फरवरी में दूरसंचार और नेटवर्किंग उत्पादों के लिए पीएलआई योजना को पांच वर्षों में 12,195 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ अधिसूचित किया था
साल 2020-21 में स्टील के कुल 10.2 करोड़ उत्पादन में वैल्यू एडेड और विशेष स्टील का हिस्सा सिर्फ 1.8 करोड़ टन था। वही कुल स्टील के आयात में इसका हिस्सा 60 प्रतिशत था।
अगले पांच वर्षों में 10.5 लाख करोड़ रुपये के मोबाइल फोन के निर्माण के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के 11,000 करोड़ रुपये के निवेश के 16 प्रस्तावों को मंजूरी दी है।
सरकार ने अनुमान दिया है कि पीएलआई योजना के तहत अगले 5 साल के दौरान 1.68 लाख करोड़ रुपये मूल्य के बराबर उत्पादन होगा और इस अवधि में 64400 करोड़ रुपये मूल्य का निर्यात किया जाएगा।
इस योजना से देश में करीब 2.5 लाख करोड़ रुपये मूल्य के दूरसंचार उपकरणों का उत्पादन किया जाएगा। वहीं अगले 5 वर्षों में करीब 2 लाख करोड़ रुपये का निर्यात किया जाएगा। इससे देश करीब 50 हजार करोड़ रुपये का आयात बिल बचा सकेगा।
योजना में इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स, ऑटो, ऑटो कंपोनेट्स, फार्मा, टेलीकॉम, नेटवर्किंग प्रोडक्ट, टेक्सटाइल, फूड प्रोडक्ट, व्हाइट गुड्स और स्टील सेक्टर शामिल हैं। इससे पहले सरकार ने ऐसी ही स्कीम इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर खास तौर पर मोबाइल फोन निर्माताओं के लिए लागू की थी।
सरकार पहले ही औषधि, चिकित्सा उपकरण, मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण कंपनियों के लिये पीएलआई योजना ला चुकी है। अब वह इस योजना को दूसरे क्षेत्रों में भी लागू करने पर विचार कर रही है।
यदि किसी बैंक का परिचालन लाभ 5 प्रतिशत से कम रहेगा तो उसके कर्मचारियों को कोई इनसेंटिव नहीं मिलेगा।
मोबाइल फोन एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए ड्यूटी छूट में की गई कटौती वापस हो सकती है
शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भीम की शुरुआत की। आधार आधारित इस डिजिटल भुगतान एप से जुड़ी दो प्रोत्साहन योजनाओं की भी घोषणा की गई है।
डिजिटल पेमेंट यानी USSD, AEPS, UPI और RuPay Card से पेमेंट करने में दिक्कत न हो इसके लिए सरकार नया हेल्पलाइन नंबर - 14444 शुरू करने जा रही है।
डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई कदम उठा रही है। इन्हीं में से एक है डिजिटल पेमेंट को प्रोत्साहित करने के लिए 'इंंसेंंटिव स्कीम' लाना।
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