ग्राहकों को सोने की खरीद में होने वाली धोखाधड़ी से बचाने के लिये सरकार जल्द से जल्द गोल्ड हॉलमार्किंग को अनिवार्य करना चाहती है
गडकरी ने गोयल से आग्रह करते हुए कहा कि आपसे अनुरोध है कि इस मुद्दे को देखें और भारत सरकार के नियमों एवं दिशा-निर्देशों के तहत उचित कदम उठाने का कष्ट करें।
देश में पहली जून से सोने की ज्वैलरी में बीआईएस की हॉलमार्किंग अनिवार्य होगी, और सिर्फ 22 कैरट, 18 कैरट और 14 कैरट के सोने के गहनों की ही बिक्री हो सकेगी।
जीजेसी ने कोविड-19 स्थिति के कारण हॉलमार्किग समय-सीमा को जून 2021 के बजाये जून 2022 तक बढ़ाने की मांग की है।
1 जून से, ज्वेलर्स को केवल 14,18 और 22 कैरेट की गोल्ड ज्वेलरी ही बेचने की अनुमति होगी।
भारत में सोने की शुद्धता पर भारतीय मानक ब्यूरो नजर रखता है। ब्यूरो के मापदंडों के आधार पर ब्यूरो के द्वारा तय किए गए केंद्रों में आभूषण की जांच की जाती है जिसके बाद जांच की मुहर आभूषण पर लगती है, जिसे हॉलमार्किंग कहते हैं।
सरकार ने सोने से बनी ज्वेलरी पर हॉलमार्किंग को अनिवार्य कर दिया गया है। लेकिन हॉलमार्क ज्वेलरी की पहचान न कर पाने के चलते लोग ठगी के शिकार हो रहे हैं।
गोल्ड ज्वैलरी और गोल्ड आर्टिफैक्ट की हॉलमार्किंग के लिए समयसीमा को बढ़ा कर पहली जून 2021 कर दिया है। पहले इसके लिए 15 जनवरी 2021 की समयसीमा दी गई थी। नियमों के मुताबिक तय सीमा के बाद से ज्वैलर्स सिर्फ 14, 18 और 22 कैरेट की हॉलमार्क ज्वैलरी ही बेच सकेंगे
देश के लगभग सभी प्रमुख स्थानों पर सोने के गहनों की शुद्धता जांच सह हॉलमार्किंग केंद्र खोलने के लिए काफी लोगों ने दिलचस्पी दिखाई है और जून 2021 तक इन स्थानों पर केंद्र स्थापित हो जाएंगे।
अगले साल एक जून से ज्वैलर्स को केवल 14, 18 और 22 कैरेट सोने के आभूषण बेचने की अनुमति होगी
सरकार की योजना, देश के प्रत्येक जिले में हॉलमार्किंग केंद्र स्थापित करने की है।
हॉलमार्किंग अनिवार्य करने की अधिसूचना जारी होने के बाद सभी ज्वैलर्स को बीआईएस के साथ पंजीकरण करवाना अनिवार्य होगा और इसके लिए उन्हें एक साल का समय दिया जाएगा।
उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने शुक्रवार को कहा कि सरकार स्वर्ण आभूषणों और कलाकृतियों के लिये हॉलमार्क (गुणवत्ता की मुहर) की व्यवस्था 15 जनवरी 2021 से अनिवार्य करेगी।
सरकार देश में बेचे जा रहे स्वर्ण आभूषणों के लिए शीघ्र ही हॉलमार्क को अनिवार्य करने पर विचार कर रही है।
CAIT के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने पासवान से कहा कि 83.3 प्रतिशत शुद्धता वाले 20 कैरट के आभूषणों का एक नया मानक शामिल किया जाए
सरकार देश में बिकने वाली सभी तरह की गोल्ड ज्वैलरी के लिए अगले साल से हॉलमार्क सर्टिफिकेशन को अनिवार्य बनाने की योजना पर विचार कर रही है।
बीआईएस ने सोने की हॉलमार्किंग के भारतीय मानकों में संशोधन किया है। ये इस साल एक जनवरी से लागू हो गए हैं। अब ज्वैलरी पहले से चार गुना सुरक्षित होंगे।
बीआईएस ने ज्वैलर्स को बड़ा झटका दिया है। अब ज्वैलर्स आपको 22 कैरेट के नाम पर 18 ये 14 कैरेट सोने की ज्वैलरी नहीं बेच जाएगा। हॉलमार्क जरूरी हो गया है।
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