जब भी आप होम लोन के लिए अप्लाई करेंगे तो ब्याज दर आपकी सिबिल स्कोर पर निर्भर करेगा, जबकि लोन अमाउंट आपकी एलिजिबिलिटी पर निर्भर करेगा। यह सबकुछ बैंक तय करते हैं। होम लोन एक लंबे समय के लिए लिया जाने वाला लोन है।
आपकी वित्तीय स्थिरता और रीपेमेंट क्षमता को वेरिफाई करने के लिए बैंक को आपके अलग-अलग डॉक्यूमेंट्स की जरूरत पड़ती है। इन डॉक्यूमेंट्स को सावधानीपूर्वक व्यवस्थित और आसानी से उपलब्ध होने से स्वीकृति प्रक्रिया में तेज़ी आ सकती है।
Top-up home loans : अगर ग्राहक बिना कोई किश्त मिस किये 12 महीने तक होम लोन का पुनर्भुगतान कर देता है, तो वह होम लोन टॉप-अप लेने के योग्य हो जाता है।
ज्वाइंट होम लोन लेना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। हां, इसके लिए अप्लाई करने से पहले की बातों पर गौर करना जरूरी है। होम लोन का समय पर पुनर्भुगतान सभी सह-आवेदकों की सामूहिक और व्यक्तिगत जिम्मेदारी है।
वित्त वर्ष 2020-21 से पहली कैटेगरी के शहरों में 50-100 प्रतिशत के बीच मूल्य वृद्धि देखी गई है। बड़े घरों की मांग वास्तव में आसमान छू रही है। आवासीय रियल एस्टेट की मांग मजबूत बनी हुई है।
होम लोन लंबी अवधि के लिए लिया जाता है। आमतौर पर अधिकांश लोग होम लोन 20 से 25 साल के लिए लेते हैं। इसलिए ब्याज दर की तुलना जरूर करें। जो बैंक कम ब्याज पर लोन दें, उसी से लोन लें।
बैंक की वेबसाइट के अनुसार, आप तैयार प्रॉपर्टी की खरीद, अंडर कंस्ट्रक्शन, रीसेल, प्लॉट पर घर निर्माण, मरम्मत, नवीनीकरण आदि के लिए ले सकते हैं।
प्रीपेमेंट का मतलब है कि लोन धारक पूरा या बाकी लोन अवधि समाप्त होने से पहले ही जमा कर देता है। इससे बैंक को ब्याज दर का नुकसान होता है, इसलिए कुछ हद तक इस नुकसान की भरपाई के लिए बैंक पेनल्टी लगाते हैं।
मार्च में ओवरऑल महंगाई घटकर 4.85 प्रतिशत पर आ गई जबकि कोर मुद्रास्फीति घटकर 3.3 प्रतिशत पर रही।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 5 अप्रैल की अपनी नीति समीक्षा में लगातार सातवीं बार ब्याज दरों को स्थिर रखा। इसके चलते अधिकांश बैंक ने होम लोन पर ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है।
होम लोन लेना आसान होता है लेकिन चुकान मुश्किल क्योंकि यह लंबी अवधि का लोन होता है। इस पर ब्याज और ईएमआई का बोझ काफी अधिक होता है। हालांकि, कुछ बातों का ख्याल रखकर आसानी से होम लोन को समय से पहले चुकाया जा सकता है।
रेपो रेट पर निर्णय करने वाली भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की द्विमासिक समीक्षा बैठक बुधवार को शुरू हुई थी। तीन दिन तक चले इस बैठक के बाद आज केंद्रीय बैंक रेपो रेट पर अपना फैसला सुनाएगी।
Home loan charges : होम लोन लेते समय कई सारे चार्जेज लगते हैं। इनमें एप्लिकेशन फीस, लीगल फीस, मॉर्गिज डीड फीस, कमिटमेंट फीस और प्रीपेमेंट पेनाल्टी जैसे चार्जेज शामिल हैं।
Home Loan को आप आसानी से जल्दी चुका सकते हैं। हम इस आर्टिकल में होम लोन जल्दी भुगतान के चार असरदार तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं।
Home Loan Tips : होम लोन लेने से पहले आप कम से कम 3 महीने तक लोन ईएमआई चुकाने की प्रैक्टिस कर लें। इससे आपको पता लग जाएगा कि दूसरे खर्चों के साथ आप अपनी होम लोन ईएमआई चुकाने में कितने समर्थ हैं।
Bank of India की ओर से होम लोन की ब्याज दरों में 0.15 प्रतिशत की कटौती की गई है। इसके साथ प्रोसेसिंग फीस पर भी छूट दी जा रही है। हालांकि, ये ऑफर सीमित समय के लिए हैं।
एक बार वेरिफिकेसन प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद बैंक अप्लाई करने वाले को प्री-अप्रूव्ड होम लोन का लेटर जारी करता है। यह प्री-अप्रूव्ड होम लोन 6 महीने की अवधि के लिए वैलिड होता है, जिसके भीतर अप्लाई करने वाले को प्रॉपर्टी डील को फाइनल करना होता है।
होम लोन लेते समय अपनी पात्रता बढ़ाने का सबसे अच्छा तरीका है, ज्वाइंट होम लोन लेना। अगर आपकी पत्नी कमाती है तो उसे आप सह-आवेदक बनाकर आसानी से बड़ा लोन ले सकते हैं।
जब भी आप होम लोन का चुनाव करें तो उसमें आपको उन सभी कारकों पर विचार करना चाहिए जिनमें ब्याज दर महत्वपूर्ण है। आप कम ब्याज दर पर लोन देने वाले बैंक या फाइनेंस कंपनी के पास जाकर होम लोन के बैलेंस ट्रांसफर का विकल्प चुन सकते हैं।
Credit Score for Home Loan: घर लेने के लिए कितना क्रेडिट स्कोर होना चाहिए। इसे लेकर लोगों में काफी कन्फ्यूजन रहता है। इसके बार में हम इस आर्टिकल में विस्तार से बताने जा रहे हैं।
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