आयकर अधिनियम, 1961 की समीक्षा का मकसद मुकदमेबाजी को कम करना और करदाताओं को टैक्स निश्चितता प्रदान करना है। आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने की नई व्यवस्था को व्यापक स्वीकृति मिल रही है।
संजय मल्होत्रा ने राज्य और केंद्रीय जीएसटी स्ट्रक्चर से जुड़े प्रवर्तन प्रमुखों के राष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे संस्करण को संबोधित करते हुए फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट के सरगना और लाभार्थियों पर नजर रखने की भी आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि ऐसी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए सख्त कार्रवाई की जा सके।
रिफंड में होने वाली देरी के लिए सरकार टैक्सपेयर्स को सालाना 6 प्रतिशत का ब्याज देती है। रिफंड में होने वाली देरी के लिए 1 अप्रैल से रिफंड देने की तारीख तक ब्याज का भुगतान किया जाता है।
आयकर विभाग से नोटिस प्राप्त करने के बाद सबसे पहले इसे ध्यान से पढ़ना असैा समझना चाहिए। नोटिस मिलने पर धबराएं नहीं। आयकर विभाग आयकर अधिनियम, 1961 की विभिन्न धाराओं के तहत टैक्सपेयर्स को नोटिस भेजता है।
आपको बता दें कि आयकर रिफंड की प्रोसेसिंग तभी शुरू होती है जब टैक्सपेयर द्वारा रिटर्न को ई-वेरिफाई किया जाता है। आम तौर पर, करदाता के खाते में रिफंड जमा होने में 4 से 5 सप्ताह का समय लगता है।
आकलन वर्ष 2024-25 के लिए दाखिल किए गए कुल 7.28 करोड़ आईटीआर में से नई टैक्स व्यवस्था के तहत 5.27 करोड़ रिटर्न दाखिल किए गए हैं। वहीं पुरानी टैक्स व्यवस्था में दाखिल रिटर्न की संख्या 2.01 करोड़ है।
यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि डेडलाइन के बाद रिटर्न दाखिल करने वाले करदाताओं को रिटर्न दाखिल करने में देरी के लिए जुर्माने से कोई छूट नहीं दी जाती है। करदाताओं को आयकर रिटर्न जमा करने के बाद रिटर्न को सत्यापित करना नहीं भूलना चाहिए।
ITR Last Date : 31 जुलाई तक 7 करोड़ से अधिक इनकम टैक्स रिटर्न भरे गये हैं। आयकर विभाग ने एक्स पर यह जानकारी दी है।
टैक्स रिफंड केवल उन्हीं बैंक खातों में जमा किया जाता है जिन्हें इलेक्ट्रॉनिक क्लियरिंग सर्विस (ईसीएस) के जरिये पहले से वेरिफाई किया गया है।
राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने कहा कि इससे पहले वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 8.61 करोड़ आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल किए गए थे। बजट में घोषित व्यापक आयकर समीक्षा के पीछे का विचार कर कानून को सरल बनाना है।
सीबीडीटी के चेयरमैन ने कहा कि नई कर व्यवस्था के प्रति ‘पर्याप्त आकर्षण’ है और आज तक दाखिल लगभग 66 प्रतिशत आयकर रिटर्न (आईटीआर) नई व्यवस्था के तहत हैं।
आयकर विभाग ने यह साफ किया कि रियल एस्टेट क्षेत्र को अब संपत्ति बिक्री पर इंडेक्सेशन का लाभ नहीं मिलेगा। ‘इंडेक्सेशन’ व्यवस्था के तहत घर जैसे निवेश के खरीद मूल्य को इस तरह समायोजित किया जाता है कि ऐसी परिसंपत्तियों पर मुद्रास्फीति का प्रभाव नजर आए।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बीते मंगलवार को अपने बजट भाषण में लंबित अपीलों के निपटान के लिए योजना शुरू करने का प्रस्ताव रखा। टैक्स चुकाने वालों के लिए यह योजना राहत लेकर आएगी।
आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव अजय सेठ ने कहा कि कुल टैक्सपैयर्स में से दो-तिहाई यानी लगभग 68 प्रतिशत नई टैक्स व्यवस्था में आ गए हैं, दूसरी पुरानी टैक्स व्यवस्था में है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने न्यू टैक्स रिजीम में बदलाव किया है। इसके बाद ओल्ड या न्यू में किसे चुनना फायदेमंद रहेगा?
10 से 12 लाख की आय पर 15 फीसदी की दर से टैक्स देना होगा होगा। वहीं 12 से 15 लाख के आय पर 20 फीसदी की दर से टैक्स लगेगा। 15 लाख से अधिक के इनकम पर 30 फीसदी की दर से टैक्स देना होगा। हालांकि, ओल्ड टैक्स रिजीम में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
यह फंड सैलरीड क्लास और स्वरोजगार वालों के लिए टॉप निवेश विकल्पों में से एक हैं। यह आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80सी के तहत टैक्स कटौती के लिए पात्र एकमात्र म्यूचुअल फंड हैं। निवेशक अलग-अलग टैक्स बचत विकल्पों में निवेश करके ₹1.5 लाख तक की कटौती का दावा कर सकते हैं।
आयकर विभाग ने टैक्सपेयर्स को सूचित किया कि आयकर (आईटी) अधिनियम, 1961 के मुताबिक, वेरिफिकेशन (सत्यापन) में देरी के विपरीत परिणाम हो सकते हैं।
आखिरी तारीख का इंतजार करने से बचते हुए जितनी जल्दी हो इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर देना चाहिए। जानकारों का कहना है कि ऑनलाइन इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने से पहले कुछ जरूरी होमवर्क पहले कर लेना चाहिए।
जानकारों का कहना है कि किसी भी टैक्सपेयर्स को आखिरी तारीख में रिटर्न फाइल करने का इंतजार नहीं करना चाहिए। आयकर रिटर्न (आईटीआर) फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई है।
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