जेएलएल के रेजिडेंशियल मार्केट अपडेट-क्यू4 2021 के अनुसार, भारत के सात प्रमुख शहरों में 2021 की चौथी तिमाही में घरों की बिक्री में साल-दर-साल के आधार पर 114% बढ़ी।
मुंबई में अक्टूबर 2021 में 8,576 इकाइयों की 10 साल की सबसे ऊंची संपत्ति बिक्री पंजीकरण दर्ज किया गया, जो पिछले साल के इसी महीने से आठ प्रतिशत अधिक है।
बैंग्लुरू में सबसे ज्यादा 52 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है
देश में लॉन्च किए गए प्रोजेट की वित्त वर्ष 2019-20 की जुलाई-सितंबर तिमाही में पिछले साल इसी तिमाही के मुकाबले 45 प्रतिशत की गिरावट आई है।
एनारॉक के संस्थापक और चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा कि कंपनी ने पिछले वित्त वर्ष में करीब 90 करोड़ रुपए का कारोबार किया है और चालू वित्त वर्ष में आय तथा मुनाफा दोगुना से ज्यादा होने की उम्मीद है।
देश के सात प्रमुख शहरों में घरों की बिक्री 2013 और 2014 के स्तर से 2017 में4 0% गिर गई है। पिछले साल 2,02,800 आवास बेचे गए। इसका प्रमुख कारण दिल्ली-एनसीआर के आवासीय बाजार में तेज गिरावट होना रही।
एक रिपोर्ट में जहां कोलकाता जैसे मेट्रो शहर में मकानों की कीमत 12 प्रतिशत घटने की बात कही गई हैं, वहीं दूसरी रिपोर्ट में देश के प्रमुख नौ शहरों में पिछले साल घरों की बिक्री में आई गिरावट का उल्लेख किया गया है।
मुंबई महानगर क्षेत्र में अगस्त के अंत में साढ़े तीन लाख से ज्यादा नव निर्मित मकानों को खरीदार का इंतजार था।
चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में नौ प्रमुख शहरों में घरों की बिक्री 18 प्रतिशत घटकर 44,755 इकाई रह गई।
केंद्र या राज्य सरकार के गृह सचिव द्वारा अधिकृत संयुक्त सचिव स्तर का अधिकारी आपात स्थिति में किसी भी टेलिकॉम क्षेत्र में सेवाएं रोकने का निर्देश दे सकता है।
2018 से 2024 के बीच, तकरीबन 6 करोड़ नए घर बनाने की तैयारी है, इनमें से अधिकांश सरकार के अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोग्राम के तहत आएंगे।
मोदी सरकार जल्द शहरी गरीबों के लिए नई स्कीम लाने जा रही है। इसके तहत सरकार उन्हें घर का किराया देगी। इसके लिए वाउचर्स दिए जाएंगे।
प्रोपटाइगर की एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकार के नोटबंदी के बाद नवंबर-दिसंबर 2016 की अवधि में देश के 9 शहरों में मकानों की औसत बिक्री में 40% की गिरावट आई है।
ग्रामीण इलाकों में सस्ता होम लोन सुनिश्चित करने के लिए केंद्र ने दो लाख रुपए तक के होम लोन पर तीन प्रतिशत ब्याज सब्सिडी को मंजूरी दी।
केंद्र ने तीन राज्यों में 78,500 से अधिक और मकान के निर्माण को मंजूरी दी। तमिलनाडु, केरल व पश्चिम बंगाल में ये मकान शहरी गरीबों के लिए बनाए जाने हैं।
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