वर्तमान में, दो राज्यों, गुजरात और आंध्र प्रदेश और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी ने पायलट आधार पर करदाताओं का आधार प्रमाणीकरण शुरू किया है। अप्रैल जीएसटी राजस्व के विश्लेषण के अनुसार, कर्नाटक दूसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता है, इसके बाद उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु हैं।
सीबीआईसी के सदस्य (जीएसटी) शशांक प्रिया ने कहा कि वित्त वर्ष 2017-18 और 2018-19 के लिए भेजे गए नोटिस दोनों के लिए दाखिल किए गए कुल रिटर्न का छोटा अंश है।
सीबीआईसी के चेयरमैन ने कहा, ‘‘हम ऑनलाइन गेमिंग का संशोधित प्रावधान एक अक्टूबर से लागू करने के लिये पूरी तरह से तैयार हैं। जीएसटी परिषद की पिछली बैठक में लिये गये निर्णय के अनुसार, संबंधित अधिसूचनाएं प्रक्रियाधीन हैं। सभी राज्यों के लिये इस संदर्भ में 30 सितंबर तक कानून बनाना या अध्यादेश लाना जरूरी है।
दी गई जारनकारी के मुताबिक, अनरजिस्टर्ड करदाता अनुबंध/समझौता रद्द होने का पत्र प्राप्त होने की तिथि से दो साल के भीतर कर वापसी के लिये आवेदन कर सकते हैं।
November Month Big Changes: 1 नवंबर से इन सरकारी योजनाओं के नियमों में बदलाव होने जा रहा है। कहीं KYC को किसी जगह पर ओटीपी अनिवार्य कर दिया जाएगा। आइए जानते हैं अगले महीने होने वाले 5 बड़े बदलाव के बारे में, जो आपके जीवन पर असर डालेंगे।
GST Rule: जीएसटी के नए रूल के मुताबिक, अब हर पैकेट पर जीएसटी लगेगा। अब चाहे 1 किलो आटा, 1 किलो चावल, 1 किलो दाल, दूध, दही, छाछ आप कुछ भी लें, सभी पर जीएसटी लगेगा और इसका भार आम जनता को उठाना पड़ेगा।
GST rates clarification: खुदरा कारोबारी या वितरक से 25 KG पैक सामान लाकर उसे खुले में बेचता है तो इस पर जीएसटी नहीं लगेगा।
वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को जीएसटी संग्रह के आंकड़े जारी किए। गौरतलब है कि जीएसटी संग्रह लगातार तीसरे महीने एक लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है।
जीएसटी पोर्टल पर इन नियमों को अुनपालन पूरी तरह से ऑटोमैटेड एवं डिजिटल होगा, इसलिए जीएसटीआर-1 फाइल करने की सुविधा दोबारा प्राप्त करने के लिए टैक्स-अधिकारी से मंजूरी लेने की कोई आवश्यकता नहीं होगी।
जीएसटी व्यवस्था में अप्रैल 2018 से 50,000 रुपये से अधिक मूल्य की वस्तुओं के इंटर-स्टेट ट्रांसपोर्टेशन के लिए ईवे बिल को अनिवार्य कर दिया गया है।
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह जुलाई में 33 प्रतिशत बढ़कर 1.16 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। वित्त मंत्रालय ने रविवार को यह जानकारी दी।
ज्यादातर आम उपयोग की वस्तुओं को जीएसटी से छूट दी गई है, जबकि विलासितापूर्ण और समाज/स्वास्थ्य की दृष्टि से अहितकर वस्तुओं पर सर्वोंच्च 28 प्रतिशत दर है।
सरकार ने सोमवार को कहा कि जीएसटी के तहत मई के लिए मासिक बिक्री विवरण प्रस्तुत करने की समयसीमा 15 दिनों के लिए बढ़ाकर 26 जून तक कर दी गयी है।
सरकार ने मार्च और अप्रैल 2021 माह के लिये जीएसटी की मासिक रिटर्न जीएसटीआर-3बी को जमा कराने में देरी पर विलंब शुल्क को माफ कर दिया है।
वर्तमान में, उद्यमों को मासिक रिटर्न फाइल करने के लिए जीएसटीआर-3बी फॉर्म को डिजिटली साइन करने और कर जमा करने की जरूरत होती है।
मंत्रालय ने कहा कि जीएसटी संग्रह ने लगातार छठवें महीने 1 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार किया है और यह इस बात का साफ संकेत है कि महामारी के बाद अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार हो रहा है।
सरकार ने जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा को 31 मार्च तक बढ़ा दिया है। यह सरकार द्वारा दिया गया दूसरा विस्तार है। इससे पहले समय सीमा 31 दिसंबर 2020 से बढ़ाकर 28 फरवरी कर दी गई थी।
कैब सर्विस मुहैया कराने वाली उबर और ओला के खिलाफ जीएसटी की चोरी को लेकर जांच शुरू करने के एक दिन बाद यह कदम सामने आया है।
व्यवसायों द्वारा दाखिल किए गए आपूर्ति रिटर्न जीएसटीएन-1 के आधार पर जीएसटीएन अपने आप देनदारी की गणना कर लेगा, जबकि प्रणाली द्वारा तैयार किए गए मसौदा स्टेटमेंट जीएसटीआर-2बी से इनपुट क्रेडिट टैक्स (आईटीसी) की गणना होगी।
वित्त मंत्रालय ने कहा कि अब अगले चरण में जुटाए जाने वाले कर्ज से केरल और प.बंगाल को भी राशि मिलनी शुरू होगी। बयान में कहा गया है कि केरल और प.बंगाल को जीएसटी के क्रियान्वयन से राजस्व में कमी की भरपाई के लिए 10,197 करोड़ रुपये मिलेंगे।
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