बीमा कंपनियां हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी की प्रीमियम में लगातार बढ़ोतरी करती जा रही है। अगर आप भी प्रीमियम के बोझ से परेशान हैं तो कुछ बातों का ख्याल रखकर अच्छी खासी बचत कर सकते हैं।
ज्यादातर पॉलिसी में पहले से चली आ रही बीमारियों की कवरेज के लिए कुछ सालों का वेटिंग पीरियड होता है। नियमों के अनुसार पुरानी बीमारियों को ज्यादा से ज्यादा 3 साल के लिए वेटिंग पीरियड में रखा जा सकता है।
कई लोग 25 की उम्र में हेल्थ इंश्योरेंस लेते हैं तो कई लोग 30 और 35 की उम्र में हेल्थ इंश्योरेंस खरीदते हैं। ऐसे में जिन लोगों ने अभी तक हेल्थ इंश्योरेंस नहीं लिया है, उनके मन में एक सवाल उठता रहता है कि हेल्थ इंश्योरेंस लेने का सही समय क्या है?
सीनियर सिटीजन के लिए हेल्थ इंश्योरेंस लेते समय इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए कि इंश्योरेंस कंपनियां वरिष्ठ नागरिकों की उम्र और मौजूदा हेल्थ कंडीशन के हिसाब से उनका प्रीमियम तय करती हैं।
यह जरूर गौर करें कि क्या स्वास्थ्य देखभाल महंगाई को देखते हुए यह आपकी मौजूदा जरूरतों के लिए पर्याप्त है? कंपनी के द्वारा दी जा रही कवरेज के मुकाबले प्रीमियम अमाउंट का मूल्यांकन करें।
इंश्योरेंस कंपनियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि कस्टमर उनकी पॉलिसी (Health insurance policy) शर्तों को आसानी से समझ पाएं। सीआईएस पर फ़ॉन्ट का आकार न्यूनतम 12 (एरियल) या बड़े आकार में देखने को मिलेगा।
स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के संगठन एएचपीआई ने कहा है कि बीमा कंपनियां मरीजों की तरफ से किए गए दावों को ‘गलत ढंग से’ खारिज कर रही है। क्लेम नहीं मिलने से बीमा कराने वाले मरीज असली पीड़ित बन रहे हैं। बीमा नियामक आईआरडीएआई के पास कई शिकायतें दर्ज की गई हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
एक हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी न केवल आपके अस्पताल में भर्ती होने के खर्च (परामर्श, जांच और दवाओं पर) को कवर करती है, बल्कि अस्पताल में भर्ती होने से कुछ दिन पहले और बाद तक के संबंधित खर्चों को भी कवर करती है।
स्वास्थ्य बीमा को उन पहली पॉलिसी की लिस्ट आता है, जिसे एक कमाई करने वाले व्यक्ति को निवेश यात्रा शुरू करने से पहले ही खरीदना चाहिए। जीवन अनिश्चित है और अचानक स्वास्थ्य संकट आर्थिक और भावनात्मक दोनों रूप से व्यक्ति को कमजोर कर देता है।
अगर आप किसी प्राइवेट कंपनी (Private Company) में काम करते हैं तो आपको कंपनी के तरफ से हो सकता है Health Insurance मिला हो। हालांकि ये जरूरी नहीं होता है।
कंपनी के पास अभी 3 लाख से अधिक हेल्थ इंश्योरेंस उपभोक्ता हैं। कंपनी ने अपने उपभोक्ता आधार में वृद्धि के लिए यह आकर्षक पेशकश की है।
Irdai ने बीमा कंपनियों को निर्देश जारी किया है कि वे 30 दिनों के भीतर क्लेम का निपटान करें नहीं तो बैंकों की तुलना में 2 फीसदी ज्यादा ब्याज देना होगा।
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