अमेरिका स्थित कंपनी के भारत में दो लाख से अधिक कर्मचारी हैं और उम्मीद है कि इस साल वह देश में 23,000 से अधिक नए स्नातकों की भर्ती करेगी।
अब उम्मीद जगने लगी है और भारत में 53 प्रतिशत कंपनियों ने कहा है कि वे 2021 में अपने कर्मचारियों की संख्या में बढ़ोतरी करने की तैयारी कर रही हैं।
रिपोर्ट के अनुसार बीमा क्षेत्र में नौकरियों में सबसे ज्यादा बढ़त देखने को मिली। इसके अलावा ऑटो और उससे जुड़े सेक्टर, बैंक वित्तीय सेवाएं, औषधि/जैव-प्रौद्योगिकी और एफएमसीजी सेक्टर में ज्यादा जॉब मिले। वहीं सबसे ज्यादा मौके दिल्ली और पुणें में दर्ज किए गए।
क्लाउड डेटा संरक्षण एवं प्रबंधन समाधान कंपनी द्रुवा अपने पुणे केंद्र में 100 और कर्मचारियों की नियुक्ति की योजना बना रही है।
कंपनी ने बताया कि नई नौकरियां चेन्नई, बेंगलुरु और मुंबई में दी जाएंगी। ये पद मुख्य रूप से ग्राहक सहायता के साथ ही इंजीनियरिंग इत्यादि के लिए होंगे।
महामारी की वजह से मई में कंपनी ने 600 कर्मचारियों को निकालने का ऐलान किया था
बिगबॉस्केट की पहुंच वाले सभी 26 शहरों में की जाएंगी भर्तियां
सर्वेक्षण में कहा गया है कि साल 2020 में सबसे ज्यादा रोजगार खुदरा एवं ई-कॉमर्स क्षेत्र (1,12,000) में सृजित होने की उम्मीद है।
अगले साल यानी 2019 में करीब चार वर्ष के अंतराल के बाद विभिन्न क्षेत्रों में नियुक्तियां बढ़ेंगी।
वर्ष 2018 के दौरान देश में अधिकांश कंपनियां अपने कर्मचारियों के वेतन में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी करेंगी। इतना ही नहीं इस साल नई भर्तियों में भी वृद्धि होने की संभावना है।
वर्ष 2018 के दौरान देश में अधिकांश कंपनियां अपने कर्मचारियों के वेतन में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी करेंगी। इतना ही नहीं इस साल नई भर्तियों में भी वृद्धि होने की संभावना है।
एसोचैम ने अपने अध्ययन में कहा कि फिलहाल कंपनियों का जोर कर्ज घटाने, संगठित होने, गैर-प्रमुख उद्योग से निकलने और बैलेंट शीट को हल्का और मजबूत बनाने पर है।
TCS ने 2015 के मुकाबले इस साल केवल एक तिहाई H-1B कामकाजी वीजा के लिए आवेदन किया है।
Cognizant, Infosys और Wipro के बाद आईटी कंपनी टेक महिंद्रा भी अपने सैकड़ों कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा सकती है।
अगले साल देश में नई नौकरियों के खूब अवसर पैदा होंगे। टाइम्सजॉब्स के सर्वे के मुताबिक नियुक्ति गतिविधियों में 10 से 15 प्रतिशत का इजाफा होगा।
नैस्कॉम ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में आईटी सेक्टर में नई नियुक्तियां कम रह सकती है क्योंकि आईटी कंपनियां मार्जिन पर दबाव का सामना कर रही हैं।
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