अगर आप अपने सपने का आशियाना बुक करने की सोच रहें हैं और इस बात को लेकर असमंजस है कि रेडी टू मूव लें या अंडर कंस्ट्रक्शन तो हम इस समस्या का हल बता रहे हैं।
आज कल चर्चा का बाजार गर्म है कि मकान नहीं खरीद कर, उस रकम का सिप करा लें। सिप पर आपको 20 साल में ज्यादा रिटर्न मिलेगा और आप रिटायरमेंट के समय कई मकान खरीद लेंगे। हालांकि, कई वित्तीय जानकारों का कहना है कि यह सही नहीं है।
हायर इलेक्ट्रॉनिक्स, फॉर्मी मोबाइल, सत्कृति इंफोटेनमेंट, चेनफेंग (एलईडी कंपनी), जे वल्र्ड इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी कई कंपनियों ने यहां निवेश किया है। इस टाउनशिप में रिहायशी एरिया को विकसित करने की मांग की जा रही थी।
अगर आप 30 लाख का होम लोन 9 फीसदी की ब्याज पर लेते हैं तो 20 साल में करीब 34 लाख रुपये का ब्याज देना होता है। यह बहुत बड़ी रकम है।
ई-श्रेणी के आवासीय सेक्टरों के सबसे अधिक दस प्रतिशत का इजाफा किया गया है। ए-प्लस श्रेणी की दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
लोन लेने के बाद कई ऐसे भी लोग हैं जो नियमित रूप से समय पर ईएमआई पेमेंट नहीं कर पाते हैं। क्या आप भी लेने जा रहे हैं लोन तो इन बातों का रखें ध्यान। ईएमआई देने के बाद भी नहीं बिगड़ेगा घर का बजट। हर महीने समय पर लोन अमाउंट को एक करने के लिए फॉलो करें ये टिप्स।
नौकरी कर हर महीने के अंत में एक निश्चित सैलरी लेने वाले लोग अब बिजनेस की तरफ काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। एक ही लागत में 2 बिजनेस शुरू करने के लिए पोल्ट्री फार्मिंग (Poultry farming) में निवेश करें। इसके लिए ज्यादा जगह और पूंजी की भी जरूरत नहीं पड़ती है। कम पैसे होने पर सरकार से लोन की सुविधा भी मिलती है।
यदि आप 1बीएचके फ्लैट का बुकिंग करने जा रहे हैं और उसका साइज 700 वर्ग फीट है। इसका कारपेट एरिया का क्षेत्रफल निकालने के लिए डेवलपर्स की ओर से मिले फ्लैट का ब्रॉशर को लें। उसमें से उस फ्लैट का लेआउट प्लान को देखे और कारपेट एरिया के स्पेस का गणना करें।
नारेडको नेशनल के वाइस चेयरमैन डॉ. निरंजन हीरानंदानी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि रेपो रेट में बढ़ोतरी पर विराम देने के लिए भारतीय कंपनियां RBI के फैसले की सराहना करता है।
आपको बता दें कि पिछले 11 महीने में आरबीआई ने रेपो रेट में 250 आधार अंकों की बढ़ोतरी किया है।
होम लोन एक लंबी अवधि का लोन होता है, जहां हम इसे 20 साल, 10 साल आदि के टेन्योर पर लेते हैं। दूसरी ओर एक समय के बाद बैंकों की ब्याज दरें बदलती रहती हैं, वहीं बढ़ी हुई बैंक ब्याज दरों से अगर आप परेशान है तो आप अपने होम लोन को एक बैंक से दूसरे बैंक में ट्रांसफर करा सकते हैं।
आंकड़ों के अनुसार, रियल एस्टेट डेवलपर ने वर्ष 2022 में देश के सात प्रमुख शहरों में कुल 3,57,650 घरों की आपूर्ति की जिनमें से सिर्फ 20 प्रतिशत घर ही किफायती श्रेणी में थे।
जिस तरह से लोग अपने लिए और व्हीकल के लिए इंश्योरेंस करवाते हैं। इसी तरह घर के लिए भी आप होम इंश्योरेंस पॉलिसी ले सकते हैं। हमारे देश में 5 तरह के होम इंश्योरेंस होते हैं। अगर आप इसे खरीदने जा रहे हैं तो इंश्योरेंस पॉलिसी में इन 5 चीजों की जांच करना ना भूलें।
मौजूदा समय में टेक्नोलॉजी हमारी चीजों को को तेजी से बदल रही है, ऐसे में हम स्मार्ट होम्स के बारे में जरूर सुनते हैं। अगर आप भी कम कीमत में अपने घर को स्मार्ट बनाना चाहते हैं, तो आपको 1000 रुपये के अंदर आने वाले इन गैजेट्स के बारे में जरूर जानना चाहिए।
SBI ने 15 दिसंबर, 2022 को अपनी बेंचमार्क प्राइम लेंडिंग रेट और बेस रेट को संशोधित किया था। बेस रेट और बीपीएलआर में बढ़ोतरी का सीधा असर उन पुराने ग्राहकों पर पड़ता है जिन्होंने 2016 से पहले लोन दिया है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) कुछ समय पहले ही रेपो रेट बढ़ाया है। रेपो रेट बढ़ते ही बैंकों द्वारा दिए जा रहे होम लोन महंगे हो गए है। सरकारी और प्राइवेट सेक्टर्स के सभी बड़े बैंकों ने होम लोन पर इंटरेस्ट रेट बढ़ा दिया है। आइए जानते हैं कि देश के बड़े बड़े बैंकों का लोन कितना महंगा हुआ है।
अपना घर खरीदना हर किसी का सपना होता है। इसके लिए लोग कई वर्ष तक सेविंग करते हैं। इसके बावजूद भी संपत्ति की बढ़ती कीमतों के कारण घर नहीं खरीद पाते हैं। घर खरीदने के लिए सेविंग प्लान बनाना जरूरी है। इसके जरिए आप आसानी से टैक्स में भी छूट ले पाएंगे।
घर खरीदें या किराए पर लें इन दोनों के बीच अधिकतर लोग कंफ्यूज हो जाते हैं। घर खरीदने के कई फायदे हैं। घर खरीदने के नुकसान भी कम नहीं है। संपत्ति की कीमत और ब्याज दर लगातार बढ़ती ही जा रही है। घर खरीदें या किराए पर लें इसे तय करने से पहले दोनों के फायदे और नुकसान को ना करें नजरअंदाज।
बीओबी की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, ब्याज दरों में किए गए बदलाव पांच मार्च, 2023 से 31 मार्च, 2023 तक ही प्रभावी रहेंगे।
महीने की शुरुआत में रिजर्व बैंक ने नीतिगत ब्याज दर रेपो में 0.25 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी। इसके साथ ही रेपो दर बढ़कर 6.25 प्रतिशत हो गई है।
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