आर्थिक विशेषज्ञों का अनुमान है कि आगामी बजट में कर मुक्त आय की सीमा ढाई से बढ़ाकर तीन लाख रुपए की जा सकती है। कुछ विश्लषकों का मानना है कि सरकार वेतन भोगियों को कुछ राहत देने के लिए फिर स्टैंडर्ड डिडक्शन शुरू कर सकती है।
वेतनभोगी कर्मचारी उत्सुकता से आम बजट 2018 का इंतजार कर रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि सरकार उन्हें इनकम टैक्स में कुछ राहत दे सकती है। कानून के अनुसार वेतनभोगी कर्मचारियों को कई कटौती का लाभ मिलता है।
रोजमर्रा के उपयोग का सामान बनाने वाली (एफएमसीजी) कंपनियां चाहती हैं कि आगामी बजट ग्रामीण बाजारों पर केंद्रित हो जिससे वेतन-मजदूरी में गिरावट को रोका जा सके।
वित्तीय परामर्श सेवा कंपनी ईवाय के एक बजट पूर्व सर्वेक्षण में 69 प्रतिशत लोगों की राय है कि कर छूट का स्तर बढ़ाना चाहिए ताकि लोगों के पास खर्च करने को ज्यादा आय बचे
आम बजट की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, हर कोई- विशेषकर नौकरीपेशा लोग- वित्त मंत्री अरुण जेटली की ओर उम्मीद भरी नजरों से देख रहा है।
नोटबंदी से हुई परेशानी को दूर करने के लिए जेटली 2017-18 के बजट में कुछ कर राहत और अन्य प्रोत्साहन दे सकते हैं जिससे अर्थव्यवस्था को रफ्तार मिल सके।
नोटबंदी के बाद चूंकि सरकार का टैक्स कलेक्शन बढ़ा है इसलिए हम उम्मीद कर सकते हैं कि बजट में आयकर की दरों में कटौती, टैक्स छूट की सीमा में बढ़ोतरी करेगी।
मांग बढ़ाने के उपाय करने के साथ साथ व्यक्तिगत आयकर छूट की सीमा बढ़ाकर पांच लाख रुपए की जानी चाहिए। साथ ही बजट में कुछ कदम लीक से हटकर उठाए जाने चाहिए।
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