भारतीय बाजार में मिलने वाले अधिकांश ब्रेड में पोटेशियम ब्रोमेट या आयोडेट जैसे रसायन मिले होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हैं। यह जानकारी CSE ने दी।
देश में PET बोतल्स का कारोबार करीब 4,000 करोड़ का हो गया है। सरकार ने एक रिपोर्ट एनजीटी को सौंपी है जिसमें बताया गया कि PET बोतल्स से कोई नुकसान नहीं है।
अब आप अपने Health इंश्योरेंस का प्रीमियम विभिन्न किश्तों में अदा कर सकते हैं। इंश्योरेंस का दायरा बढ़ाने के लिए जल्द ही सरकार नए बदलाव करने जा रही है।
Health Insurance is best practice as Hospital Expenses is rising. but it is more important is that you buy right policy which give you optimum benefit.
महंगे हेल्थ खर्च से सुरक्षा के लिए हेल्थ इंश्योरेंस सबसे सुरक्षित और आसान उपाए है। यह इलाज पर हुए खर्च से राहत देने के साथ टैक्स बेनिफिट भी देता है।
सरकार वरिष्ठ नागरिकों के लिए नकदी रहित (कैशलेस) स्वास्थ्य बीमा योजना पर काम कर रही है, जिसकी घोषणा आगामी बजट 2016-17 में की जा सकती है।
अक्सर हेल्थ पॉलिसी होने के बावजूद उसका फायदा नहीं उठा पाते, यहां कुछ खास जानकारी दी जा रही है, जो आपको हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम दिलवाने में मदद करेगी।
छोटी सी बीमारी आपको लाखों रुपए की चपत लगा सकती है। जीवन की इन्हीं अनिश्चितताओं से रक्षा के लिए हेल्थ इंश्योरेंस एक बेहतरीन विकल्प है।
इंडिया टीवी पैसाबताने जा रहा है कि सरकार ने किन सेक्शंस में टैक्स छूट की सीमाओं में बढ़ोत्तरी कर दी है। इससे टैक्स कैल्कुलेट करने में आसानी होगी।
हम बताने जा रहे हैं कि कैसे 80सी के सेविंग कर आप टैक्स छूट का फायदा उठा सकते हैं। साथ ही अतिरिक्त छूट हासिल करने के लिए क्या उपाय हैं।
हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों के खिलाफ शिकायतों का अंबार बढ़ता ही जा रहा है। वित्त वर्ष 2014-15 में शिकायतों की संख्या 25,600 पर पहुंच गईं।
इरडा की ओर से जारी की गई गाइडलाइन्स के अनुसार राइडर्स पर प्रीमियम आपके हेल्थ इंश्योरेंस बेस प्लान के 30 फीसदी से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
अगर आपको अपने ऑफिस से ग्रुप इंश्योरेंस का फायदा मिल रहा है, फिर भी आप पर्सनल हेल्थ पॉलिसी जरूर लें। इससे आपको अनिश्चितताओं से बेहतर रूप से सुरक्षा मिलेगी।
एक्सीडेंट इंश्योरेंस अनिश्चितताओं से मुकाबला करने का आसान तरीका है, इसे आप स्टैंड अलोन पॉलिसी की तरह ले सकते हैं या फिर राइडर के रूप में अपना सकते हैं।
अगर आपकी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी आपको पूरा कवर नहीं दे पा रही है। तो इस प्रकार आप एक कंपनी से दूसरी कंपनी में पॉलिसी को पोर्ट करा सकता हैं।
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