2014 से लेकर अब तक टैक्स रिटर्न दायर करने वालों की संख्या दोगुना हो गई है। वित्त मंत्री ने आज बजट भाषण में जानकारी दी की 2020 में टैक्स रिटर्न भरने वालों की संख्या 6.84 करोड़ हो गई, जो कि 2014 में 3.31 करोड़ थी
इसके अलावा बुजुर्गों को पेंशन और ब्याज से कमाई पर आयकर नहीं देना होगा। वित्त मंत्री ने बताया कि 2020 में आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या 6.84 करोड़ हो गई, जो 2014 में 3.31 करोड़ थी।
व्यक्तिगत आयकर मद में 1.71 करोड़ करदाताओं को 62,231 करोड़ रुपये और कंपनी कर के मामले में 2.12 लाख करदाताओं को विभाग ने 1.19 लाख करोड़ रुपये लौटाये गए हैं।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने ट्वीट कर बताया कि सीबीडीटी ने इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की धारा 119 के तहत 11 जनवरी को एक आदेश पारित कर धारा 44एबी के तहत ऑडिट रिपोर्ट को फाइल करने की अंतिम तारीख आगे बढ़ाने से साफ इनकार कर दिया है।
कर विभाग के विभिन्न जांच निदेशालयों में एक नई इकाई के रूप में एफएआईयू का गठन किया गया है। इसका मकसद विदेशों में भारतीयों द्वारा रखी गई अघोषित संपत्ति और काले धन से जुड़े मामलों पर ध्यान देना है।
कर विभाग के देश में विभिन्न भागों में सभी 14 जांच निदेशालयों में विदेशी परिसंपत्ति जांच इकाई (एफएआईयू) का गठन किया गया। इन निदेशालयों का प्राथमिक कार्य छापे मारना और तलाशी लेना है। साथ ही विभिन्न तरीकों से की जाने वाली कर चोरी को रोकने के लिये तौर-तरीके विकसित करना है।
पांच जनवरी तक 2.7 करोड़ से अधिक आईटीआर-1 भरे गये जो पांच सितंबर, 2019 तक भरे गये 3.1 करोड़ के मुकाबले कम है। वहीं आईटीआर-4 के संदर्भ में पांच जनवरी तक 1.16 करोड़ रिटर्न भरे गये जो पांच सितंबर, 2019 तक 1.28 करोड़ थे।
योजना के तहत मिल रहे आवेदनों और दिसंबर में आवेदनों में तेजी को देखते हुए सरकार ने इसकी समय सीमा एक महीने बढ़ाकर 31 जनवरी कर दी थी। योजना का लाभ उठाने वाली कंपनियां जेसे ही बकाया कर का भुगतान करती है, उनके खिलाफ लंबित मामले को वापस ले लिया जाता है
आयकर विभाग ने साफ किया कि आयकरदाताओं को रिटर्न दी गई तारीख तक भरना है हालांकि आधार ओटीपी या दूसरे माध्यम के जरिए ई-वेरिफिकेशन रिटर्न फाइल करने के 120 दिनों तक किया जा सकता है।
आयकर रिटर्न में से 2.38 करोड़ करदाताओं ने आईटीआर-1 दाखिल किया है, 92.26 लाख ने आईटीआर-4, वहीं, 51.05 लाख से अधिक ने आईटीआर-3 और 31.09 लाख से अधिक करदाताओं ने आईटीआर-2 जमा कराया है।
व्यक्तिगत करदाताओं द्वारा वित्त वर्ष 2019-20 के लिए आईटीआर दाखिल करने की समयसीमा 31 दिसंबर, 2020 को समाप्त हो रही है।
आयकर रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख करीब आने पर आयकर विभाग ने रिटर्न फाइलिंग को आसान बनाने के लिए 'झटपट प्रोसेसिंग' शुरू की है।
आयकर विभाग के द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक अब तक कुल 2.17 करोड़ करदाताओं ने आईटीआर-1, 79.82 लाख ने आईटीआर-4, 43.18 लाख ने आईटीआर-3 और 26.56 लाख ने आईटीआर-2 दाखिल किया है।
लास्ट डेट से पहले ITR फाइल करने के कई फायदे हैं। समय से पहले ITR दाखिल करने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें किसी प्रकार की गलती होने पर इसे सुधारने का मौका मिल जाता है और टैक्सपेयर पेनाल्टी और नोटिस से बच जाते हैं।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने बताया था कि वह 14 दिसंबर तक 1.02 करोड़ से अधिक करदाताओं को 1.48 लाख करोड़ रुपये का टैक्स रिफंड कर चुका है।
इंस्टैंट ई-पैन कार्ड एप्लीकेशन फॉर्म में आपको सिर्फ अपना आधार नंबर एंटर करना होता है।
डुप्लीकेट पैन कार्ड के लिए आवेदन करने पर यदि इसमें कोई बदलाव नहीं है तो इसे रिप्रिंट करवाना संभव है।
रिहायशी रियल एस्टेट सेक्टर को प्रोत्साहन देने के लिए, सरकार ने 2 करोड़ रुपए मूल्य तक की आवासीय इकाई की पहली बार की बिक्री के लिए सर्कल रेट और समझौता मूल्य के बीच अंतर को बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया है
कोविड-19 के दौर में करदाताओं को राहत देने के लिए सरकार मई के बाद से बार-बार आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि को आगे खिसका रही है।
ऑनलाइन प्रक्रिया में आपको कई तरह की जानकारी भरनी पड़ती है और अलग-अलग स्टेप्स को फॉलो करना होता है, ऐसे में इस बात के काफी चांजेस होते हैं कि गलती से कोई गलती हो जाए।
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