Budget 2024: बजट में सरकार की ओर से अगर पूंजीगत खर्च बढ़ाया जाता है तो कई सेक्टरों को सीधे तौर पर फायदा होगा।
Cashless Insurance Claim: अब हेल्थ इंश्योरेंस होने पर किसी भी हॉस्पिटल में कैशलेस इंश्योरेंस का फायदा मिलेगा। इसके लिए नया नियम लागू किया गया है।
हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी निवा बूपा ने नया प्रोडक्ट एस्पायर लॉन्च किया है। इसे जेन-Z और मिलेनियल्स की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए लाया गया है। यह देश के बाहर के इलाज को भी कवर करता है।
यह जरूर गौर करें कि क्या स्वास्थ्य देखभाल महंगाई को देखते हुए यह आपकी मौजूदा जरूरतों के लिए पर्याप्त है? कंपनी के द्वारा दी जा रही कवरेज के मुकाबले प्रीमियम अमाउंट का मूल्यांकन करें।
हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का रिन्युअल समय पर न कराने से आपको मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति आने पर भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ सकता है। साथ ही टैक्स छूट का भी फायदा नहीं मिलेगा।
Health Insurance: इंश्योरेंस कंपनी से आप क्या एक साथ दो हेल्थ बीमा पर क्लेम ले सकते हैं। इसको लेकर नियमों के बारे में हम इस आर्टिकल में विस्तार से बताने जा रहे हैं।
Health Insurance for Parents: माता-पिता के लिए हेल्थ इंश्योरेंस लेते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए, जिससे कि आपको भविष्य में क्लेम लेने में कोई परेशानी न हो। इसके बारे में हम इस आर्टिकल में विस्तार से बताने जा रहे हैं।
लाइफ इंश्योरेंस का नेचर हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance) के मुकाबले थोड़ा अलग है। हालांकि दोनों की फाइनेंशियल वैल्यू सीधे किसी इंसान के जीवन पर असर डालती है।
इंश्योरेंस कंपनियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि कस्टमर उनकी पॉलिसी (Health insurance policy) शर्तों को आसानी से समझ पाएं। सीआईएस पर फ़ॉन्ट का आकार न्यूनतम 12 (एरियल) या बड़े आकार में देखने को मिलेगा।
Critical Illness Insurance एक ऐसा इंश्योरेंस प्लान होता है, जिसमें कैंसर, हार्ट अटैक या अन्य कोई गंभीर बीमारी होने पर कवर का फायदा दिया जाता है।
स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के संगठन एएचपीआई ने कहा है कि बीमा कंपनियां मरीजों की तरफ से किए गए दावों को ‘गलत ढंग से’ खारिज कर रही है। क्लेम नहीं मिलने से बीमा कराने वाले मरीज असली पीड़ित बन रहे हैं। बीमा नियामक आईआरडीएआई के पास कई शिकायतें दर्ज की गई हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
यह मान लेना कि हेल्थ इंश्योरेंस ही पर्याप्त है तो ऐसा नहीं होना चाहिए, क्योंकि वह हर तरह की बीमारी को कवर करने में सक्षम नहीं है।
एक हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी न केवल आपके अस्पताल में भर्ती होने के खर्च (परामर्श, जांच और दवाओं पर) को कवर करती है, बल्कि अस्पताल में भर्ती होने से कुछ दिन पहले और बाद तक के संबंधित खर्चों को भी कवर करती है।
अभी कैशलेस क्लेम (नकदी-रहित दावा) प्रक्रिया लंबी है और बीमा कंपनियां इलाज और अन्य मदों के नाम पर कुल बिल से 10 प्रतिशत या उससे अधिक की कटौती करती हैं।
Influencers Guidelines: सरकार के बताए गए दिशानिर्देशों का उल्लंघन होने पर उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 और कानून के अन्य प्रावधानों के तहत जुर्माना लगाया जा सकता है।
इंश्योरेंस एक्सपर्ट का कहना है कि कॉम्बो पॉलिसी पेश करने पर बीमा कंपनियों का खर्च कम होगा। इंश्योरेंस कंपनियों को पॉलिसी मैनेज में आने वाली लागत में कमी आएगी।
हेल्थ इंश्योरेंस में अलग से क्रिटिकल इलनेस प्लान जोड़ते हैं। इनमें किडनी और स्ट्रोक की तरह लगभग 50 बीमारी शामिल हैं।
आमतौर पर हम सब हेल्थ इंश्योरेंस लेने के बारे में सोचते हैं, लेकिन इससे जुड़ी बातों न जानने पर हम इसे लेने पर हाथ खींच लेते हैं। इसके साथ ही प्रतिस्पर्धा के इस युग में सही हेल्थ इंश्योरेंस का चुनाव करना भी जरूरी है, जिससे आगे आप परेशानी में न आये।
जो लोग पुराने समय से हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी ले चुके हैं उन्हें समय रहते इसे स्विच करने की जरूरत है। लेकिन हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को स्विच करते समय पोर्ट और माइग्रेशन को नहीं करें नजरअंदाज। हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को कब और क्यों करें स्विच। यहां जानिए इन दोनों के फायदे और नुकसान।
यह सौदा पूरा होने के बाद टेमासेक की मणिपाल हेल्थ एंटरप्राइजेज में हिस्सेदारी बढ़कर 59 प्रतिशत हो जाएगी। उसके पास पहले ही मणिपाल हेल्थ की 18 प्रतिशत हिस्सेदारी है। वहीं पई परिवार की हिस्सेदारी 50 से घटकर 30 प्रतिशत रह जाएगी।
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