भारत ने संयुक्त राष्ट्र को सूचित किया है कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के कार्यान्वयन तथा नोटबंदी से देश के 18 लाख नए लोग आयकर के दायरे में आए हैं।
NSE और CDSL ने सरकार के नोटबंदी के फैसले पर कड़ी चिंता जताते हुए कहा कि इसके अर्थव्यवस्था पर दीर्घकालीन प्रभाव के बारे में कुछ भी स्पष्ट नहीं कहा जा सकता।
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