पेट्रोलियम तथा इंजीनियरिंग वस्तुओं के एक्सपोर्ट में गिरावट के कारण देश का कुल वाणिज्यिक निर्यात फरवरी में 5.66 फीसदी घटकर 20.73 अरब डॉलर के बराबर रहा
राजन ने कहा कि निर्यात सिर्फ उत्पादकता में बढ़ोतरी, बुनियादी ढांचे में सुधार और नियमों को आसान बनाकर ही बढ़ाया जा सकता है जो सरकार के दायरे में है।
भारत लगातार तीसरे साल भारत दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक देश रहा है। पूरी दुनिया में हथियार आयात करने के मामले में भारत की 14 फीसदी हिस्सेदारी रही।
डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर होता जा रहा है। एशियाई करेंसी में मजबूती के बावजूद हफ्ते के पहले दिन रुपया शुरुआती कारोबार में 23 पैसे टूटकर 30 महीने के न्यूनतम स्तर 68.69 पर आ गया।
दुनिया के सबसे बड़े रिफाइनरी परिसर के मालिक मुकेश अंबानी का मानना है कि ग्लोबल स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें अभी तीन से पांच साल तक निचले स्तर पर बने रहेंगे।
भारत के एक्सपोर्ट में जनवरी के दौरान भी गिरावट का रुख रहा। यह लगातार 14वां महीना है, जब एक्सपोर्ट में गिरावट आई है।
कैंसर और एचआईवी के इलाज के काम आने वाली कई जीवन रक्षक दवाओं समेत कुल 74 दवाओं पर कस्टम ड्यूटी छूट खत्म की गई है, ताकि घरेलू उत्पादकों को प्रोत्साहन मिले।
सरकार की कोशिशों के बावजूद देश में सोने का इंपोर्ट कम नहीं हो रहा है। इसके बाद अटकलें लगाई जा रही थी कि सरकार इसको देखते हुए ड्यूटी में बढ़ोतरी कर सकती है।
अगले माह से दाल की घरेलू आपूर्ति बढ़ाने के लिए एमएमटीसी ने 5,000 टन तुअर दाल के आयात को लेकर निविदा जारी की है।
ग्लोबल स्तर पर सुस्त मांग से देश का निर्यात आंकड़ा इस साल ज्यादातर समय गिरावट में रहा। हालांकि, सरकार की पहलों से 2016 में इसमें सुधार आने की उम्मीद है।
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन आफ इंडिया के अध्यक्ष प्रवीण लुंकाद ने कहा कि रिफाइंड ऑयल पर इंपोर्ट ड्यूटी को 20 फीसदी से बढ़ाकर 27.5 फीसदी करना चाहिए।
नवंबर का महीना आयात-निर्यात के लिहाज से सरकार के लिए राहत और आफत दोनों लेकर आया है। पिछले महीने निर्यात में 24.43 फीसदी घटकर 20.01 अरब डॉलर रहा।
सोमवार के कारोबारी सत्र में डॉलर के मुकाबले रुपया 21 पैसे की बड़ी गिरावट के साथ 67.09 के स्तर पर बंद हुआ। यह रुपए का बीते 27 महीने में सबसे निचला स्तर है।
कृषि मंत्रालय ने खाद्य तेलों के इंपोर्ट ड्यूटी 5 फीसदी और बढ़ाने का प्रस्ताव किया है। इससे किसानों और तेल रिफाइनरी को कुछ राहत मिल सकती है।
आने वाले दिनों में दाल की कीमत में तेजी गिरावट देखने की संभावना है। सरकार सप्लाई बढ़ाने के लिए बड़ी मात्रा में दाल इंपोर्ट करने पर विचार कर रही है।
डॉलर के मुकाबले रुपए में गिरावट का सिलसिला जारी है। हफ्ते के पहल कारोबारी दिन के शुरूआती कारोबार में 8 पैसे टूटकर दो साल के निचले स्तर 66.84 पर आ गया।
घरेलू एयरलाइंस कंपनियों को राहत देते हुए सरकार ने उनके लिए विमान आयात के नियमों को आसान बनाने की घोषणा की है।
डॉलर के मुकाबले रुपया 23 पैसे की कमजोरी के साथ 66.80 पर खुला और देखते ही देखते 66.90 के स्तर पर आ गया, जो कि सितंबर 2013 के बाद का निचला स्तर है।
फेम-इंडिया के तहत हाइब्रिड एवं इलेक्ट्रिक वाहनों पर प्रोत्साहनों की पेशकश से 2020 तक देश के ऑयल इंपोर्ट बिल में 60,000 करोड़ रुपए की बचत होगी।
आसमान छूती दालों की कीमतों में काबू पाने के लिए सरकार अतिरिक्त दालें आयात करने पर विचार कर रही है। फिलहाल दाम 180 रुपए प्रति किलो तक है।
लेटेस्ट न्यूज़