इस विधेयक में आय छिपाने, परिशोधन, संशोधन, नोटिस जारी करने इत्यादि के लिए फेसलैस आकलन का प्रस्ताव किया गया है।
वित्त वर्ष 2020-21 की पहली छमाही में प्रत्यक्ष कर संग्रह 22.5 प्रतिशत की गिरावट के साथ 2,53,532 करोड़ रुपए रहा है।
आयकर विभाग ने बुधवार को कहा है कि उसने एक अप्रैल से लेकर आठ सितंबर 2020 के बीच 27.55 लाख करदाताओं को 1.01 लाख करोड़ रुपये का रिफंड जारी किया है।
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की समय सीमा बढ़ाकर 30 नवंबर, 2020 तक कर दी है।
आयकर विभाग उस जानकारी के आधार पर यह जांच करता है कि अमुक व्यक्ति ने अपना कर सही से चुकाया है या नहीं। इस जानकारी का उपयोग ईमानदार करदाताओं की जांच के लिए नहीं होता।
‘आयकर रिटर्न फॉर्म में किसी तरह के बदलाव का कोई प्रस्ताव नहीं’
पीएम मोदी ने कहा कि हमारा प्रयास है कि हमारी टैक्स प्रणाली सीमलेस हो, पेनलेस हो और फेसलेस हो। सीमलेस यानि टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन, हर टैक्सपेयर को उलझाने के बजाये समस्या को सुलझाने के लिए काम करे।
प्रधानमंत्री पारदर्शी कराधान- ईमानदार का सम्मान के लिए जो प्लेटफॉर्म लॉन्च किया हैै वह प्रत्यक्ष कर सुधारों की यात्रा को और भी आगे ले जाएगा।
शैल कंपनियों की मदद से फर्जीवाड़ा करने का आरोप
आकलन वर्ष 2015-16 में जांच के लिए चुनी गई कुल रिटर्न की संख्या 0.71 प्रतिशत थी, जो कि 2016-17 में कम होकर 0.40 प्रतिशत, 2017-18 में 0.55 प्रतिशत और 2018-19 में 0.25 प्रतिशत रह गई।
आंकड़ों से मिले संकेत कि हर संभव क्षेत्र में कारोबारी गतिविधिया शुरू
जवाबों के आकलन के लिए आयकर विभाग की विशेष टीमें बनायी गई हैं
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को ट्वीट कर बताया कि आयकर विभाग ने 20 लाख से अधिक आयकर दाताओं को 62,361 करोड़ रुपए का आयकर रिफंड किया है।
बाजार मूल्य से कम कीमत पर प्रॉपर्टी खरीदने वालों को भी मिली राहत
2020-21 के बजट में नई कर आयकर व्यवस्था का प्रस्ताव किया गया है
इसके अलावा वित्त वर्ष 2018-19 के लिए अगर कोई रिवाइज्ड आयकर रिटर्न दाखिल करना चाहता है तो उसके लिए तारीख अब 31 जुलाई 2020 होगी। बुधवार को आयकर विभाग ने इसको लेकर अधिसूचना जारी कर दी है
2019-20 के टैक्स छूट के लिए निवेश की अंतिम समय सीमा बढ़कर 31 जुलाई 2020 हुई
पहली तिमाही के दौरान अग्रिम कर भुगतान की अंतिम तिथि 15 जून होती है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के शुरुआती दो महीने देश में पूरी तरह से लॉकडाउन लागू था।
गलत जानकारी भरने पर या जानकारी न देने पर पड़ सकता ही पेनल्टी
यह सुविधा उन पैन आवेदकों को उपलब्ध होगी जिनके पास वैध आधार नंबर है और उनका मोबाइल नंबर आधार के साथ जुड़ा है।
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