GST के एक जुलाई से अमल में आने के बाद संभवत: सरकार अप्रत्यक्ष करों (Indirect Taxes) से अपनी प्राप्ति के अनुमान पर नए सिरे से विचार कर सकती है।
वर्ष की शुरुआत कंपनियों में विलय-अधिग्रहण के मामले में काफी मजबूती के साथ हुई है। जनवरी माह में विलय एवं अधिग्रहण से जुड़े करीब 2.3 अरब डॉलर के सौदे हुए
ऑनलाइन रिटेलर्स मसलन फ्लिपकार्ट, अमेजन और स्नैपडील ने एक साथ मिलकर जीएसटी कानून के मसौदे में स्रोत पर कर कटौती (टीसीएस) नियमों पर चिंता जताई है।
जीएसटी को एक साहसिक नया प्रयोग बताते हुए आर्थिक समीक्षा में भूमि एवं अन्य अचल संपत्ति को इस अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के अंतर्गत लाने पर जोर दिया गया है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली वित्त वर्ष 2017-18 के बजट में सर्विस टैक्स की दरों को बढ़ कर 16-18 प्रतिशत के बीच करने का प्रस्ताव कर सकते हैं। वर्तमान दर 15% है।
वित्त मंत्री ने नोटबंदी का बचाव करते हुए कहा कि लंबे समय में कालेधन की अर्थव्यवस्था औपचारिक अर्थव्यवस्था का हिस्सा बनेगी और टैक्स कानूनों में सुधार होगा।
GSTपरिषद के हाल के फैसलों का विरोध करते हुए इनडायरेक्ट टैक्स अधिकारियों के विभिन्न संगठनों ने असहयोग आंदोलन शुरू करने का फैसला किया है।
सिग्नेचर ग्लोबल ने पिछले सप्ताह ही गुरुग्राम में सस्ते आवास की दो परियोजनाएं शुरू की हैं। इनमें 18 से 24 लाख रुपए की 2,405 आवास इकाइयां होंगी।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को कहा कि जीएसटी व्यवस्था में अधिकार और दोहरे नियंत्रण के मुद्दे पर निर्णय हो गया है। हालांकि, अब एक जुलाई से लागू होगा।
GST काउंसिल की सोमवार यानी आज होने वाली बैठक में वित्त मंत्री केंद्र और राज्यों के बीच अधिकार क्षेत्र को लेकर बने गतिरोध को समाप्त करने का प्रयास करेंगे।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) फरवरी में पेश होने वाली अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती कर सकता है।
वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी HSBC (एचएसबीसी) ने इस साल दिसंबर अंत तक BSE Sensex (बीएसई सेंसेक्स) के 30,500 के स्तर पर पहुंच जाने का अनुमान जताया है।
इन्फोसिस के CEO विशाल सिक्का ने कंपनी कर्मचारियों से कहा कि आगे की राह लंबी और कठिन है। उन्होंने कहा है, हमारे पास पहाड़ लांघने के अलावा कोई विकल्प नहीं
करदाताओं पर अधिकार क्षेत्र को लेकर GST परिषद में गतिरोध बने रहने के साथ GST 1 जुलाई से लागू हो सकता है। उद्योग को खुद को तैयार करने के लिए वक्त चाहिए होगा।
भारत की नोटबंदी से नेपाल की इकोनॉमी की रफ्तार कम हो गई है और व्यापार को जबरदस्त झटका लगा है। रेटिंग एजेंसी बीएमआई रिसर्च ने बुधवार को इस बात की जानकारी दी।
ग्लोबल रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पूअर्स ने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी के लागू होने से छोटी अवधि में अर्थव्यवस्था के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है।
GST व्यवस्था में करदाता इकाइयों पर नियंत्रण के अधिकार के मुद्दे पर केंद्र व राज्यों के बीच आज कोई चर्चा नहीं हो सकी। आगामी बैठक अब 22-23 दिसंबर को होगी।
एसोचैम ने कहा कि FMCG, आभूषण तथा SME जैसे अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्र नोटबंदी से प्रभावित हुए हैं वहीं बड़ी संख्या मेंलोगों की नौकरी भी चली गई है
CBEC चेयरमैन ने कहा कि डेढ़ करोड़ रुपए से कम के कारोबार वाली इकाइयों पर केवल राज्यों का ही नियंत्रण हो इस तरह की मांग से केंद्र के अधिकार कम होंगे।
जीएसटी परिषद की बैठक बेनतीजा रही। जीएसटी के तहत विभिन्न कारोबारी इकाइयों पर नियंत्रण को लेकर केन्द्र और राज्यों के बीच सहमति नहीं बन सकी।
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