निक्केई इंडिया सर्विसेज पीएमआई बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स अगस्त में मामूली तौर पर सुधरकर 47.5 रहा है जो जुलाई में 45.9 था।
कंपनियों के पास GST रिटर्न भरने के लिए अब और समय होगा। सरकार ने जुलाई और अगस्त के लिए कर के भुगतान की अंतिम तारीख बढ़ा दी है।
सरकार ने GST रिटर्न दाखिल करने की तिथि 25 अगस्त तक के लिए बढ़ा दी है। इससे पहले GST रिटर्न फाइल करने वाली वेबसाइट ने काम करना बंद कर दिया था।
जीएसटी फाइल करने वाली वेबसाइट ने जीएसटी रिटर्न दाखिल करने के अंतिम दिन से एक दिन पहले कुछ समय के लिए काम करना बंद कर दिया।
सरकार ने यह भी साफ किया है कि रिटर्न दाखिल करने की मियाद सिर्फ उन कारोबारियों के लिए बढ़ी है जो ट्रांजिशन पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का क्लेम करेंगे
GST के तहत पंजिकृत टैक्स दाताओं के लिए एनरोलमेंट एप्लिकेशन भरना जरूरी है, अगर नहीं भरा होगा तो कारोबारी GST के तहत रिटर्न दाखिल नहीं कर सकते हैं।
कंपनियां नई जीएसटी व्यवस्था के तहत अपना पहला टैक्स रिटर्न भरना शुरू कर सकती हैं। GSTN ने रिटर्न फाइलिंग और टैक्स भुगतान की सुविधा शुरू कर दी है।
GST लागू होने का असर सर्विस सेक्टर पर भी दिखाई दिया। जुलाई में GST लागू होने के बाद सर्विसेज PMI पिछले चार साल के निम्न स्तर पर पहुंच गई।
जीएसटी नेटवर्क (GSTN) ने कहा है कि 27 लाख व्यापारियों द्वारा GSTN पोर्टल पर GST का पंजीकरण पूरा कराना अभी बाकी है और वे 20 अगस्त तक अपना रिटर्न फाइल करेंगे।
जीएसटी काउंसिल अगले महीने होने वाली बैठक में विभिन्न क्षेत्रों के संगठनों की तरफ से उठाए गए टैक्स के मुद्दे पर विचार कर सकती है।
GST में छूट प्राप्त कमोडिटीज की सप्लाई का कारोबार करने वाले व्यापारियों की तरफ से पंजीकरण को लेकर CBEC से सवाल पूछा गया था
कुल मिलाकर GST काउंसिल की यह 19वीं बैठक होगी लेकिन देश में GST पहली जुलाई से लागू हो चुका है और उसके लागू होने के बाद काउंसिल की आज पहली बैठक होगी
सेकेंड हैंड सामान खरीदने या बेचने पर वस्तु एवं सेवा कर (GST) नहीं चुकाना होगा, बशर्ते उसे खरीदी गई कीमत से कम कीमत पर बेचा गया हो।
वित्त मंत्रालय देश के सभी व्यापारियों से आग्रह किया है कि 30 जुलाई से पहले GST में पंजिकृत हो जाएं, अंतिम तिथी का इंतजार न करें
हाउसिंग सोसाइटी अपने सदस्यों से 5000 रुपये से ज्यादा भी लेती है और उसका सालाना टर्नओवर 20 लाख रुपये से कम रहता है तो भी वह GST के दायरे में नहीं आएगी
कंपनी द्वारा अपने कर्मचारियों को बिना किसी अनुबंध के अगर 50,000 रुपए से अधिक का उपहार प्रदान किया जाता है तो उस पर GST के तहत कर चुकाना होगा।
सरकार ने आज स्पष्ट किया है कि नियोक्ता द्वारा कर्मचारी को एक साल में दिए गए 50,000 रुपये तक के उपहार पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) नहीं लगेगा।
सरकार ने जीएसटी रेट फाइंडर नाम से एक मोबाइल एप लॉन्च की है। इस मोबाइल एप में जीएसटी के सभी टैक्स रेट दिए गए हैं, जिसकी मदद से टैक्स रेट पता चलेंगे।
विश्व स्वर्ण परिषद (WGC) का मानना है कि वस्तु एवं सेवा कर (GST) की वजह से देश में लघु अवधि में सोने की मांग प्रभावित हो सकती है।
अब 20 लाख रुपये से कम का सालाना टर्नओवर करने वाले छोटे व्यापारियों को भी GST में पंजीकृत होना पड़ेगा
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