आंकड़ों से पता चला है कि 2024 की पहली छमाही में एनसीआर में लगभग 14,630 लग्जरी यूनिट्स बेची गईं, जबकि 2019 में लगभग 1,580 यूनिट्स बिकी थीं। किफायती सेगमेंट में, 2024 की पहली छमाही में लगभग 7,730 यूनिट्स बिकीं, जबकि 2019 में लगभग 23,180 यूनिट्स बिकीं।
एक सवाल आपके मन में यह भी हो सकता है कि 20 साल में प्रॉपर्टी की कीमत भी तो बढ़ेगी! हां बिल्कुल बढ़ेगी लेकिन वह इतना नहीं बढ़ेगी जितना आपको रिटर्न मिल जाएगा। रेंट पर रहने का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि आप अपनी कमाई के साथ इन्वेस्टमेंट कर पाएंगे। सिर्फ होम लोन की ईएमआई चुकाने में नहीं फंसे रहेंगे।
टॉप-अप होम लोन की अवधि अलग-अलग बैंकों में अलग-अलग होती है। उदाहरण के लिए भारतीय स्टेट बैंक 30 साल तक की अवधि के लिए टॉप-अप होम लोन देता है।
प्रॉपर्टी बेचने से होने वाले कैपिटल गेन पर 20% टैक्स की जगह 12.5% जरूर कर दिया गया है लेकिन इंडेक्सेशन हटा दिया गया है। टैक्स के जानकारों का कहना है कि इस प्रॉपर्टी बेचने वाले पर टैक्स का बोझ बढ़ेगा। यह प्रॉपर्टी में निवेश करने वालों के लिए झटका है।
पिछले कुछ वर्षों से जमीनों की मांग में लगातार इजाफा हो रहा है। डेवलपर्स नए प्रोजेक्ट्स के लॉन्च के बाद आसानी से नए यूनिट्स की बिक्री कर पा रहे हैं।
बैंक ने चुनिंदा अवधियों पर अपने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड-बेस्ड लेंडिंग रेट (एमसीएलआर) में 10 बेसिस पॉइंट्स (बीपीएस) तक की बढ़ोतरी की है।
अगर आप अपने होम लोन को किसी दूसरे बैंक को ट्रांसफर करने के बारे में सोच रहे हैं, तो आपको प्रोसेसिंग फीस, एप्लीकेशन चार्ज, एडमिनिस्ट्रेशन फीस, रिव्यू फीस, और बहुत कुछ सहित विभिन्न शुल्कों का सामना करना पड़ सकता है।
बेंगलुरु में भी घरों की बिक्री एक साल पहले की 15,088 इकाइयों से बढ़कर 15,127 इकाइयों पर पहुंचने का अनुमान है। लेकिन चेन्नई में बिक्री 4,950 इकाइयों से घटकर 4,841 इकाइयों पर आ जाने का अनुमान है।
रिपोर्ट के अनुसार, इन शहरों के प्रमुख बाजारों में औसत आवासीय किराये में पिछली तिमाही की तुलना में दूसरी तिमाही (अप्रैल-जून) 2024 में दो से चार प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। 2024 की पहली तिमाही में इन बाजारों में किराये में 2023 की चौथी तिमाही के मुकाबले चार से नौ प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
प्रीमियम आवासीय संपत्तियों की बढ़ती मांग को भुनाने के लिए बिल्डर्स लग्जरी अपार्टमेंट पेश करने पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। लग्जरी परियोजनाओं में लाभ मार्जिन भी अधिक है।
2019 के आम चुनावों के बाद देश के टॉप 7 शहरों में घरों के दाम 6 प्रतिशत के सीएजीआर से बढ़े हैं। जून 2019 में औसत एक स्क्वायर फीट का दाम 5,600 रुपये था, जो वित्त वर्ष 2024 के अंत में बढ़कर 7,550 रुपये प्रति स्क्वायर फीट हो गया है।
क्रिसिल के मुताबिक, देश के शीर्ष छह शहरों में आवासीय क्षेत्रों में स्वस्थ आर्थिक वृद्धि और मांग में उछाल के बीच आवासीय मांग में 10-12 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान है।
आप समझ सकते हैं कि क्रेडिट स्कोर कितना महत्वपूर्ण है। इसलिए कभी भी अपना क्रेडिट स्केर खराब नहीं करें। समय पर लोन की ईएमआई और क्रेडिट कार्ड के बिल का भुगतान करें।
सूत्रों के मुताबिक, सुरक्षा ग्रुप 15 जून तक जेपी इन्फ्राटेक में 125 करोड़ रुपये का इक्विटी पूंजी लगाएगी और जल्द ही निर्माण प्रक्रिया शुरू करेगी। यह तय योजना के मुताबिक यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) को भुगतान करना भी शुरू कर देगा।
गोयल ने कहा कि खुदरा, कृषि और एमएसएमई (आरएएम) बैंक के लिए ध्यान देने वाले क्षेत्र होंगे, लेकिन अच्छे कॉरपोरेट कर्ज के वित्तपोषण से पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘ कुल ऋण में आरएएम की हिस्सेदारी करीब 55 प्रतिशत है।
अगर आप अपने होम लोन पर ब्याज भुगतान कम करना चाहते हैं, तो आपको लोन की राशि का प्री-पेमेंट करने पर विचार करना चाहिए।
घरों की बिक्री बढ़ाने में रेरा, जीएसटी और अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड्स (एआईएफ) जैसे एसडब्ल्यूएएमआईएच ने इस सेंटीमेंट को बदलने में अहम भूमिका निभाई है।
जब भी आप होम लोन के लिए अप्लाई करेंगे तो ब्याज दर आपकी सिबिल स्कोर पर निर्भर करेगा, जबकि लोन अमाउंट आपकी एलिजिबिलिटी पर निर्भर करेगा। यह सबकुछ बैंक तय करते हैं। होम लोन एक लंबे समय के लिए लिया जाने वाला लोन है।
रियल एस्टेट सलाहकार कोलियर्स इंडिया और डेटा एनालिटिक कंपनी लियासेस फोरास की संयुक्त रिपोर्ट के अनुसार, आठ शहरों में कीमतें चार प्रतिशत से 19 प्रतिशत तक बढ़ी हैं।
आपकी वित्तीय स्थिरता और रीपेमेंट क्षमता को वेरिफाई करने के लिए बैंक को आपके अलग-अलग डॉक्यूमेंट्स की जरूरत पड़ती है। इन डॉक्यूमेंट्स को सावधानीपूर्वक व्यवस्थित और आसानी से उपलब्ध होने से स्वीकृति प्रक्रिया में तेज़ी आ सकती है।
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