चीन से अमेरिका में आयात होने वाली वस्तुओं के पीछे अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप हाथ धोकर पीछे पड़ गए हैं। अब अमेरिकी राष्ट्रपति ने फिर से चीन से आयात होने वाली वस्तुओं पर फिर से आयात शुल्क लगाने की धमकी दे डाली है, अमेरिका और चीन पहले एक दूसरे पर 50-50 अरब डॉलर के सामान पर आयात शुल्क लगा चुके हैं और ट्रंप की नई धमकी के बाद चीन और अमेरिका के बीच व्यापार युद्ध और भी ज्यादा गहराने की आशंका है।
अमेरिका और चीन के बीच व्यापार यूद्ध बढ़ने की आशंका की वजह से आज एशियाई शेयर बाजारों पर जो दबाव देखा जा रहा है उसका असर भारत के बाजारों पर भी दिखा है, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के सेंसेक्स और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी ने कमजोरी के साथ शुरुआत की है। सेंसेक्स फिलहाल 85.03 प्वाइंट की नरमी के साथ 35463.23 पर कारोबार कर रहा है जबकि निफ्टी 32.95 प्वाइंट की गिरावट के साथ 10766.90 पर ट्रेड हो रहा है
वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान देश में सोने के आयात में गिरावट देखी जा रही है। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 2018-19 के शुरुआती 2 महीने यानि अप्रैल और मई के दौरान देश में सोने के आयात में करीब 29 प्रतिशत क गिरावट देखने को मिली है। आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल और मई के दौरान देश में कूल 40425.45 करोड़ रुपए के सोने का आयात हुआ है जबकि 2017-18 में इस दौरान देश में 56800.87 करोड़ रुपए का सोना देश में इंपोर्ट हुआ था
भारत ने अमेरिका से आने वाले 30 उत्पादों पर शुल्क बढ़ाने का फैसला लिया है, इनमें 800 सीसी से अधिक इंजन क्षमता की मोटरसाइकल, ताजा सेब और बादाम आदि शामिल हैं। अमेरिका द्वारा भारतीय स्टील और एल्युमीनियम निर्यात पर भारी शुल्क लगाने के फलस्वरूप भारत ने यह पलटवार किया है।
अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध अब विकराल रूप लेता जा रहा है। शुक्रवार को अमेरिका द्वारा चीनी सामानों पर 50 अरब डॉलर मूल्य का अतिरिक्त शुल्क लगाने की घोषणा के जवाब में चीन ने शनिवार को उन अमेरिकी सामानों की सूची तैयार की है, जिनपर अतिरिक्त शुल्क लगाया जाएगा।
मई माह में देश का निर्यात 28.18 प्रतिशत बढ़कर 28.86 अरब डॉलर पर पहुंच गया। वहीं इस दौरान आयात 14.85 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 43.48 अरब डॉलर का रहा।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन से आने वाले सामानों के आयात पर 50 अरब डॉलर के शुल्क को मंजूरी दे दी। अमेरिका के व्यापार मंत्री द्वारा इस संबंध में आज औपचारिक घोषणा किए जाने का अनुमान है।
भारतीय करेंसी रुपए में एक बार फिर से भारी गिरावट देखी जा रही है, डॉलर का भाव फिर से 68 रुपए के पार हो गया है, फिलहाल प्रति डॉलर रुपए 68.02 के स्तर पर कारोबार कर रहा है और इसमें करीब 40 पैसे की भारी गिरावट देखी जा रही है। डॉलर में आई इस तेजी के पीछे अमेरिका में बढ़ी हुई ब्याज दरों को वजह माना जा रहा है।
खाने के तेल के दाम बढ़ने की आशंका बढ़ गई है, तेल और तिलहन पर स्टॉक लिमिट हटाने के बाद अब सरकार ने गैर पाम खाद्य तेलों पर आयात शुल्क बढ़ा दिया है। केंद्र सरकार ने घरेलू तिलहन उत्पादकों और तेल उत्पादकों के हितों के संरक्षण के लिए क्रूड और रिफाइंड गैर पाम खाद्य तेलों पर आयात शुल्क में पांच से 10 प्रतिशत तक की वृद्धि की है।
