एनएसओ के बयान के अनुसार, सितंबर, 2024 के लिए आईआईपी वृद्धि दर 3.1 प्रतिशत रही है, जबकि अगस्त, 2024 में औद्योगिक उत्पादन 0.1 प्रतिशत घटा था।’’ चालू वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) के दौरान औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर चार प्रतिशत रही है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल नवंबर में विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन 0.9 प्रतिशत बढ़ा।
डेटा के मुताबिक, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का आउटपुट अक्टूबर 2021 में 2 फीसदी बढ़ा है। अक्टूबर में, माइनिंग सेक्टर के उत्पादन में 11.4 फीसदी का उछाल आया है।
सितंबर, 2021 में विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन 2.7 प्रतिशत, खनन क्षेत्र का उत्पादन 8.6 प्रतिशत जबकि बिजली क्षेत्र का उत्पादन 0.9 प्रतिशत बढ़ा।
चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-नवंबर के दौरान आईआईपी की वृद्धि दर 0.6 प्रतिशत रही, 2018-19 की समान अवधि में यह वृद्धि दर 5 प्रतिशत थी।
खुदरा मुद्रास्फीति नवंबर में घटकर 2.33 प्रतिशत रही, जो पिछले डेढ़ साल का न्यूनतम स्तर है।
मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर के बेहतर प्रदर्शन तथा कैपिटल गुड्स और टिकाऊ उपभोक्ता सामान का उठाव बढ़ने से जुलाई में औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) की वृद्धि दर बढ़कर 6.6 प्रतिशत पर पहुंच गई।
आर्थिक गतिविधियों के मोर्चे पर सुधार का संकेत देते हुए औद्योगिक उत्पादन फरवरी महीने में 7.1 प्रतिशत बढ़ा जबकि थोक मुद्रास्फीति मार्च महीने में 4.28 प्रतिशत पर पांच माह के निचले स्तर पर आ गई। सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है।
इस हफ्ते महंगाई दर, औद्योगिक उत्पादन और विदेश व्यापार के आंकड़े जारी होने हैं जो शेयर बाजार की चाल को प्रभावित कर सकते हैं
जनवरी में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 5.07% रह गई थी, जबकि थोक मुद्रास्फीति 2.84% थी जो छह महीने का निचला स्तर था
आम जनता के लिए अच्छी खबर है कि जनवरी में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित महंगाई दर 5.07 फीसदी रही। वहीं, दिसंबर 2017 में औद्योगिक उत्पादन वृद्धि (IIP ग्रोथ) 7.1 प्रतिशत रही।
आंकड़ों के अनुसार विनिर्माण क्षेत्र के खराब प्रदर्शन के साथ-साथ टिकाऊ उपभोक्ता सामान खंड में गिरावट से भी आलोच्य महीने में औद्योगिक वृद्धि प्रभावित हुई।
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