यह सहायता बिना किसी शर्त के है और इसके लिए कोई ब्याज नहीं देना होगा। इससे पाकिस्तान के मुद्रा भंडार में वृद्धि होगी और इसका पाकिस्तानी रुपये पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
आईएमएफ ने अपने ताजा विश्व आर्थिक परिदृश्य में कहा है कि मार्च-मई के दौरान घातक दूसरी कोविड लहर के कारण भारत के लिए वृद्धि अनुमान में कटौती की गई है क्योंकि इस वजह से भरोसे में रिकवरी धीमी पड़ने की संभावना है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में विशेष निकासी अधिकार (एसडीआर) 20 लाख डॉलर बढ़कर 1.506 अरब डॉलर हो गया।
ब्राजील के बाद कोविड-19 की भारत में जारी विध्वंसक दूसरी लहर इस बात का संकेत है कि विकासशील देशों में आगे और भी बुरी स्थिति आ सकती है।
अगर जीडीपी में कम से कम 5 प्रतिशत की वृद्धि नहीं होती है, तो देश अगले कई वर्षों में गंभीर संकट का सामना करेगा।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार इससे पहले 29 जनवरी 2021 को 590.185 अरब डॉलर की सर्वकालिक ऊंचाई पर पहुंच गया था।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार इससे पहले 29 जनवरी 2021 को 590.185 अरब डॉलर की सर्वकालिक ऊंचाई पर पहुंच गया था।
कोरोना संकट की वजह से अर्थव्यवस्थाओं को बड़ा झटका लगा है, वहीं कोरोना की नई लहर से रिकवरी की रफ्तार पर भी असर पड़ने की आशंका बन गई है।
एड्रियन ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘हम भुगतान के क्षेत्र में तकनीकी क्रांति के दौर में हैं। और मुझे लगता है कि भारत इन तकनीकों और भुगतान प्रणालियों में से कई में पथ-प्रदर्शक रहा है।
भारत की 2021 में वृद्धि दर 12.5 प्रतिशत और 2022 में 6.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है जो काफी बेहतर है। वहीं चीन की वृद्धि दर 2021 में 8.6 प्रतिशत तथा 2022 में 5.6 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है।
भारत के विदेशी मुद्रा भंडार ने 29 जनवरी, 2021 को समाप्त सप्ताह के दौरान अपने सर्वकालिक उच्च स्तर 590.185 डॉलर के स्तर को छुआ था।
पिछले महीने आईएमएफ के एग्जीक्यूटिव बोर्ड और पाकिस्तान सरकार के बीच हुई बातचीत के बाद यह फैसला लिया गया है।
देश के स्वर्ण भंडार का मूल्य 17.2 करोड़ डॉलर बढ़कर 35.421 अरब डॉलर हो गया।
लगातार दो सप्ताह तक गिरावट के बाद देश का स्वर्ण भंडार 12 फरवरी को समाप्त सप्ताह के दौरान 1.26 अरब डॉलर बढ़कर 36.227 अरब डॉलर का हो गया।
मुद्राकोष ने मंगलवार को 2021 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 11.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया। इस लिहाज से कोरोना वायरस महामारी के बीच बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में भारत एक मात्र देश होगा जो इस साल दहाई अंक में वृद्धि हासिल करेगा।
आईएमएफ के द्वारा आज जारी किए गए अनुमानों के मुताबिक साल 2021 में भारतीय अर्थव्यवस्था 11.5 फीसदी की दर के साथ बढ़ सकती है। वहीं साल 2022 में इसमें 6.8 फीसदी की बढ़त देखने को मिलेगी।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के डायरेक्टर ऑफ कम्युनिकेशंस गेरी राइस ने कहा कि नए कानून बिचौलियों की भूमिका को कम करेंगे और दक्षता को बढ़ाएंगे।
सीतारमण ने कहा कि उपभोक्ता व्यय में तेजी लाने के लिए 10 अरब डॉलर के उपायों की हाल में घोषणा की गई है।
विस्तृत रूप से देखा जाए, तो इस वर्ष विकसित आर्थिक समुदायों की 5.8 प्रतिशत की गिरावट होगी, उभरते बाजार और विकासशील आर्थिक अर्थव्यवस्थाओं की 3.3 प्रतिशत की कमी आएगी।
IMF का अनुमान है कि आर्थिक गतिविधियां बड़े पैमाने पर ठप होने के साथ प्राथमिक घाटा बढ़ने से वैश्विक स्तर पर सार्वजनिक कर्ज 2020 में उछलकर जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) का करीब 100 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा।
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