कॉन्फेडरेशन ऑफ एपीकल्चर इंडस्ट्री ने राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड से मधुमक्खी पालक किसानों के शहद के लिए एक स्टैंडर्ड प्राइस तय करने की मांग की है। किसान वास्तविक उत्पादन लागत से काफी कम दरों पर शहद बेचने के लिए मजबूर हैं।
सुंदरबन के मैंग्रोव वन में मिलने वाले बनफूल शहद की मांग इतनी ज्यादा रही कि शहद एक दिन में आउट ऑफ स्टॉक हो गया। वहीं ये शहद एक दिन में इतना बिका, जितना बिकने में महीनों लग जाते थे।
शहद उत्पादन और इसके निर्यात में वृद्धि से यह प्रदर्शित हो रहा है कि इस काम से किसान लाभान्वित हो रहे हैं, उनके जीवनस्तर में बदलाव आ रहा है और उनकी आमदनी भी बढ़ रही है।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कहा कि अगले कुछ महीने में खादी ग्रामोद्योग आयोग शहद के क्यूब लॉन्च करने जा रहा है जिन्हें चीनी की जगह पर इस्तेमाल किया जा सकेगा।
एसपीजी अधिकारियों ने हाल ही में अपने परिसर में मधुमक्खी पालन को लेकर मार्गदर्शन और प्रशिक्षण लेने के लिए खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के अधिकारियों से संपर्क किया था।
शहद में मिलावट पर रोक लगाने के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने इसकी गुणवत्ता के नए मानकों को अधिसूचित किया है।
शहद में मिलावट पर रोक लगाने के लिए एफएसएसएआई ने इसकी गुणवत्ता के नए मानकों को अधिसूचित किया है। इससे शहद उत्पादक किसानों को अपने उत्पाद की बेहतर कीमत हासिल करने में भी मदद मिलेगी।
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