार को कहा कि आयकर विभाग अगले महीने की शुरुआत में करदाताओं के लिए एक नया ई-फाइलिंग वेब पोर्टल शुरू करने की तैयारी कर रहा है।
नए पोर्टल को लॉन्च करने की तैयारियों और माइग्रेशन गतिविधि के लिए आयकर विभाग का मौजूदा पोर्टल एक जून से 6 जून तक 6 दिनों के लिए उपलब्ध नहीं होगा।
आयकर विभाग ने बुधवार को कहा कि उसने चालू वित्त वर्ष में 17 मई तक 15 लाख से अधिक करदाताओं को 24,792 करोड़ रुपये का रिफंड जारी किया है।
यदि अगले दो हफ्तों में कोविड की स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो सरकार को इन समयसीमाओं को आगे और बढ़ाना होगा।
सरकार ने कोविड-19 महामारी के कारण अपनी प्रत्यक्ष कर विवाद निवारण योजना ‘विवाद से विश्वास’ के तहत भुगतान करने की समय-सीमा दो महीने और बढ़ाकर 30 जून तक कर दी है।
आईटीआर फॉर्म 1 (सहज) और आईटीआर फॉर्म 4 (सुगम) सरल प्रारूप हैं, जिसका उपयोग बड़ी संख्या में अपेक्षाकृत कम आय वाले करदाता करते हैं।
आयकर विभाग ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिये करदाताओं के आईटीआर-1 और 4 फार्म भरने को लेकर ‘ऑफलाइन’ सुविधा शुरू की है।
सीबीडीटी ने कहा कहा कि पिछले साल की तुलना में इस साल आईटीआर फॉर्म्स फाइल करने के तरीके में भी कोई विशेष बदलाव नहीं किया गया है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने गुरुवार को कहा कि आयकर विभाग ने 2020-21 के लिए आई-टी रिटर्न दाखिल करने के लिए फॉर्म अधिसूचित कर दिए हैं।
आयकर विभाग ने 2020-21 में 2.38 करोड़ से अधिक करदाताओं को 2.62 लाख करोड़ रुपये से अधिक राशि रिफंड की। इसमें व्यक्तिगत आयकर मद में 2.34 करोड़ करदाताओं को 87,749 करोड़ रुपये जबकि कंपनी कर मद में 3.46 लाख मामलों में 1.74 लाख करोड़ रुपये वापस किये गये।
इनकम टैक्स एक्ट 1961 की धारा 80सी के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति या संगठित हिन्दू परिवार 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर टैक्स छूट का दावा कर सकता है।
इनकम टैक्स से जुड़े कुछ नियमों में बदलाव किया गया है, जो 1 अप्रैल से लागू हो जाएंगे।
अगर आपने अपने परिवार में बच्चों के साथ-साथ अपने लाइफ पार्टनर के लिए हेल्थ इंश्योरेंस लिया है और उसका प्रिमियम भर रहें तो आप आसानी से सेक्शन 80D के तहत 25,000 रुपये तक के निवेश पर टैक्स छूट का लाभ उठा सकते हैं।
आप सैलरीड हैं, बिज़नेसमैन हैं, या आपको किसी भी अन्य सोर्स से इनकम हो रही है तो आपको अपने इनकम के मुताबिक टैक्स चुकाना पड़ता है।
लेटेस्ट न्यूज़