केंद्र सरकार के अलावा अन्य सभी कर्मचारियों को एलटीसी किराये के बराबर किए जाने वाले नगद भुगतान पर आयकर छूट प्रदान की जाएगी। गैर-केंद्र सरकार कर्मचारियों में राज्य सरकारों, पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज, बैंक और प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारी शामिल होते हैं।
स्कीम के लिए अंतिम तारीख को 3 महीने बढ़ाकर 31 मार्च कर दिया है। पहले इस स्कीम की आखिरी तारीख 31 दिसंबर 2020 की थी, हालांकि अब ये तारीख बढ़ाकर 31 मार्च 2021 कर दी गई है। इस स्कीम के तहत करदाता कोई भी अतिरिक्त भुगतान के बिना अपने पुराने टैक्स विवाद का निपटारा कर सकता है।
व्यक्तिगत करदाताओं के लिये वित्त वर्ष 2019-20 का आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने की समय-सीमा एक महीने बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दी गयी है। वित्त मंत्रालय ने शनिवार को इसकी घोषणा की।
आयकर सर्वे के लिए अधिकारी करदाताओं के ठिकानों पर जा कर उनके लेखा खातों, इलेक्ट्रानिक साधनों में रखी गई सूचनाओं को खंगालते हैं। सीबीडीटी के अनुसार यह कदम तभी उठाया जाना चाहिये जब ब्योरा हासिल करने, आनलाइन रिकवरी जैसे अन्य सभी तरीके अपनाये जा चुके हों और उनसे कुछ हासिल नहीं हो सका।
सीबीडीटी ने ट्विटर पर लिखा है कि सीबीडीटी ने एक अप्रैल से 13 अक्टूबर के बीच 38.11 लाख करदाताओं को 1,23,474 करोड़ रुपए के रिफंड जारी किए।
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने में देरी होने पर हर महीने 1 प्रतिशत की दर से लेट फीस वसूलता है। इसके अलावा जल्दी ITR दाखिल करने से रिफंड भी आपको जल्दी मिलेगा।
पैन कार्ड और आधार कार्ड की डिटेल्स ऑफिस से छिपाने या न देने पर आपका तगड़ा नुकसान हो सकता है।
टैक्स चोरी और कैश छुपाने पर लगाम लगाने के लिए आयकर विभाग ने नियमों को सख्त कर दिया है। अगर आप अपने धन को लेकर विभाग के अधिकारियों को संतुष्ट नहीं कर सके तो आप पर 83.25 फीसदी टैक्स लग सकता है। इसमें 60 फीसदी टैक्स 25 फीसदी का सरचार्ज और 6 फीसदी की पेनल्टी शामिल हैं।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने एक ट्वीट में कहा कि सीबीडीटी ने 1 अप्रैल से 6 अक्टूबर के बीच 35.93 लाख से अधिक करदाताओं को 1,21,607 करोड़ रुपए का रिफंड जारी किया है।
आयकर विभाग ने आज एक बार फिर से कहा है कि वित्त वर्ष 2019-20 के लिए आयकर रिटर्न भरने की तारीख 30 नवंबर कर दी गई है।
वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा कि इस चेहरारहित (फेसलेस) अपील प्रणाली में सभी आयकर अपील को करदाता और कर अधिकारी के ‘आमने-सामने’ आये बिना अंतिम रूप दिया जायेगा।
इस विधेयक में आय छिपाने, परिशोधन, संशोधन, नोटिस जारी करने इत्यादि के लिए फेसलैस आकलन का प्रस्ताव किया गया है।
वित्त वर्ष 2020-21 की पहली छमाही में प्रत्यक्ष कर संग्रह 22.5 प्रतिशत की गिरावट के साथ 2,53,532 करोड़ रुपए रहा है।
आयकर विभाग ने बुधवार को कहा है कि उसने एक अप्रैल से लेकर आठ सितंबर 2020 के बीच 27.55 लाख करदाताओं को 1.01 लाख करोड़ रुपये का रिफंड जारी किया है।
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की समय सीमा बढ़ाकर 30 नवंबर, 2020 तक कर दी है।
आयकर विभाग उस जानकारी के आधार पर यह जांच करता है कि अमुक व्यक्ति ने अपना कर सही से चुकाया है या नहीं। इस जानकारी का उपयोग ईमानदार करदाताओं की जांच के लिए नहीं होता।
‘आयकर रिटर्न फॉर्म में किसी तरह के बदलाव का कोई प्रस्ताव नहीं’
पीएम मोदी ने कहा कि हमारा प्रयास है कि हमारी टैक्स प्रणाली सीमलेस हो, पेनलेस हो और फेसलेस हो। सीमलेस यानि टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन, हर टैक्सपेयर को उलझाने के बजाये समस्या को सुलझाने के लिए काम करे।
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