केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने उन रिपोर्ट का खंडन किया कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट एचआरए से जुड़े मामलों को फिर से ओपन कर रहा है। ई-वेरिफिकेशन का मकसद विसंगतियों से जुड़े मामलों के बारे में सचेत करना था।
इनकम टैक्स जमा करने के लिए आपको पुरानी टैक्स रिजीम और नई टैक्स रिजीम में से किसी एक को चुनना होता है।
वित्त वर्ष 2024-25 शुरू हो चुका है। वित्त वर्ष की शुरुआत से ही टैक्स प्लानिंग कर चाहिए। इससे आपको टैक्स बचाने के साथ-साथ ज्यादा रिटर्न कमाने में मदद मिलेगी।
ITR: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से आईटीआर-1, आईटीआर-2 और आईटीआर-4 को ऑनलाइन जारी कर दिया गया है। अब आप वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आईटीआर फाइल कर सकते हैं।
Infosys को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से टैक्स डिमांड नोटिस मिला है। ये नोटिस असिसमेंट ईयर 2020-21 की टैक्स देनदारी को लेकर है।
ऑनलाइन टैक्स भुगतान करते समय क्रेडिट या डेबिट कार्ड जैसी सुरक्षित भुगतान विधियों का विकल्प चुनें।
मंत्रालय ने यह स्पष्टीकरण सोशल मीडिया पर जारी उन सूचनाओं के बाद दिया जिसमें 1 अप्रैल से प्रभावी नई टैक्स व्यवस्था में कुछ बदलावों का दावा किया गया है। नई टैक्स व्यवस्था से बाहर निकलने का विकल्प वर्ष 2024-25 के लिए रिटर्न दाखिल करने तक उपलब्ध है।
इस मामले का खुलासा तब हुआ जब पहली बार अधिकारियों को एक व्यक्ति द्वारा लगभग 1 करोड़ रुपये की कथित किराया रसीदें मिलीं। अधिकारी अब उन कर्मचारियों के पीछे जा रहे हैं, जिन्होंने टैक्स वसूलने के लिए फर्जी दावे किए हैं।
बैंक ने प्रतिक्रिया में कहा कि उसके पास इस मामले में अपनी स्थिति को उचित रूप से साबित करने के लिए पर्याप्त तथ्यात्मक और कानूनी आधार हैं। बैंक ने कहा कि इसलिए उम्मीद है कि पूरी जुर्माना मांग कम हो जाएगी।
कोई भी भारतीय पीपीएफ में निवेश कर सकता है। वहीं, केवल वेतनभोगी कर्मचारी जिनके पास कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) खाता है और नियमित रूप से ईपीएफ में योगदान करते हैं, वे वीपीएफ में पैसा लगा सकते हैं।
Tax Collection: चालू वित्त वर्ष में शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह बढ़कर 18.90 लाख करोड़ हो गया है। सरकार द्वारा इस अवधि में 3.37 लाख करोड़ का रिफंड भी दिया गया है।
Income Tax Saving Tips: जनवरी फरवरी और मार्च ये तीन ऐसे महीने हैं, जब लोग अपना इनकम टैक्स बचाने के लिए टैक्स सेविंग इंस्ट्रूमेंट्स खोजते हैं। अगर आपने पुराना टैक्स रिजीम चुना है, तो आप इन इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करके अच्छा-खासा टैक्स बचा सकते हैं।
अगर निवेश की समयसीमा की बात करें तो एससीएसएस और एफडी में कोई अंतर नहीं है। दोनों में 5 साल की लॉक इन पीरियड है। यानी 5 साल के निवेश करने पर ही टैक्स बचत दी जाएगी।
How to Save Tax: पुरानी टैक्स रिजीम में धारा 80C, 80D और 24B के तहत दी गई छूट का फायदा उठाकर आप आसानी टैक्स सेविंग कर सकते हैं।
यह टैक्स उन लोगों पर लागू होता है, जिनकी टैक्स देनदारी 10,000 रुपये से ज्यादा होती है। यह आयकर विभाग द्वारा तय की गई नियत तारीखों पर किया जाता है।
अगर आप भी अभी तक ये जरूरी काम नहीं निपटा सके हैं तो जल्दी करें। अन्यथा आपको भारी पेनाल्टी भी चुकानी पड़ सकती है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट करदाताओं से लगातार अपील कर रहा है कि सभी तरह के बकाये का निपटान तय तारीख तक जरूर कर लें।
Income Tax Savings Options: पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF), सुकन्या समृद्धि योजना (SSY), एंप्लाईज प्रॉविडेंट फंड (EPF) और यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP) में निवेश करके आप आसानी से टैक्स बचा सकते हैं। इसमें रिटर्न भी टैक्स फ्री होता है।
आयकर विभाग विभिन्न स्रोतों से करदाताओं के निर्दिष्ट वित्तीय लेनदेन की जानकारी प्राप्त करता है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा कि आयकर विभाग को वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान व्यक्तियों/इकाइयों द्वारा किए गए विशिष्ट वित्तीय लेनदेन पर कुछ जानकारी प्राप्त हुई है।
Tax Planning Mistakes: टैक्स सेविंग के लिए आपको पूरी योजना के साथ निवेश करना चाहिए। नहीं तो आप इनकम एक्ट में दी गई टैक्स छूट का लाभ उठाने से वंचित रह सकते हैं।
आकलन वर्ष 2021-22 (वित्त वर्ष 2020-21) के लिए दाखिल कुछ आईटीआर में दर्ज वित्तीय लेनदेन की जानकारी और विभाग के पास उपलब्ध जानकारी के बीच अंतर है।
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