बीआईएस के अनुसार, जिन उपभोक्ताओं के पास बिना हॉलमार्क वाले सोने के आभूषण हैं, उन्हें इसे बेचने या नए गहने के साथ एक्सचेंज करने से पहले इसे अनिवार्य रूप से हॉलमार्क करवाना होगा।
हॉलमार्किंग गोल्ड ज्वेलरी पर तीन निशान होंगे, जिसमें बीआईएस मार्क, शुद्धता कैरेट में और गोल्ड के लिए फाइननेस (उदाहरण 22के916, 18के750, 14के585) और छह अंकों का अल्फान्यूमेरिक एचयूआईडी कोड होगा।
16 जून से केवल 14, 18 और 22 कैरेट सोने के आभूषण बेचने की अनुमति होगी। अतिरिक्त 20, 23 और 24 कैरेट के सोने के लिए भी हॉलमार्किंग की अनुमति होगी।
1 जून से, ज्वेलर्स को केवल 14,18 और 22 कैरेट की गोल्ड ज्वेलरी ही बेचने की अनुमति होगी।
सरकार देश में बिकने वाली सभी तरह की गोल्ड ज्वैलरी के लिए अगले साल से हॉलमार्क सर्टिफिकेशन को अनिवार्य बनाने की योजना पर विचार कर रही है।
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