आयकर की धारा-80C के तहत आप होम लोन के मूलधन भुगतान पर 1.5 लाख रुपये तक की कर छूट प्राप्त कर सकते हैं।
आयकर अधिनियम में अग्रिम कर निर्णय व्यवस्था का प्रावधान किया गया है ताकि प्रवासी करदाताओं को स्थिति साफ की जा सके।
आयकर विभाग ने बताया कि 26 दिसंबर तक जमा हुए आयकर रिटर्न में 2.44 करोड़ रिटर्न आईटीआर-1 फॉर्म (सहज) हैं, जबकि 1.12 करोड़ रिटर्न आईटीआर-4 फॉर्म (सुगम) हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान में 35 अरब रुपये (20 करोड़ डॉलर) से अधिक की संपत्ति रखने वाले 160 से अधिक सांसद आयकर का भुगतान नहीं कर रहे हैं
जिस स्थिति में अन्य व्यक्ति की आय करदाता की आय में शामिल होती है, उसे आय का क्लबिंग कहा जाता है।
आयकर कानून (Income Tax Act) में गिफ्ट को लेकर खास प्रावधान किए गए हैं, यानि आपको कुछ गिफ्ट पर टैक्स देना पड़ सकता है और कुछ गिफ्ट टैक्स फ्री होती हैं।
अगर आपने अपने परिवार में बच्चों के साथ-साथ अपने लाइफ पार्टनर के लिए हेल्थ इंश्योरेंस लिया है और उसका प्रिमियम भर रहें तो आप आसानी से सेक्शन 80D के तहत 25,000 रुपये तक के निवेश पर टैक्स छूट का लाभ उठा सकते हैं।
अनदेखी के कारण टैक्स अदा करने वाले को आईटीआर भरने से कुछ चूक हो जाती हैं। जिसका खामियाजा उन्हें अंतिम तारीख बीतने के बाद उठाना पड़ता है।
सिर्फ निवेश करने पर ही नहीं बल्कि दान देने पर भी आपको टैक्स से छूट मिल सकती है। यही ध्यान में रखते हुए हम आपको टैक्स सेविंग में मदद करने वाली आयकर की धाराओं के बारे में बताने जा रहे हैं।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, टैक्सेबल इनकम और टीडीएस से जुड़ी जानकारी फॉर्म 26AS जारी कर उपलब्ध कराता रहा है।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि प्रतिदिन दाखिल किए जाने वाले आयकर रिटर्न की संख्या चार लाख से अधिक हो गई है
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि आभासी मुद्राओं से देश की आर्थिक एवं वित्तीय स्थिरता को लेकर कई गहरी चिंताएं जुड़ी हुई हैं।
वित्त वर्ष 2020-21 के लिए अब तक 2. 38 करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न दाखिल किए जा चुके हैं। इसमें से 1. 68 करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न (आईटीआर) संसाधित किए गए हैं,
सरकार वित्त वर्ष 2020-21 के लिए आईटीआर दाखिल करने की नियत तारीख दो बार बढ़ा चुकी है। करदाताओं के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर है।
सीबीआइसी ने कहा कि आयुक्त या उनके द्वारा अधिकृत एक अधिकारी (जो सहायक आयुक्त के पद से नीचे का न हो) को मामले के सभी तथ्यों पर विचार करने के बाद ही करदाताओं के आईटीसी पर रोक लगाने के लिए एक राय बनानी चाहिए।
यदि आईटीआर पहले ही फाइल हो चुका है और कुछ जानकारी को आईटीआर में शामिल नहीं किया जा सका है तब इस मामले में रिटर्न को टीआईएस में दिखाई गई सही जानकारी के आधार पर संशोधित किया जा सकता है।
आयकर विभाग ने पिछले सप्ताह महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और अन्य से कथित रूप से जुड़े कम से कम 70 परिसरों पर छापेमारी की।
समस्याओं के चलते ही सरकार ने व्यक्तिगत आयकरदाताओं के लिए वित्त वर्ष 2020-21 के लिए आईटीआर फाइल करने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 31 दिसंबर, 2021 कर दी है।
अधिसूचना के मुताबिक सेफ हार्बर नियमों (एसएचआर) के तहत दरें 2016-17 से 2018-19 तक लागू हैं और इसे बाद में 2019-20 तक बढ़ाया गया और ये 2020-21 में भी लागू रहेंगी।
पोर्टल के शुरू होने के दिन से ही करदाताओं और पेशेवरों ने इसके कामकाज में गड़बड़ियों और कठिनाइयों की रिपोर्ट की थी।
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