एचडीएफसी बैंक ने 7 जुलाई, 2022 से सभी अवधियों के लोन पर अपनी सीमांत लागत-आधारित उधार दर (एमसीएलआर) को 20 आधार अंकों (100 आधार अंक 1%) बढ़ा दिया है।
इस सेवा की शुरुआत से ग्राहकों को सीएनजी के लिए लंबी-लंबी कतारों में इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
इस महंगाई के दौर में भी ऐसे 5 बैंक हैं जहां ग्राहकों को मिल रहा सबसे सस्ता होम लोन। आपके EMI का बोझ भी कम होगा।
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी के बाद बैंकों भी कर्ज महंगा करना शुरू कर दिया है।
रेपो रेट में बढ़ोतरी से आने वाले दिनों में आपके पर्सनल और क्रेडिट कार्ड लोन की ईएमआई भी बढ़ेगी।
आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति नतीजों के बारे में बुधवार को जानकारी देगी, लेकिन उससे पहले ही तीन बैंकों ने मंगलवार से ब्याज दरें बढ़ा दी हैं।
इससे पहले ऐसे बैंकों के लिये मकान मरम्मत या उसमें बदलाव को लेकर कर्ज सीमा में संशोधन सितंबर, 2013 में किया गया था।
जब हम पूर्व भुगतान करते हैं तो यह पूरी रकम मकान के कर्ज की मूल राशि यानी से एडजस्ट कर दी जाती है। जब मूलधन कम होता है तो इसका असर EMI पर दिखेगा।
आरबीआई ने मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए नीतिगत दर (रेपो) को 0. 40 फीसदी बढ़ाकर 4.40 प्रतिशत कर दिया है।
आइए जानते हैं कुछ ऐसे उपाय, जिनसे आप बिना EMI की बढ़ोत्तरी के आसानी से कर्ज चुका सकें।
आइए जानते हैं कुछ ऐसे उपाय, जिनसे आप बिना EMI की बढ़ोत्तरी के आसानी से कर्ज चुका सकें।
अधिकांश होम लोन लेने वाले कम ब्याज दर और EMI का बोझ कम करने के लिए रीफाइनेंस कराते हैं। लेकिन रीफाइनेंस का यही एकमात्र लाभ नहीं हैं।
किराना एप ब्लिंकिट जो पूर्व में ग्रोफर्स के रूप में जानी जाती थी, इसी साल की शुरुआत से 10 मिनट में डिलीवरी शुरू कर चुकी है
भारतीय रिजर्व बैंक ने मौद्रिक समीक्षा में नरम नीतिगत रुख को वापस लेने का संकेत दिया है।
नोएडा विकास प्राधिकरण ने कहा कि रियल एस्टेट डेवलपरों को संपत्ति गिरवी रखने की मंजूरी सोमवार को संपन्न बैठक में लिया गया।
एनबीसीसी ने एक बयान में कहा कि 29 मार्च को एएसपीआईआरई और बैंकों के समूह के बीच आम्रपाली परियोजनाओं के लिए 1,500 करोड़ रुपये के ऋण वितरण को लेकर एक करार हुआ है।
रिपोर्ट के अनुसार, तुर्की में घरों की कीमतों में पिछले वर्ष की चौथी तिमाही में वार्षिक आधार पर सबसे तेज 59.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना वायरस महामारी के बाद सरकार के समर्थन उपायों, बेहतर उपभोक्ता भावना और स्थिर कीमतों के चलते यह बढ़ोतरी देखने को मिली।
आयकर की धारा-80C के तहत आप होम लोन के मूलधन भुगतान पर 1.5 लाख रुपये तक की कर छूट प्राप्त कर सकते हैं।
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