फिक्स्ड डिपॉजिट यानी एफडी, आवर्ती जमा यानी आरडी या किसी दूसरे ब्याज अर्जित होने वाले निवेश साधनों से हुई ब्याज आय पर टीडीएस से छूट का रिक्वेस्ट करने पर यह फॉर्म जमा करना होता है।
पारंपरिक उच्च कर दरों के परिणामस्वरूप महत्वपूर्ण कर उछाल नहीं आया है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए भारत में 1991 के बाद से सरकारों ने स्पष्ट रूप से मध्यम कर दरों की वकालत की है, जिससे अधिक पारदर्शिता तथा अनुपालन को बढ़ावा मिलता है।
आपको सबसे पहले यह देखना है कि आप किस फॉर्म के लिए एलिजिबल हैं। यानी आपको कौन सा फॉर्म चुनना है। साथ ही ई-फाइलिंग पोर्टल पर रजिस्टर्ड आईडी और एक्टिव पैन कार्ड होना चाहिए ताकि आप अपना टैक्स रिटर्न दाखिल कर सकें।
आयकर नियमों के मुताबिक, अगर स्थायी खाता संख्या (पैन) बायोमेट्रिक आधार से जुड़ा नहीं है, तो लागू दर से दोगुनी दर पर टीडीएस काटा जाना जरूरी है।
वित्त वर्ष के दौरान कई बार टीडीएस या अन्य मदों के चलते आपको रिफंड मिलता है। रिटर्न फाइल करते समय आयकर विभाग इसके लिए आपसे आपकी बैंक डिटेल्स मांगता है।
यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि ITR-1 ऐसे व्यक्ति द्वारा दाखिल नहीं किया जा सकता है जो भारतीय निवासी नहीं है और जिसकी कुल आय ₹50 लाख से अधिक है।
Income Tax Department : इस नए फीचर से टैक्सपेयर्स को अब हर काम के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
फॉर्म 15एच उन निवासी व्यक्तियों द्वारा जमा किया जा सकता है जो वरिष्ठ नागरिक हैं, जिनकी अनुमानित कर देयता है वित्तीय वर्ष में शून्य है। कोई भी कंपनी या फर्म या गैर-निवासी फॉर्म 15G जमा करने के लिए पात्र नहीं होते हैं।
अधिकांश वेतनभोगी करदाता अब अपना रिटर्न दाखिल नहीं कर पाएंगे। ऐसा इसलिए है क्योंकि टीडीएस भुगतान - नियोक्ताओं द्वारा (वेतन पर स्रोत पर कर कटौती के लिए) और बैंकों (सावधि जमा ब्याज पर टीडीएस के लिए) - 30 अप्रैल तक किया जाएगा।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने उन रिपोर्ट का खंडन किया कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट एचआरए से जुड़े मामलों को फिर से ओपन कर रहा है। ई-वेरिफिकेशन का मकसद विसंगतियों से जुड़े मामलों के बारे में सचेत करना था।
इनकम टैक्स जमा करने के लिए आपको पुरानी टैक्स रिजीम और नई टैक्स रिजीम में से किसी एक को चुनना होता है।
वित्त वर्ष 2024-25 शुरू हो चुका है। वित्त वर्ष की शुरुआत से ही टैक्स प्लानिंग कर चाहिए। इससे आपको टैक्स बचाने के साथ-साथ ज्यादा रिटर्न कमाने में मदद मिलेगी।
ITR: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से आईटीआर-1, आईटीआर-2 और आईटीआर-4 को ऑनलाइन जारी कर दिया गया है। अब आप वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आईटीआर फाइल कर सकते हैं।
Infosys को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से टैक्स डिमांड नोटिस मिला है। ये नोटिस असिसमेंट ईयर 2020-21 की टैक्स देनदारी को लेकर है।
ऑनलाइन टैक्स भुगतान करते समय क्रेडिट या डेबिट कार्ड जैसी सुरक्षित भुगतान विधियों का विकल्प चुनें।
मंत्रालय ने यह स्पष्टीकरण सोशल मीडिया पर जारी उन सूचनाओं के बाद दिया जिसमें 1 अप्रैल से प्रभावी नई टैक्स व्यवस्था में कुछ बदलावों का दावा किया गया है। नई टैक्स व्यवस्था से बाहर निकलने का विकल्प वर्ष 2024-25 के लिए रिटर्न दाखिल करने तक उपलब्ध है।
इस मामले का खुलासा तब हुआ जब पहली बार अधिकारियों को एक व्यक्ति द्वारा लगभग 1 करोड़ रुपये की कथित किराया रसीदें मिलीं। अधिकारी अब उन कर्मचारियों के पीछे जा रहे हैं, जिन्होंने टैक्स वसूलने के लिए फर्जी दावे किए हैं।
बैंक ने प्रतिक्रिया में कहा कि उसके पास इस मामले में अपनी स्थिति को उचित रूप से साबित करने के लिए पर्याप्त तथ्यात्मक और कानूनी आधार हैं। बैंक ने कहा कि इसलिए उम्मीद है कि पूरी जुर्माना मांग कम हो जाएगी।
कोई भी भारतीय पीपीएफ में निवेश कर सकता है। वहीं, केवल वेतनभोगी कर्मचारी जिनके पास कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) खाता है और नियमित रूप से ईपीएफ में योगदान करते हैं, वे वीपीएफ में पैसा लगा सकते हैं।
Tax Collection: चालू वित्त वर्ष में शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह बढ़कर 18.90 लाख करोड़ हो गया है। सरकार द्वारा इस अवधि में 3.37 लाख करोड़ का रिफंड भी दिया गया है।
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