रियल एस्टेट सेक्टर को प्रोत्साहित करने और आम घर खरीदारों को राहत देने के लिए हर किसी को सरकार से इस साल बजट में कई बड़ी घोषणाओं की उम्मीद है।
सरकार को आवासीय क्षेत्र में मांग बढ़ाने के लिए पहली बार घर खरीदने वालों को मिलने वाली कर छूट को आगामी बजट में दोगुना कर एक लाख रुपए कर दिया जाना चाहिए। रियल एस्टेट क्षेत्र की प्रमुख सलाहकार कंपनी जेएलएल इंडिया ने यह सुझाव दिया है।
जेपी समूह नोएडा में अपने अधर में लटके 24 हजार फ्लैट को करीब आठ हजार करोड़ रुपए के खर्च से 2020 तक बनाने व उपभोक्ताओं को उन्हें मुहैया कराने का लक्ष्य तय कर रही है।
कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (क्रेडाई) ने आज कहा कि उत्पादन लागत बढ़ने की वजह से संपत्ति की कीमतें बढ़ने की संभावना है।
देश के सबसे बड़े कॉमर्शियल बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने घर खरीदारों के लिए एक वन-स्टॉप इंटीग्रेटेड वेबसाइट www.sbirealty.in लॉन्च की है।
देश में 1 मई को RERA लागू हो गया, लेकिन उत्तर प्रदेश उन कुछ राज्यों में शामिल है जो नियामक प्राधिकरण का गठन करने में पीछे छूट गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देनदारी में चूक करने वाले को सरकार और प्राधिकारियों के खिलाफ अपने मूल अधिकारों को लागू कराने की मांग को छूट नहीं दी जा सकती।
RERA के तहत राज्यों द्वारा बनाए गए रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी का काम बिल्डरों के खिलाफ आने वाली किसी भी शिकायत का निवारण करना है।
रियल एस्टेट कानून (RERA) अपना आशियाना खरीदने वालों के अधिकारों की रक्षा और इस क्षेत्र में पारदर्शिता के वादे के साथ लाया गया है।
रियल एस्टेट डेवलेपर्स की शीर्ष संस्था क्रेडाई का कहना है कि स्टील और अन्य सामान्य धातुओं की कीमतों में वृद्धि होने से घरों की कीमत बढ़ सकती है।
शहरी विकास मंत्री एम वैंकेया नायडू ने सस्ते मकानों को GST प्रणाली के तहत सेवा कर से छूट देने की बात की है, ताकि सस्ते मकानों की कीमतें नहीं बढ़ें।
सरकार ने रियल एस्टेट एक्ट, 2016 के नियमों को नोटिफाई कर दिया है और यह घर खरीदारों के हक में ही है। जानिए, यह कानून आपको क्या अधिकार देता है।
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