अमेरिका द्वारा स्टील और एल्युमिनियम पर आयात शुल्क लगाने के बाद भारत द्वारा अमेरिकी सेब पर शुल्क की दर बढ़ाने की जवाबी कार्रवाई से अमेरिका अब तिलमिला गया है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत सहित दुनिया की कुछ प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं पर निशाना साधते हुए उन पर अमेरिका को व्यापार में लूटने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि भारत कुछ अमेरिकी उत्पादों पर 100% शुल्क वसूल रहा है।
चीनी अधिकारियों का एक दल इस माह के अंत तक देश की कुछ गैर-बासमती चावल मिलों का दौरा कर उनके यहां स्वच्छता मानकों के अनुपालन की जांच कर सकता है। इस दल की रपट के आधार पर चीन इन मिलों का चावल का आयात करने की अनुमति दे सकता है। अभी चीन ने अपने यहां भारत से केवल बासमती चावल के आयात को मंजूरी दी हुई है।
अमेरिकी करेंसी डॉलर के मुकाबले भारतीय करेंसी रुपए में पिछले 12 दिन से जोरदार रिकवरी देखी जा रही है, आज डॉलर का भाव घटकर 66.85 रुपए तक आ गया है जो करीब 4 हफ्ते में सबसे अधिक भाव है, 12 दिन पहले डॉलर का भाव 68.47 रुपए के ऊपरी स्तर तक चला गया था, लेकिन अब डॉलर सस्ता हो रहा है और रुपए में मजबूती आने लगी है, रुपए में आई इस मजबूती का असर हम सबकी जेब पर पड़ सकता है।
किसानों से गेहूं की भारी खरीद के बाद अब सरकार ने गेहूं पर आयात शुल्क बढ़ाने का फैसला किया जिससे विदेशी गेहूं महंगा हो जाएगा और देश में पैदा हुए गेहूं की मांग बढ़ सकती है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) की तरफ से जारी की गई अधिसूचना के मुताबिक गेहूं पर आयात शुल्क बढ़ाकर 30 प्रतिशत किया जा रहा है, पहले आयात शुल्क 20 प्रतिशत था
अमेरिकी की तरफ से भारतीय स्टील और एल्यूमीनियम पर आयात शुल्क बढ़ाने के बाद भारत ने भी सख्त कदम उठाए हैं। भारत में बादाम और अखरोट का सबसे ज्यादा आयात अमेरिका से होता है और अब भारत सरकार ने बादाम और अखरोट पर आयात शुल्क बढ़ा दिया है जिससे अमेरिका से भारत आने वाले इन उत्पादों पर ज्यादा इंपोर्ट ड्यूटी लगेगी
अमेरिका और चीन ने व्यापार में चल रहे तनाव को खत्म करने के लिए कदम उठाया है। दोनों देशों ने इसको लेकर एक समझौता किया है। इसके तहत चीन अब अमेरिका से आयात बढ़ाएगा। अमेरिकी वस्तुओं का आयात बढ़ाकर चीन 375 अरब डालर के अमेरिका के व्यापार घाटे को कम करने पर ध्यान देगा।
एल्युमिनियम और स्टील पर आयात शुल्क लगाने के मुद्दे पर भारत ने अमेरिका को विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की विवाद निपटान प्रणाली में घसीटा है। भारत ने कहा है कि इन उत्पादों पर आयात शुल्क लगाने के अमेरिका के फैसले से उसका निर्यात प्रभावित होगा।
कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों में तेजी चिंता का कारण है क्योंकि इससे देश का आयात बिल 50 अरब डॉलर तक बढ़ सकता है। इसका असर चालू खाते के घाटे (कैड) पर पड़ेगा।
केंद्र सरकार ने देश में वनस्पति तेल आयात को काबू करने के लिए जो उपाय किए थे वह सभी असफल होते नजर आ रहे हैं। तमाम उपायों के बावजूद वनस्पति तेल आयात घटने के बजाय बढ़ रहा है। अप्रैल के दौरान देश में वनस्पति तेल आयात 7 महीने के ऊपरी स्तर तक पहुंच गया है। सरकार ने किसानों के हितों की रक्षा के लिए वनस्पति तेल आयात कम करने के लिए तेल और तिलहन पर भारी आयात शुल्क लगाया था।
इंजीनियरिंग, रसायन एवं औषधि क्षेत्रों के बेहतर प्रदर्शन से देश का निर्यात अप्रैल महीने में पिछले वर्ष के इसी महीने के मुकाबले 5.17 प्रतिशत बढ़कर 25.91 अरब डॉलर रहा।
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