एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जब किसी व्यक्ति की आय 3 लाख रुपये से 15 लाख रुपये तक पांच गुना बढ़ जाती है, तो आयकर की दर छह गुना बढ़ जाती है, जो कि काफी अधिक है।
Income Tax Slab Budget 2024 : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में इनकम टैक्स में कोई बदलाव नहीं किया है। वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले 10 साल से अधिक समय से टैक्स कलेक्शन दोगुना हो गया है।
Budget 2024: आने वाले बजट से नौकरीपेशा लोगों की कई मांगे हैं, जिसमें टैक्स स्लैब में राहत देना प्रमुख है।
वित्त मंत्री ने कहा कि जब 2023-24 के केंद्रीय बजट में 7 लाख रुपये तक की कमाई के लिए आयकर छूट प्रदान करने का निर्णय लिया गया था। तब कई लोगों ने पूछा कि 7 लाख रुपये से कुछ अधिक की कमाई का क्या होगा।
बजट 2023 ने नई कर व्यवस्था के तहत मूल छूट सीमा को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दिया है। इससे आपके 2500 रुपये टैक्स बचेंगे।
सभी को यह उम्मीद थी कि सरकार 1 फरवरी को पेश किए गए बजट में एनआरआई और विदेशी नागरिकों के रेजिडेंसी स्टेट्स पर स्पष्टता देगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को बजट-2021 भाषण में आयकर स्लैब में कोई बदलाव न करने की घोषणा की है।
नए टैक्स स्लैब में 2.5 लाख तक सालाना आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। वहीं 2.5 लाख से 5 लाख तक की सालाना आय पर 5 प्रतिशत टैक्स लगेगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि दूसरी वैकल्पिक आयकर व्यवस्था को पेश करने का मकसद देश को एक ‘सरल, छूट रहित और कम कर दरों’ वाली व्यवस्था की ओर ले जाना है।
सालाना 13 लाख रुपए अथवा इससे अधिक की कमाई करने वाले व्यक्ति को प्रस्तावित नए कर ढांचे में 1.43 लाख रुपए का कर देना होगा, जबकि मौजूदा पुरानी व्यवस्था में उसकी 1.48 लाख रुपए की कर देनदारी बनेगी।
नई दरें उन्हीं लोगों के लिए हैं जो इनकम टैक्स कानून के तहत प्रदत सभी छूटों को छोड़ने के लिए तैयार होंगे।
देश विदेश में सुस्त पड़ते आर्थिक परिदृश्य के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज यानी शनिवार (1 फरवरी 2020) को आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने वाला 'फील गुड' बजट पेश कर सकती हैं।
आयकर दाताओं को इस बार आम बजट 2020-2021 में बड़ी राहत मिल सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बजट में इनकम टैक्स स्लैब में बड़ी कटौती हो सकती है।
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने गुरुवार को कहा कि सरकार सही समय आने पर आयकर छूट सीमा बढ़ाने के बारे में निर्णय लेगी। पिछले सप्ताह सरकार ने कॉरपोरेट कर की दर को 30 प्रतिशत से घटाकर 22 प्रतिशत कर दिया था।
वर्तमान में, 2.5 से 5 लाख रुपए की आय पर 5 प्रतिशत इनकम टैक्स लगता है। 5 से 10 लाख रुपए तक की आय वालों को 20 प्रतिशत और 10 लाख से अधिक आय वालों को 30 प्रतिशत इनकम टैक्स देना होता है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण 2019-20 में 40 हजार रुपए के स्टैंडर्ड डिडक्शन (मानक कटौती) और इनकम टैक्स स्लैब को कायम रखने की घोषणा की है।
नए वित्त वर्ष 2018-19 की शुरुआत 1 अप्रैल से हो चुकी है और इस साल से सरकार ने कुछ नियमों में बदलाव भी किए हैं। हालांकि इनकम टैक्स के स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है, लेकिन कुछ कटौतियां किसी व्यक्ति की टैक्स योग्य आय पर प्रभाव डालेगी।
वित्त वर्ष 2018-19 के बजट में व्यक्तिगत आयकर स्लैब इस प्रकार हैं
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट भाषण में इनकम टैक्स स्लैब में किसी तरह के बदलाव का जिक्र नहीं किया। वित्त मंत्री ने करदाताओं को दूसरी तरह से राहत देते हुए इनकम टैक्स में स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा बढ़ा कर 40,000 रुपए कर दी है।
आम बजट 2018-19 में ऐसे उत्पादों पर सीमा शुल्क और उत्पाद शुल्क में परिवर्तन किया जा सकता है। आयकर और निगमकर में भी जेटली ने करदाताओं को राहत देने के संकेत दिए हैं, जैसा कि उन्होंने कहा है कि कर आधार में विस्तार किया गया है।
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