व्यक्तिगत करदाताओं के पास वित्तीय वर्ष 2023-2024 (एवाई 2024-25) के लिए अपना आईटीआर फाइल करने के लिए 31 जुलाई तक का समय था, लेकिन वे शुल्क देकर 31 दिसंबर से पहले ऐसा कर सकते थे।
डायरेक्ट टैक्स विवाद से विश्वास योजना, 2024 के मूल नियमों के मुताबिक, 31 दिसंबर, 2024 से पहले घोषणा दाखिल करने वाले करदाताओं को विवादित टैक्स डिमांड का 100 प्रतिशत भुगतान करना पड़ता है। ऐसे मामलों में ब्याज और जुर्माना माफ करने का प्रावधान किया गया है।
डिजी यात्रा एयरपोर्ट में आसानी से एंट्री लेने का एक एडवांस प्लेटफॉर्म है। चेहरे की पहचान तकनीक पर आधारित, डिजी यात्रा एयरपोर्ट पर अलग-अलग चेक पॉइंट्स पर पैसेंजर्स की कॉन्टैक्टलेस, निर्बाध आवाजाही प्रदान करती है।
भारत के टैक्स सिस्टम के तहत एक पूरे वित्त वर्ष में कई कामों से जुड़ी कई महत्वपूर्ण डेडलाइंस होती हैं। इंडीविजुअल्स के साथ-साथ कंपनी, ऑफिसेज, बैंक, अधिकारियों आदि के लिए इन डेडलाइंस का ध्यान रखना और समय पर नियमों का पालन बेहद जरूरी है। आयकर विभाग केके अनुसार, जनवरी से लेकर मार्च 2025 तक कई डेडलाइन आ रही है।
अपने आईटीआर में जीरो टैक्स योग्य इनकम की रिपोर्ट करने वाले व्यक्तियों की कुल संख्या आकलन वर्ष 2023-24 में 4.90 करोड़ है, जो 2022-23 में 4.64 लाख थी।
टैक्स सेविंग एफडी और ईएलएसएस के बीच चयन करना निवेशक की जोखिम और वित्तीय लक्ष्यों पर निर्भर करता है। ईएलएसएस उन लोगों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है जो टैक्स छूट चाहते हैं और उच्च रिटर्न के लिए बाजार जोखिम स्वीकार करने के लिए तैयार हैं।
अगर आईटीआर का रिफंड आने में देरी हो रही है तो सबसे पहले आपको आयकर ई-फाइलिंग पोर्टल पर स्टेटस चेक कर लेना चाहिए। इससे आपको प्रोसेसिंग के मौजूदा चरण और किसी भी मुद्दे के बारे में जानकारी मिलेगी जिस पर आपको ध्यान देने की आवश्यकता है।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कहा है कि जिन लोगों के पास पहले से पैन कार्ड हैं, उन्हें नए कार्ड के लिए अप्लाई करना अनिवार्य नहीं है। अगर किसी व्यक्ति को अपने मौजूदा पैन कार्ड में कोई करेक्शन या अपडेट कराना है तो वे PAN 2.0 प्रोजेक्ट के तहत नए कार्ड के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
PAN 2.0 प्रोजेक्ट का उद्देश्य सरकारी एजेंसियों के सभी डिजिटल सिस्टम के लिए एक ‘समान व्यवसाय पहचानकर्ता’ तैयार करना है। पैन नंबर, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा जारी किया जाने वाला 10 अंकों का एक यूनीक अल्फान्यूमेरिक नंबर है। ये नंबर संख्या भारतीय टैक्सपेयर्स को खासतौर पर जारी किया जाता है।
सरकार की तरफ से कहा गया है कि पैन में क्यूआर कोड जोड़ने सहित अपग्रेडेशन सभी टैक्सपेयर्स के लिए निःशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा। यह पहल सरकार के डिजिटल इंडिया विज़न के मुताबिक है।
क्रेडाई के अध्यक्ष बोमन ईरानी ने 25वें स्थापना दिवस के मौके पर ये भी सुझाव दिया कि सरकार को किफायती और मध्यम आय वर्ग के लिए आवास की मांग को बढ़ावा देने के लिए 75-80 लाख रुपये तक की लागत वाले निर्माणाधीन मकानों पर 1 प्रतिशत जीएसटी लगाना चाहिए।
अगर आपकी इनकम टैक्स स्लैब के दायरे में नहीं भी है तब भी वित्तीय योजना बनाने पर विचार करें। आपकी आय से टीडीएस काटा जा सकता है, जिसे आपको लिमिट के भीतर आय होने के कारण भुगतान नहीं करना चाहिए।
आपके पैन कार्ड के इनएक्टिव होने के कई कारण हो सकते हैं। एक मुख्य कारण पैन-आधार लिंक का न होना है। इसके अलावा, अगर किसी व्यक्ति के पास कई पैन कार्ड हैं, तो आयकर विभाग पैन कार्ड को इनएक्टिव कर देगा।
एफडी के नियमों के अनुसार एक वित्त वर्ष में फिक्स्ड डिपॉजिट पर 40,000 रुपये से ज्यादा का ब्याज प्राप्त करने पर 10 प्रतिशत के टीडीएस का भुगतान करना होगा। वहीं दूसरी ओर, अगर आप अपनी पत्नी के नाम से एफडी कराते हैं तो आप ये टीडीएस बचा सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के 10 साल के कार्यकाल में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में 182 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में व्यक्तिगत आयकर संग्रह लगभग चार गुना होकर 10.45 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है।
कंपनी ने कहा कि ट्रूकॉलर फिलहाल अपने कार्यालयों में अधिकारियों की पूरी तरह से सहायता कर रही है। यह बिना किसी पूर्व सूचना के हुआ और ट्रू-कॉलर वर्तमान में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से आधिकारिक पुष्टि और संचार की प्रतीक्षा कर रही है।
टैक्स अधिकारियों ने इस पूरे मामले पर बताया, “जीएसटी के तहत फर्जी पंजीकरण के खिलाफ दूसरे राष्ट्रव्यापी अभियान में हमने वैरिफिकेशन के लिए लगभग 73,000 जीएसटीआईएन की पहचान की थी।''
नए नियमों के तहत, अगर कोई व्यक्ति किसी भी नॉन-फाइनेंशियल ऐसेट को खरीदने के दो साल से ज्यादा समय बाद बेचता है तो उस पर इंडेक्सेशन के बिना 12.5 प्रतिशत की दर से कैपिटल गेन्स टैक्स चुकाना होता है।
पैन कार्ड टैक्सपेयर्स के लिए अहम है क्योंकि यह सभी वित्तीय लेनदेन के लिए जरूरी है और इसका उपयोग आपके पैसे के आने-जाने को ट्रैक करने के लिए किया जाता है।
सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, 11.25 लाख करोड़ रुपये के इस कलेक्शन में 5.98 लाख करोड़ रुपये का पर्सनल इनकम टैक्स कलेक्शन शामिल है।
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