डिफेंस कंपनी ने बताया कि इस दौरान उनके रेवेन्यू में भी इजाफा देखने को मिला है। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड का रेवेन्यू 6 प्रतिशत बढ़कर 5976 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 5636 करोड़ रुपये रहा था।
हिंदुस्तान यूनिलीवर ने इस अंतरिम डिविडेंड के भुगतान के लिए रिकॉर्ड डेट भी फिक्स कर दिया है। एक एक्सचेंज फाइलिंग में हिंदुस्तान यूनिलीवर ने बताया कि शेयरहोल्डरों को दिए जाने वाले 29 रुपये के इस अंतरिम डिविडेंड के लिए 6 नवंबर को रिकॉर्ड डेट के रूप में फिक्स किया गया है।
सितंबर तिमाही में कंपनी का कुल व्यय 12,581 करोड़ रुपये रहा, जो सालाना आधार पर 3.03 प्रतिशत ज्यादा है। इस दौरान एचयूएल की कुल इनकम पिछले साल की दूसरी तिमाही के मुकाबले 2.14 प्रतिशत बढ़कर 16,145 करोड़ रुपये हो गई।
सरकार ने पहले कहा था कि वह बिक्री प्रस्ताव (ओएफएस) के जरिये हिंदुस्तान जिंक में अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए प्रतिबद्ध है। बाजार का आकलन करने के बाद सभी फैसले लिए जाएंगे।
सीईओ अरुण मिश्रा ने कहा कि हिंदुस्तान जिंक के विभाजन के सिलसिले में सरकार के साथ बातचीत बहुत अच्छी रही। अरुण मिश्रा ने कहा, ‘‘ तो अब सरकार विभाजन की चर्चा पर वापस आएगी। हां, हमने फिर से चर्चा की है। अब तीन हिस्सों के बजाय दो हिस्से होंगे। ’
सेंसेक्स में लिस्ट 30 कंपनियों में हिंदुस्तान यूनिलीवर के शेयर सबसे ज्यादा 2.84 प्रतिशत की तेजी के साथ बंद हुए। वहीं दूसरी ओर, टेक महिंद्रा के शेयरों ने सबसे ज्यादा 2.54 प्रतिशत की गिरावट के साथ कारोबार बंद किया।
मंगलवार को हिंदुस्तान जिंक के शेयर आज दोपहर 12.31 बजे 8.25 रुपये (1.66 प्रतिशत) की बढ़त के साथ 504.00 रुपये के भाव पर ट्रेड कर रहे थे। सोमवार को कंपनी के शेयर 495.75 रुपये के भाव पर बंद हुए थे और मंगलवार को बिना किसी बदलाव के इसी भाव पर खुले।
संस्थागत निवेशकों के लिए 4.62 करोड़ शेयर निर्धारित किए गए थे जबकि कुल संस्थागत खरीद 6.36 करोड़ शेयरों की हुई। वेदांता ने बीएसई को दी सूचना में कहा कि 16-19 अगस्त तक चली ओएफएस प्रक्रिया के बाद हिंदुस्तान जिंक में वेदांता की शेयरहोल्डिंग अब घटकर 63.42 प्रतिशत रह गई है।
हिंदुस्तान जिंक के ओएफएस को पहले ही दिन 1.23 गुना यानी 137.39 प्रतिशत सब्सक्रिप्शन मिल गया। कंपनी को सब्सक्रिप्शन के लिए 486 रुपये प्रति शेयर के लोअर प्राइस रेंज के मुकाबले 494.54 रुपये प्रति शेयर के भाव पर बोलियां मिलीं हैं।
ये स्पेशल डिविडेंड, हिंदुस्तान जिंक द्वारा हर साल दिए जाने वाले करीब 6000 करोड़ रुपये के नियमित डिविडेंड से अलग होगा। सरकार के अलावा, हिंदुस्तान जिंक के प्रोमोटर वेदांता लिमिटेड को भी जबरदस्त फायदा होगा, जिसके पास कंपनी में लगभग 65 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
इस पहल का उद्देश्य रीफाइनेंसिंग रिस्क और वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड से डिविडेंड पर निर्भरता को कम करना है। वेदांता लिमिटेड ने चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून 2024 तिमाही में 3,606 करोड़ रुपये का एकीकृत नेट प्रॉफिट अर्जित किया।
Hinduja Group : सिंध के शिकारपुर शहर के रहने वाले युवा उद्यमी परमानंद दीपचंद हिंदुजा ने साल 1914 में हिंदुजा ग्रुप की नींव रखी थी।
ब्रिटेन के सबसे अमीर हिंदुजा परिवार के पास 37.2 बिलियन पाउंड की कुल संपत्ति है। इस परिवार ने अपना भाग्य मुंबई स्थित हिंदुजा समूह से बनाया, जो बैंकिंग और वित्त, मीडिया और मनोरंजन और ऊर्जा सहित व्यावसायिक क्षेत्रों में फैला है।
दोनों खदानों की नीलामी की प्रक्रिया इसी साल मार्च में शुरू हुई थी। कांकरिया गारा स्वर्ण ब्लॉक के लिए हीराकुंड नैचुरल रिसोर्सेज, पोद्दार डायमंड, ओवैस मेटल एंड मिनरल्स प्रोसेसिंग, हिंदुस्तान जिंक और जेके सीमेंट पात्र बोलीदाताओं के रूप में उभरकर सामने आई हैं।
राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) मुंबई ने 27 फरवरी को समाधान योजना को मंजूरी देते हुए आईआईएचएल को 90 दिनों के भीतर यानी 27 मई तक समाधान योजना को लागू करने का निर्देश दिया था।
BPCL, हिंदुस्तान जिंक के साथ कई कंपनियों के शेयर इस हफ्ते एक्स डिविडेंड होंगे। एक्स डिविडेंड वह तारीख होती है, जिस दिन कंपनी द्वारा घोषित डिविडेंड को कंपनी के शेयर प्राइस में से अलग कर दिया जाता है।
हिंदुजा समूह के पास इंडसइंड बैंक, हिंदुजा लीलैंड फाइनेंस और हिंदुजा बैंक (स्विट्जरलैंड) का ओनरशिप है। तलाशी अभियान से जुड़े आईटी कानून के तहत सिर्फ कार्यालय परिसर में ऐसी कार्रवाई अंजाम दी जा सकती है।
पहले दौर की नीलामी में आईआईएचएल ने पहले 8,110 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी लेकिन बाद में उसे संशोधित कर 9,000 करोड़ रुपये कर दिया था। कर्जदाताओं ने उम्मीद के अनुरूप बोली नहीं मिलने पर दूसरे दौर की नीलामी करने का फैसला किया था जिसे राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने उचित ठहराया।
हिंदुजा फैमिली ने 1919 में अपना कारोबारी सफर शुरू किया था। इसी साल हिंदुजा ग्रुप ने ईरान में अपना पहला इंटरनेशनल दफ्तर शुरू किया था।
उच्चतम न्यायालय से दोबारा नीलामी करने की मंजूरी मिलने के बाद बुधवार को दूसरे दौर की नीलामी हुई थी।
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