उद्योग व आर्थिक क्षेत्र के विशेषज्ञों का मानना है कि आगामी बजट में कर मुक्त आय की सीमा ढाई से बढ़ाकर तीन लाख रुपए की जा सकती है।
आम बजट 2018-19 में ऐसे उत्पादों पर सीमा शुल्क और उत्पाद शुल्क में परिवर्तन किया जा सकता है। आयकर और निगमकर में भी जेटली ने करदाताओं को राहत देने के संकेत दिए हैं, जैसा कि उन्होंने कहा है कि कर आधार में विस्तार किया गया है।
आर्थिक विशेषज्ञों का अनुमान है कि आगामी बजट में कर मुक्त आय की सीमा ढाई से बढ़ाकर तीन लाख रुपए की जा सकती है। कुछ विश्लषकों का मानना है कि सरकार वेतन भोगियों को कुछ राहत देने के लिए फिर स्टैंडर्ड डिडक्शन शुरू कर सकती है।
Budget 2018: आगामी बजट में टैक्स में मिल सकती है छूट, पेट्रोल और डीजल पर कम हो सकता है टैक्स, बजट में युनिवर्सल बेसिक इनकम पर हो सकती है घोषणा, नौकरियां बढ़ाने पर ज्यादा फोकस
प्रियंका चोपड़ा को घड़ियां बेचने वाली एक कंपनी की तरफ से 40 लाख रुपए की महंगी और लग्जरी घड़ी दी गई थी जिसे प्रियंका चोपड़ा ने आपनी आय न बताकर उसे कंपनी की तरफ से गिफ्ट बताया।
वेतनभोगी कर्मचारी उत्सुकता से आम बजट 2018 का इंतजार कर रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि सरकार उन्हें इनकम टैक्स में कुछ राहत दे सकती है। कानून के अनुसार वेतनभोगी कर्मचारियों को कई कटौती का लाभ मिलता है।
आयकर विभाग के मुताबिक किसी भी पंजीकृत ट्रस्ट को कैश में 2000 रुपए से अधिक का दान न दें। उलंघन करने पर जुर्माना हो सकता है
गणतंत्र दिवस की परेड में इस साल पहली बार आयकर विभाग की भी झांकी होगी। इसका विषय नोटबंदी के बाद उसके द्वारा शुरु किया गया कालाधन-रोधी विशेष अभियान होगा।
सातवें वेतन आयोग के बाद व्यक्तिगत खर्च योग्य आय में वृद्धि के साथ आयकर छूट सीमा 50,000 रुपए बढ़ाकर 3 लाख रुपए किए जाने की जरूरत है। यह बात एसबीआई की एक रिपोर्ट में कही गई है।
रोजमर्रा के उपयोग का सामान बनाने वाली (एफएमसीजी) कंपनियां चाहती हैं कि आगामी बजट ग्रामीण बाजारों पर केंद्रित हो जिससे वेतन-मजदूरी में गिरावट को रोका जा सके।
वित्तीय परामर्श सेवा कंपनी ईवाय के एक बजट पूर्व सर्वेक्षण में 69 प्रतिशत लोगों की राय है कि कर छूट का स्तर बढ़ाना चाहिए ताकि लोगों के पास खर्च करने को ज्यादा आय बचे
सरकार को आवासीय क्षेत्र में मांग बढ़ाने के लिए पहली बार घर खरीदने वालों को मिलने वाली कर छूट को आगामी बजट में दोगुना कर एक लाख रुपए कर दिया जाना चाहिए। रियल एस्टेट क्षेत्र की प्रमुख सलाहकार कंपनी जेएलएल इंडिया ने यह सुझाव दिया है।
अभी तक 2.50 लाख रुपए की सालाना कमाई पर किसी तरह का टैक्स नहीं लगता है और 10 लाख रुपए से ऊपर की ग्रेच्युटी पर भी इनकम टैक्स चुकाना पड़ता है
चालू वित्त वर्ष के पहले साढ़े नौ महीने में सरकार का डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 18.7 प्रतिशत बढ़ा है, जो राहत देने वाली बात है।
आम बजट की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, हर कोई- विशेषकर नौकरीपेशा लोग- वित्त मंत्री अरुण जेटली की ओर उम्मीद भरी नजरों से देख रहा है।
900 से ज्यादा मामलों में संपत्ति जब्त की गई है, जब्त की गई संपत्ति में जमीन, फ्लैट, दुकान, ज्वैलरी, गाड़ियां, बैंक खातों में डिपॉजिट तथा फिक्स डिपॉजिट शामिल हैं।
नए कानून में बेनामी संपत्ति रखने पर लोगों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाया जा सकता है और सात साल तक का कठोर कारावास भी हो सकता है।
इस साल 1 फरवरी को जब वित्त मंत्री अरुण जेटली अपना बजट भाषण पढ़ रहे होंगे तो उस वक्त मध्यम वर्ग की निगाहें और उम्मीदें उन पर टिकी होंगी।
आयकर वसूली के मोर्चे पर सरकार को बड़ी राहत मिली है। चालू वित्त वर्ष के शुरुआती नौ माह में प्रत्यक्ष कर वसूली 18.2 प्रतिशत बढ़कर 6.56 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई।
आयकर विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक निर्धारण वर्ष 2015-16 (वित्त वर्ष 2014-15) में आयकर रिटर्न फाइल करने वालों की संख्या बढ़कर 4.07 करोड़ हो गई जो इससे पहले के वर्ष में 3.65 करोड़ थी।
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