आयकर रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख करीब आने पर आयकर विभाग ने रिटर्न फाइलिंग को आसान बनाने के लिए 'झटपट प्रोसेसिंग' शुरू की है।
आयकर विभाग के द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक अब तक कुल 2.17 करोड़ करदाताओं ने आईटीआर-1, 79.82 लाख ने आईटीआर-4, 43.18 लाख ने आईटीआर-3 और 26.56 लाख ने आईटीआर-2 दाखिल किया है।
लास्ट डेट से पहले ITR फाइल करने के कई फायदे हैं। समय से पहले ITR दाखिल करने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें किसी प्रकार की गलती होने पर इसे सुधारने का मौका मिल जाता है और टैक्सपेयर पेनाल्टी और नोटिस से बच जाते हैं।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने बताया था कि वह 14 दिसंबर तक 1.02 करोड़ से अधिक करदाताओं को 1.48 लाख करोड़ रुपये का टैक्स रिफंड कर चुका है।
इंस्टैंट ई-पैन कार्ड एप्लीकेशन फॉर्म में आपको सिर्फ अपना आधार नंबर एंटर करना होता है।
डुप्लीकेट पैन कार्ड के लिए आवेदन करने पर यदि इसमें कोई बदलाव नहीं है तो इसे रिप्रिंट करवाना संभव है।
रिहायशी रियल एस्टेट सेक्टर को प्रोत्साहन देने के लिए, सरकार ने 2 करोड़ रुपए मूल्य तक की आवासीय इकाई की पहली बार की बिक्री के लिए सर्कल रेट और समझौता मूल्य के बीच अंतर को बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया है
कोविड-19 के दौर में करदाताओं को राहत देने के लिए सरकार मई के बाद से बार-बार आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि को आगे खिसका रही है।
ऑनलाइन प्रक्रिया में आपको कई तरह की जानकारी भरनी पड़ती है और अलग-अलग स्टेप्स को फॉलो करना होता है, ऐसे में इस बात के काफी चांजेस होते हैं कि गलती से कोई गलती हो जाए।
केंद्र सरकार के अलावा अन्य सभी कर्मचारियों को एलटीसी किराये के बराबर किए जाने वाले नगद भुगतान पर आयकर छूट प्रदान की जाएगी। गैर-केंद्र सरकार कर्मचारियों में राज्य सरकारों, पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज, बैंक और प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारी शामिल होते हैं।
स्कीम के लिए अंतिम तारीख को 3 महीने बढ़ाकर 31 मार्च कर दिया है। पहले इस स्कीम की आखिरी तारीख 31 दिसंबर 2020 की थी, हालांकि अब ये तारीख बढ़ाकर 31 मार्च 2021 कर दी गई है। इस स्कीम के तहत करदाता कोई भी अतिरिक्त भुगतान के बिना अपने पुराने टैक्स विवाद का निपटारा कर सकता है।
व्यक्तिगत करदाताओं के लिये वित्त वर्ष 2019-20 का आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने की समय-सीमा एक महीने बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दी गयी है। वित्त मंत्रालय ने शनिवार को इसकी घोषणा की।
आयकर सर्वे के लिए अधिकारी करदाताओं के ठिकानों पर जा कर उनके लेखा खातों, इलेक्ट्रानिक साधनों में रखी गई सूचनाओं को खंगालते हैं। सीबीडीटी के अनुसार यह कदम तभी उठाया जाना चाहिये जब ब्योरा हासिल करने, आनलाइन रिकवरी जैसे अन्य सभी तरीके अपनाये जा चुके हों और उनसे कुछ हासिल नहीं हो सका।
सीबीडीटी ने ट्विटर पर लिखा है कि सीबीडीटी ने एक अप्रैल से 13 अक्टूबर के बीच 38.11 लाख करदाताओं को 1,23,474 करोड़ रुपए के रिफंड जारी किए।
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने में देरी होने पर हर महीने 1 प्रतिशत की दर से लेट फीस वसूलता है। इसके अलावा जल्दी ITR दाखिल करने से रिफंड भी आपको जल्दी मिलेगा।
पैन कार्ड और आधार कार्ड की डिटेल्स ऑफिस से छिपाने या न देने पर आपका तगड़ा नुकसान हो सकता है।
टैक्स चोरी और कैश छुपाने पर लगाम लगाने के लिए आयकर विभाग ने नियमों को सख्त कर दिया है। अगर आप अपने धन को लेकर विभाग के अधिकारियों को संतुष्ट नहीं कर सके तो आप पर 83.25 फीसदी टैक्स लग सकता है। इसमें 60 फीसदी टैक्स 25 फीसदी का सरचार्ज और 6 फीसदी की पेनल्टी शामिल हैं।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने एक ट्वीट में कहा कि सीबीडीटी ने 1 अप्रैल से 6 अक्टूबर के बीच 35.93 लाख से अधिक करदाताओं को 1,21,607 करोड़ रुपए का रिफंड जारी किया है।
आयकर विभाग ने आज एक बार फिर से कहा है कि वित्त वर्ष 2019-20 के लिए आयकर रिटर्न भरने की तारीख 30 नवंबर कर दी गई है।
वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा कि इस चेहरारहित (फेसलेस) अपील प्रणाली में सभी आयकर अपील को करदाता और कर अधिकारी के ‘आमने-सामने’ आये बिना अंतिम रूप दिया जायेगा।
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