अगर आपके पास पहले से ही कोई हेल्थ इंश्योरेंस है तो उसमें कोरोना की बीमारी का इलाज शामिल है। ऐसे में कोरोना के लिए अलग से कोई हेल्थ इंश्योरेंस लेने की जरूरत नहीं है।
अमेरिका, इंग्लैंड, यूएई, सेनेगल और स्लोवेनिया को भेजे गए स्वदेश में बने PPE
सरकार को मिले कुल वेंटीलेटर का आधा हिस्सा भारत इलेक्ट्रॉनिक्स से
छोटी अवधि की पॉलिसियों को कम से कम तीन महीने के लिए और अधिकतम 11 महीने के लिए जारी किया जा सकता है।
सर्वे के मुताबिक आधे से ज्यादा लोगो ने इंश्योरेंस कवर लेने के बारे में सोचा है
पिछले एक महीने में कुछ टर्म प्लान 20 फीसदी तक महंगे हुए
IRDA ने लोगों को फर्जी ऑनलाइन इंश्योरेंस कंपनियों के ऑफर से सावधान रहने को कहा है
कंपनियां EMI सुविधा को एक साल के लिए या स्थाई रूप से लागू कर सकती हैं
कोरोना की वजह से हेल्थ इंफ्रा पर दबाव को कम करने के लिए तेजी से फैसले लेने जरूरी
ऑर्थोपेडिक में ग्लोबल लीडर ऑटोबॉक ने ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ आदित्य खेमका के साथ मिलकर ऑशिओइंटीग्रेशन टेक्नोलॉजी पेश की, ताकि इस इनोवेटिव टेक्नोलॉजी के माध्यम से अपंग मरीज फिर से सामाजिक और आर्थिक जीवन में लौट सकें।
कोरोनावायरस से निपटने के लिए निजी क्षेत्र की भागेदारी पर चर्चा
बजट में वित्त मंत्री ने ऐलान किया कि साल 2025 तक देश से टीबी का खात्मा कर दिया जाएगा
एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स ऑफ इंडिया (AHPI) ने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को कैशलेस इलाज को लेकर एक पत्र लिखा है और कहा है कि देश की हेल्थकेयर इंडस्ट्री संकट से गुजर रही है।
नियामक ने रिलायंस हेल्थ इंश्योरेंस को अपनी पूरी वित्तीय संपत्तियों समेत मौजूदा बीमा देनदारियां रिलांयस जनरल इंश्योरेंस को हस्तांतरित करने का भी निर्देश दिया है।
एक परिपत्र के माध्यम से प्रीमियम भुगतान के तरीके में बदलाव की अनुमति दी गई है। यह बीमा कंपनियों को नीतियों में थोड़ा-बहुत संशोधन करने की अनुमति देता है।
देश में स्वास्थ्य सेवाओं पर बढ़ते खर्च के बावजूद जानकारी के अभाव में 85 फीसदी ग्रामीण आबादी स्वास्थ्य बीमा कवर से महरूम है। यह बात हालिया एक रिपोर्ट में कही गई है।
1 सितंबर 2019 से देश में कई नियम बदल जाएंगे। जहां एक ओर घर खरीदना सस्ता हो जाएगा वहीं दूसरी ओर लापरवाही से वाहन चालाने वालों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। साथ ही अब आपकी सेहत के लिए भी सरकार आपको जानकारी देगी। जानिए कुछ ऐसे खास नियमों के बारे में जिसका सीधा असर आपकी जेब और सेहत पर पड़ने वाला है।
भारत के लोग अभी भी टैक्स बचाने और निवेश के लिए बीमा खरीदते हैं, हालांकि अब धीरे-धीरे लोगों में जागरूकता आ रही है वे मानने लगे हैं कि बीमा का मतलब सुरक्षा होता है।
देश के जिला अस्पतालों की रैंकिंग का काम काफी आगे बढ़ चुका है और इस बारे में रिपोर्ट जल्दी आने की उम्मीद है।
हाल में चमकी बुखार ने जिस तरह देश की स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोली। उसे देखते हुए इस सेक्टर को एक बड़ी सर्जनी की जरूरत है। ऐसे में सभी यह जानना चाहते हैं कि मेडिकल सिस्टम को सुधारने के लिए सरकार बजट में क्या कर रह रही है।
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