Akshaya Tritiya 2025: अक्षय तृतीया सदैव समृद्धि और नई शुरुआत का प्रतीक रहा है। इस अवसर पर दिल्ली–एनसीआर और मुंबई में घरों की जबरदस्त बुकिंग होती है।
दोनों बैंकों ने रेपो-लिंक्ड लेंडिंग रेट में कटौती कर दी है। घटी हुई ब्याज दरों के अलावा, एक सरकारी बैंक रियायती प्रोसेसिंग शुल्क और शून्य दस्तावेजीकरण शुल्क जैसे लाभ भी दे रहा है।
घर खरीदना बहुत ही बड़ा वित्तीय फैसला होता है। इसलिए इसमें सावधानी बरतना बहुत जरूरी है। जल्दबाजी में किया हुआ फैसला बड़ा नुकसान करा सकता है।
शीर्ष सात शहरों में घरों की बिक्री जनवरी-मार्च, 2025 में 28 प्रतिशत घटकर 93,280 यूनिट्स रह गई, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह आंकड़ा 1.30 लाख इकाई से अधिक था।
नोएडा के सेक्टर 128 में जेपी इंफ्राटेक के कार्यालय के पास आक्रोशित घर खरीदारों ने प्रदर्शन किया, नारे लगाए और बैरिकेड्स तोड़ दिए, जिसके परिणामस्वरूप भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा।
एक बड़ा डाउन पेमेंट आपके लोन की राशि और ब्याज के बोझ को काफी कम कर सकता है। संपत्ति के मूल्य का कम से कम 20-30% बचाने का टारगेट रखें।
इंडस्ट्री के जानकार का कहना है कि बड़े भारतीय शहरों में नए लॉन्च प्रोजेक्ट्स की कीमतों में तेज बढ़ोतरी मजबूत एंड यूजर डिमांड, स्थिर निवेशक विश्वास और बढ़ती निर्माण लागत को दर्शाती है।
केंद्रीय बैंक की तरफ से रेपो रेट में कटौती का फायदा सभी बैंक ग्राहक को तुरंत नहीं देते हैं। इससे उनकी समान मासिक किस्तों यानी EMI में कमी नहीं आती है।
रियल एस्टेट क्षेत्र, विशेष रूप से किफायती और मिड-सेगमेंट हाउसिंग में, इस कदम से मांग में बढ़ोतरी और निवेश को बल मिलेगा।
इससे पहले RBI ने फरवरी में रेपो दर 0.25% घटाकर 6.25% कर दिया था। यह मई, 2020 के बाद पहली कटौती और ढाई साल के बाद पहला संशोधन था।
पिछले 4 साल में घरों की कीमत अनाप-शनाप तरीके से बढ़ी है। इसके चलते अफोर्डेबल हाउस भी अब करोड़ के हो गए हैं। इसके चलते ये घर अब मिडिल क्लास के बजट के बाहर निकल गए हैं।
एसबीआई से होम लोन पाने के लिए शानदार सिबिल स्कोर के साथ सभी जरूरी डॉक्यूमेंट्स का होना भी जरूरी है। अगर इनमें कमी रह जाएगी तो आपको लोन मिलने में परेशानी हो सकती है।
रजिस्ट्रेशन एक्ट 1908 की धारा 17 के मुताबिक, किसी भी अचल संपत्ति की बिक्री का रजिस्ट्रेशन जरूरी है, अगर उसकी कीमत 100 रुपये से ज्यादा है।
नियमों के मुताबिक, अगर लोन लेने के बाद किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो बैंक सबसे पहले उस लोन के को-ऐप्लिकैंट को कॉन्टैक्ट करते हैं। ऐसे मामले में अगर कोई को-ऐप्लिकैंट ही नहीं है या फिर को-ऐप्लिकैंट लोन की भरपाई के लिए असमर्थ है तो फिर बैंक गारंटर से संपर्क करते हैं।
बैंक और वित्तीय संस्थान आमतौर पर प्रॉपर्टी की कानूनी स्थिति की छानबीन के लिए बाहरी वकीलों को नियुक्त करते हैं। इसके लिए वकील जो फीस लेते हैं, वह वित्तीय संस्थान अपने ग्राहकों से वसूलते हैं।
सबसे सस्ती दर पर होम लोन आपको तभी ऑफर किया जाएगा, जब आपका सिबिल स्कोर शानदार होगा। यानी आपके पेमेंट करने की हिस्ट्री अच्छी होगी। कोई डिफॉल्ट या लापरवाही का अहसास न हो रहा हो।
प्रॉपर्टी कंसल्टेंट कंपनी एनारॉक की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में बेचे जाने वाले 4.60 लाख घरों में से 42% से अधिक नए लॉन्च किए गए प्रोजेक्ट में थे।
हैदराबाद में बिक्री में 47% की गिरावट आ सकती है। हैदराबाद में बिक्री घटकर 11,114 इकाई रहने का अनुमान है। इसी तरह कोलकाता में भी घरों की बिक्री 5,882 इकाई की तुलना में 28% घटकर 4,219 इकाई रहने का अनुमान है।
उधारकर्ता और सह-उधारकर्ता की संयुक्त आय लोन मिलने की संभावना को बढ़ा सकती है जिसका अर्थ है ज्यादा लोन पात्रता और परिवार के लिए उपयुक्त घर चुनने में अधिक लचीलापन।
30 सितंबर, 2024 तक बकाया व्यक्तिगत होम लोन में ईडब्ल्यूएस और एलआईजी का हिस्सा 39 प्रतिशत, एमआईजी का 44 प्रतिशत और एचआईजी का 17 प्रतिशत था।
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