कमजोर मांग से देश के नौ प्रमुख शहरों में जुलाई-सितंबर तिमाही में मकानों की बिक्री 9.5 प्रतिशत गिरकर 52,855 इकाई रही।
2019 की तीसरी तिमाही में शीर्ष सात शहरों में आवास बिक्री 17 प्रतिशत गिरकर 42,040 करोड़ रुपए रही।
एलारा टेक्नोलॉजीज के ग्रुप सीईओ ध्रुव अग्रवाल ने कहा कि आरबीआई द्वारा रेपो रेट में और 0.25 प्रतिशत की कटौती ने रीयल एस्टेट सेक्टर को ऐसे समय में खुशी प्रदान की है, जब हम उम्मीद कर रहे हैं कि त्यौहारी सीजन में मकानों की बिक्री में इजाफा होगा।
देश के सात प्रमुख शहरों में दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के दौरान मकानों की बिक्री 18 प्रतिशत गिरकर 55,080 इकाई रही।रीयल एस्टेट से जुड़ी सेवाएं देने वाली फर्म एनारॉक ने एक रिपोर्ट में कहा है कि खरीदार मकान में निवेश करने को लेकर सतर्कता बरत रहे हैं।
देश के नौ प्रमुख शहरों में अप्रैल-जून (पहली तिमाही) में घरों की बिक्री छह प्रतिशत बढ़ी है, जबकि घरों की आपूर्ति में 11 प्रतिशत की कमी आई है।
केंद्र में स्थिर सरकार तथा बजट में आवासीय रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए प्रोत्साहन की घोषणा उत्प्रेरक का काम करेंगे।
एनारॉक ने मंगलवार को जारी आंकड़ों में कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में मकानों की बिक्री 2018 में 18 प्रतिशत बढ़कर 44,300 इकाई पर पहुंच गई थी, 2017 में बिक्री 37,610 इकाई रही थी।
संपत्ति सलाहकार कंपनी नाइट फ्रैंक इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार आठ शहरों दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद और अहमदाबाद में आवासीय बिक्री बढ़ी है।
देश के नौ प्रमुख शहरों में जुलाई से सितंबर की अवधि के दौरान घरों की बिक्री छह प्रतिशत बढ़कर 51,142 इकाई पर पहुंच गई।
देश के नौ प्रमुख शहरों में कुल आवासीय बिक्री वर्ष 2018 की पहली तिमाही (जनवरी से मार्च) में 33 प्रतिशत बढ़कर 80,000 इकाई पर पहुंच गई, जबकि पिछले साल जनवरी-मार्च तिमाही में 59,936 मकान ही बिके थे।
एक रिपोर्ट में जहां कोलकाता जैसे मेट्रो शहर में मकानों की कीमत 12 प्रतिशत घटने की बात कही गई हैं, वहीं दूसरी रिपोर्ट में देश के प्रमुख नौ शहरों में पिछले साल घरों की बिक्री में आई गिरावट का उल्लेख किया गया है।
नोटबंदी की वजह से मकानों की बिक्री बुरी तरह प्रभावित हुई और उनके दाम नीचे आए लेकिन रियल एस्टेट सेक्टर को इसका काफी फायदा भी हुआ है।
चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में नौ प्रमुख शहरों में घरों की बिक्री 18 प्रतिशत घटकर 44,755 इकाई रह गई।
संपत्ति बाजार में सुस्ती के बीच देश के नौ बड़े शहरों में अप्रैल-जून तिमाही में मकानों की बिक्री पिछले साल की तुलना में चार फीसद घटकर 53,352 इकाई रही।
मांग में तेजी आने पर जनवरी-मार्च तिमाही में देश के नौ बड़े शहरों में मकानों की बिक्री उसकी पिछली तिमाही की तुलना में 13 फीसदी बढ़कर 51,700 इकाई रही।
जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान देश के प्रमुख आठ शहरों में घरों की बिक्री मामूली 1 प्रतिशत घटी। इस दौरान कुल 28,131 यूनिट की बिक्री हुई।
चालू वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही में घरों की बिक्री 31 प्रतिशत घटी है, नए लॉन्च होने वाले प्रोजेक्ट्स में 40 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।
प्रोपटाइगर की एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकार के नोटबंदी के बाद नवंबर-दिसंबर 2016 की अवधि में देश के 9 शहरों में मकानों की औसत बिक्री में 40% की गिरावट आई है।
पिछले साल जुलाई-दिसंबर के दौरान देश के 8 बड़े शहरों में घरों की बिक्री 23% गिरकर 109159 यूनिट पर आ गई है। वहीं, नए घरों के लॉन्च में भी 46% की कमी को मिली।
देश के आठ प्रमुख शहरों में मकानों की बिक्री 30 सितंबर को समाप्त तिमाही में 22 प्रतिशत घटकर 33,304 इकाई रह गई। प्रोपइक्विटी रिसर्च ने यह निष्कर्ष निकाला है।
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