आईटीआर में विदेशी संपत्ति/आय का खुलासा न करने पर काला धन (अघोषित विदेशी आय और संपत्ति) और कर अधिरोपण अधिनियम, 2015 के तहत 10 लाख रुपये का जुर्माना लग सकता है।
नेस्ले इंडिया के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक सुरेश नारायणन के अनुसार, अगर कंपनियों के लिए कच्चे माल की लागत का प्रबंधन मुश्किल हो जाएगा तो इससे कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है।
इंफोसिस ने शेयर बाजार एक्सचेंजों को सूचना देते हुए 17 अक्टूबर को डिविडेंड देने का ऐलान किया था। शेयर बाजार में जारी गिरावट के बीच गुरुवार को इंफोसिस के शेयरों में गिरावट देखने को मिल थी।
कोफोर्ज ने मंगलवार को वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही के नतीजे जारी किए थे। कंपनी ने शेयर मार्केट एक्सचेंज को बताया कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही काफी शानदार रही।
चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में इंफोसिस का ऑपरेशनल रेवेन्यू भी सालाना आधार पर 5% बढ़कर 40,986 करोड़ रुपये हो गया। इसके अलावा, कंपनी ने अपने वित्त वर्ष 2025 के रेवेन्यू गाइडेंस को संशोधित कर 3.75% से 4.5% कर दिया है।
साल 2025 में सॉफ्टवेयर और बिजनेस सर्विस सेक्टर में सैलरी हाइक 9 प्रतिशत ही रहने का अनुमान है जो सामान्य इंडस्ट्री एवरेज 9.5 प्रतिशत से कम है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय कॉरपोरेट जगत 9.5 प्रतिशत की सैलरी हाइक के साथ पूरे सेक्टर में सबसे आगे है।
लोग अपना सुझाव लेने के लिए ई-फाइलिंग पोर्टल पर एक वेबपेज शुरू किया गया है। लोग अपना मोबाइल नंबर दर्ज कर और ओटीपी के माध्यम से इसपर जा सकते हैं।
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी सचिव एस.कृष्णन ने कहा कि सरकार के पास अब भी छोटी परियोजनाओं को समायोजित करने की गुंजाइश है।
इन्फोसिस वित्त वर्ष 2025 में 15,000 से 20,000 फ्रेशर्स को नियुक्त करने की योजना बना रही है। इससे पहले वित्त वर्ष 2024 में 11,900 फ्रेशर्स को नियुक्त किया गया था, जबकि पिछले वर्ष 50,000 से अधिक फ्रेशर्स को नियुक्त किया गया था।
रिफंड आने में देरी हो रही है तो सबसे पहले आपको आयकर ई-फाइलिंग पोर्टल पर स्थिति की जांच करनी चाहिए। इससे आपको प्रोसेसिंग के मौजूदा चरण और किसी भी मुद्दे के बारे में जानकारी मिलेगी जिस पर आपको ध्यान देने की आवश्यकता है।
भारत में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के 165 साल पूरे होने पर आयोजित एक खास कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री ने ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में इनकम टैक्स जांच के प्रमुख निदेशक एस. के. झा और अतिरिक्त निदेशक गुरप्रीत सिंह के नेतृत्व वाली इनकम टैक्स टीम को 'सीबीडीटी उत्कृष्टता प्रमाणपत्र' से सम्मानित किया।
हफ्ते के पहले दिन यानी सोमवार को भारतीय शेयर बाजार हरे निशान में खुले। सेंसेक्स 243.41 अंकों की बढ़त के साथ 80,680.25 अंकों पर खुला तो वहीं दूसरी ओर निफ्टी भी 95.20 अंकों की बढ़त के साथ 24,636.35 अंकों पर खुला।
रिफंड में होने वाली देरी के लिए सरकार टैक्सपेयर्स को सालाना 6 प्रतिशत का ब्याज देती है। रिफंड में होने वाली देरी के लिए 1 अप्रैल से रिफंड देने की तारीख तक ब्याज का भुगतान किया जाता है।
आम तौर पर, आईटीआर-1 फॉर्म के रिफंड दावों को सबसे पहले निपटाया जाता है। इसके बाद आईटीआर-2 और आईटीआर-3 का स्थान आता है।
आईटीआर डेटा इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रेषित किया जाता है, लेकिन ई-वेरीफाई करना जरूरी है। ऐसा नहीं करने पर रिटर्न फाइल किया हुआ नहीं माना जाता है।
आयकर विभाग से नोटिस प्राप्त करने के बाद सबसे पहले इसे ध्यान से पढ़ना असैा समझना चाहिए। नोटिस मिलने पर धबराएं नहीं। आयकर विभाग आयकर अधिनियम, 1961 की विभिन्न धाराओं के तहत टैक्सपेयर्स को नोटिस भेजता है।
अगर आप 31 जुलाई तक अपना रिटर्न फाइल नहीं कर पाएं हैं तो अब 31 दिसंबर, 2024 तक अपना पेनल्टी चुकाकर ITR दाखिल कर सकते हैं।
आपको बता दें कि आयकर रिफंड की प्रोसेसिंग तभी शुरू होती है जब टैक्सपेयर द्वारा रिटर्न को ई-वेरिफाई किया जाता है। आम तौर पर, करदाता के खाते में रिफंड जमा होने में 4 से 5 सप्ताह का समय लगता है।
आकलन वर्ष 2024-25 के लिए दाखिल किए गए कुल 7.28 करोड़ आईटीआर में से नई टैक्स व्यवस्था के तहत 5.27 करोड़ रिटर्न दाखिल किए गए हैं। वहीं पुरानी टैक्स व्यवस्था में दाखिल रिटर्न की संख्या 2.01 करोड़ है।
यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि डेडलाइन के बाद रिटर्न दाखिल करने वाले करदाताओं को रिटर्न दाखिल करने में देरी के लिए जुर्माने से कोई छूट नहीं दी जाती है। करदाताओं को आयकर रिटर्न जमा करने के बाद रिटर्न को सत्यापित करना नहीं भूलना चाहिए।
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