लिस्टेड कंपनियों, विभिन्न वित्तीय संस्थाओं और डॉक्टर, वकील व आर्किटेक्ट सहित सभी पेशेवरों को 31 मई तक अपने बड़े लेनदेन की जानकारी देनी होगी।
इनकम टैक्स ने ऐसे 67.54 लाख लोगों की पहचान की है, जिन्होंने 2014-15 में ऊंचे मूल्य के लेन-देन तो किए लेकिन अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं किया।
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