H-1B Visa: पीएम मोदी का अमेरिका दौरा उन हजारों भारतीयों के लिए एक बार फिर खुशी का कारण बन गया है जो अभी तक H-1B Visa को लेकर इंतजार में बैठे थे।
अमेरिका में एक न्यायाधीश ने फैसला सुनाया है कि H-1B वीजा धारकों के पति या पत्नी देश में काम कर सकते हैं। इस फैसले से अमेरिकी तकनीकी क्षेत्र में विदेशी कर्मचारियों को बड़ी राहत मिली है।
अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवा (यूएससीआईएस) ने कहा कि एक अक्टूबर 2023 से शुरू होने वाले वित्त वर्ष के लिए वह एक मार्च से 17 मार्च के बीच एच-1बी वीजा के लिए आवेदन स्वीकार करेगी।
अमेरिका के श्रम विभाग ने विभिन्न आव्रजन और गैर-आव्रजकों के रोजगार का वेतन का स्तर तय करने को 60 दिन के अंदर जनता से सुझाव देने को कहा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने गुरुवार को विदेशी श्रमिकों के वीजा, खासतौर से एच-1बी वीजा, पर प्रतिबंधों की अवधि को समाप्त होने दिया। इसके साथ ही उनके पूर्ववर्ती डोनाल्ड ट्रंप द्वारा इस संबंध में जारी अधिसूचना खत्म हो गई।
इंडस्ट्री बॉडी नैस्कॉम ने बुधवार को कहा कि एच1बी वीजा प्रोग्राम में किए गए बदलाव और नई पाबंदियों से कुशल टैलेंट का अमेरिका में आने पर प्रतिबंध लगेगा और इससे अमेरिकन अर्थव्यवस्था और रोजगार पर भी असर पड़ेगा।
राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा जारी आधिकारिक घोषणा के मुताबिक नये प्रतिबंध आगामी 24 जून (बुधवार) से प्रभावी होंगे। इस आदेश का कई भारतीय आईटी पेशेवरों और कई अमेरिकी एवं भारतीय कंपनियों पर प्रभाव पड़ सकता है जिन्हें अमेरिकी सरकार ने एक अक्टूबर से शुरू हो रहे वित्त वर्ष 2021 के लिए एच-1बी वीजा जारी कर दिए थे।
नास्कॉम का कहना है कि अमेरिका के इस कदम से संभवत: और ज्यादा काम विदेशों में होने लगेगा क्योंकि वहां स्थानीय स्तर पर इस तरह का कौशल उपलब्ध नहीं हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी सरकार अगले वित्त वर्ष में इस प्रस्तावित निलंबन को मंजूरी दे सकती है। अमेरिकी वित्त वर्ष एक अक्टूबर से शुरू होता है और तब कई नए H1B Visa जारी किए जाते हैं।
अमेरिकी प्रशासन ने एच1बी वीजा की अवधि बढ़ाने के आवेदन स्वीकार करने का निर्णय लिया है।
एच-1बी वीजाधारकों ने नौकरी छोड़ने के बाद अमेरिका में अपने प्रवास के समय को बढ़ाने के लिए व्हाइट हाउस की वेबसाइट पर एक याचिका अभियान शुरू किया है।
अमेरिका में काम करने के लिए एच-1बी वीजा के आवेदन शुल्क के तौर पर अब 10 डॉलर ज्यादा चुकाने होंगे। अमेरिका ने अपनी संशोधित चयन प्रक्रिया के तहत इस संबंध में घोषणा की।
ट्रंप प्रशासन की अति प्रतिबंधात्मक नीतियों के चलते एच-1बी आवेदनों को खारिज किए जाने की दर 2015 के मुकाबले इस साल बहुत अधिक बढ़ी हैं।
अमेरिकी विदेश मंत्रलय की ओर से H-1B वीजा को लेकर बड़ा बयान जारी करते हुए कहा गया है कि वह उन देशों के लिए सालाना H-1B वर्क वीजा की संख्या को कम करने पर विचार नहीं कर रहा है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि आंकड़ों को स्थानीय स्तर पर रखे जाने को अनिवार्य बनाने वाले देशों के मामले में एच-1बी वीजा की संख्या सीमित करने की अमेरिका की योजना के बारे में उसे कोई जानकारी नहीं मिली है।
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस (टीसीएस) भारत की इकलौती ऐसी कंपनी है, जो वित्त वर्ष 2018 के लिए एच-1बी वीजा हेतु विदेशी श्रम प्रमाणन पाने वाली टॉप-10 कंपनियों में शामिल है।
अमेरिकी नागरिकता व आव्रजन सेवा (USCIS) के प्रवक्ता फिलिप स्मिथ ने कहा कि 21 मई 2018 तक यूएससीआईएस को H-1B ईमेल पते पर 5,000 से अधिक सूचनाएं मिलीं। यूएससीआईएस ने हालांकि यह नहीं बताया है कि यह शिकायतें किस तरह की हैं या किन कंपनियों से जुड़ी हुई हैं।
अमेरिका में नौकरी कर रहे 70 हजार भारतीयों के लिए बुरी खबर है। ट्रंप प्रशासन ने अमेरिका की एक अदालत को बताया कि एच -4 वीजाधारकों की कुछ श्रेणियों को काम करने की मंजूरी (वर्क परमिट) रद्द करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन H-1B वीजा प्रक्रियाओं को तर्कसंगत बनाने के प्रस्ताव पर काम कर रहा है। यह वीजा भारतीय आईटी पेशेवरों में काफी लोकप्रिय है। संघीय एजेंसी के एक शीर्ष अधिकारी का कहना है कि बेहतरीन और सर्वश्रेष्ठ विदेशी प्रतिभाओं को आकर्षित करने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है।
डोनाल्ड ट्रंप सरकार H-1B वीजाधारकों के जीवनसाथियों के लिए वर्क परमिट को समाप्त करने की योजना बना रही है। यानी कि यदि पति के पास H-1B वीजा है, तो पत्नी को भी कार्य करने की अनुमति नहीं होगी। इसी तरह पत्नी के पास वीजा होने पर पति को वर्क परमिट नहीं मिलेगा।
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