संसद में एक नया बिल पेश किया है, जो भारतीय कंपनियों को H-1B और एल-1 वर्क वीजा पर आईटी प्रोफेशनल्स को भर्ती करने से रोकेगा।
प्रमुख भारतीय कंपनियों को पिछले दिसंबर से प्रभावी नए नियमों के तहत सभी एच-1बी वीजा आवेदनों के लिए कम से कम अतिरिक्त 4,000 डॉलर का भुगतान करना होगा।
अमेरिका की आव्रजन से जुड़ी दो संस्थाओं ने सरकार के खिलाफ याचिका दायर की हैं, जिसमें एच-1बी कार्य वीजा की लॉटरी प्रक्रिया में ज्यादा पारदर्शिता की मांग है।
वेरिटास के प्रमुख ने कहा, पूरी सिलिकॉन वैली का मानना है कि एच-1बी वीजा नीति का बड़े पैमाने पर विस्तार होना चाहिए। कंपनियों को नहीं मिल रहे प्रोफेशनल्स।
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