बैंकों द्वारा खुदरा ऋण कारोबार को बढाने के आक्रामक रुख के बावजूद मकान की कीमतों में नरमी का दबाव रहेगा पर खरीद क्षमता से बाहर होने का मुद्दा बना रहेगा।
आवास क्षेत्र की बिक्री सात प्रमुख शहरों में पिछले वित्त वर्ष के दौरान 2.2 फीसदी घटकर 1.58 लाख इकाई रही।
मकान की कीमत वित्त वर्ष 2015-16 की अक्टूबर-दिसंबर की तिमाही में बढ़ी। रिजर्व बैंक की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक लखनऊ में घरों की कीमतें सबसे ज्यादा बढ़ी है।
बीते आठ महीनों में देश के प्रमुख स्टार्टअप्स ने करीब 2,000 लोगों को नौकरी से निकाल दिया। जबकि सरकार रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए इनको रियायतें दे रही है।
केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने ने 20 चुने गए शहरों से 25 जून तक 'स्मार्ट सिटी मिशन' प्रोजेक्ट शुरू करने को कहा। 20 जगहों का होगा कायाकल्प।
जापान की कंपनी सॉफ्टबैंक ने रियल्टी क्षेत्र के ऑनलाइन पोर्टल हाउसिंग डॉट कॉम में अतिरिक्त 100 करोड़ रुपए का निवेश किया है।
घर खरीदने से पहले सभी लोगों को अपने बिल्डर्स से कुछ सवाल पूछना ही चाहिए। जिससे न सिर्फ अापका सपना बिना मुश्किल के पूरा होगा, वहीं आप धोखाधड़ी से भी बचेंगे।
नोएडा एक्सटेंशन में सरकारी कर्मचारियों के लिए बनने वाले 10 हजार सस्ते मकान की कीमत 22 से 30 लाख रुपए के बीच होगी।
हाउसिंग सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देने और 2022 तक ‘हाउसिंग फॉर ऑल’ (सभी के लिए घर) सुनिश्चित करने के लिए सरकार कुछ प्रोजेक्ट्स को टैक्स लाभ दे सकती है।
रियल एस्टेट पोर्टल Housing.com की मुश्किलें और बढ़ने वाली है। मुंबई स्थित कंपनी ने अपना रेंटल कारोबार बंद करने का फैसला किया है।
ऑनलाइन पोर्टल हाउसिंग डॉट कॉम ने कॉस्ट कटिंग के चलते अपने 200 इंप्लॉइज को इसी महीने नौकरी से हटाने का फैसला किया है।
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