पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि सरकार पेट्रोल और डीजल के दाम में वृद्धि पर नजर रखे हुए है।
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने गुरुवार को अपनी 25वीं बैठक में 29 वस्तुओं पर जीएसटी रेट घटाकर शून्य प्रतिशत करने का निर्णय किया है।
खुदरा क्षेत्र के उद्यमियों ने फाइनेंस तक आसान पहुंच और क्षेत्र में अधिक निवेश आकर्षित करने के लिये आगामी बजट में उन्हें उद्योग का दर्जा दिए जाने और वस्तु एवं सेवा कर (GST) को सरल बनाने की मांग की है।
ट्रोल और डीजल को GST के दायरे में रखा जाए या नहीं इसपर अंतिम फैसला GST काउंसिल को ही करना है और GST काउंसिल अगर पेट्रोल और डीजल को GST के दायरे में करती है तो इससे इनकी कीमत में भारी कटौती हो जाएगी
पर्सनल केयर सेगमेंट में डव तथा पीयर्स साबुन के साथ फेयर एंड लवली क्रीम के कारोबार में भी अच्छी ग्रोथ दर्ज की गई है। इंदुलेखा ब्रांड के तहत इंदुलेखा भ्रिंगा शैंपू लॉन्च किया है जो बालों को झड़ने से रोकने के लिए एक आयुर्वेदिक दवा है
DGS ने तेल साबुन जैसे उत्पाद यानि FMCG प्रोडक्ट बनाने वाली प्रमुख कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL) को मुनाफाखोरी के लिए नोटिस जारी किया है
सरकार की केंद्रीकृत ई-वे बिल प्रणाली में गुजरात, हरियाणा और बिहार सहित कम से कम छह और राज्य आज शामिल हो गए।
इस बार सरकार जनता को बजट से पहले ही खुश करने की कोशिश में है। 1 फरवरी को पेश होने वाले आम बजट से पहले ही माल एवं सेवा कर (जीएसटी) काउंसिल की महत्वपूर्ण बैठक 18 जनवरी को बुलाई गई है।
GST लागू होने के बाद मुनाफाखोरी करने वाली कंपनियों की शिकायत के लिए उपभोक्ताओं को यह फॉर्म भरना होता है
आर्थिक मोर्चे पर चुनौतियों के बीच विपक्ष के कटाक्ष झेल रही मोदी सरकार के लिए विश्व बैंक की ओर से राहत भरी खबर आई है।
रियल एस्टेट सेक्टर भी अब जल्द ही वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में आ सकता है।
अधिसूचना के तहत कम्पोजिशन योजना का विकल्प चुनने वाले विनिर्माताओं को अब एक प्रतिशत जीएसटी देना होगा
श्विक वित्तीय सेवा कंपनी HSBC के अनुसार 2018-19 में जीडीपी वृद्धि दर 2017-18 के 6.5 प्रतिशत वृद्धि दर के मुकाबले बढ़कर 7.0 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
नोटबंदी और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की वजह से पैदा हुई अड़चनें अब धीरे-धीरे दूर हो रही हैं।
वस्तु एवं सेवा कर (GST) व्यवस्था के तहत ट्रांसपोर्टरों के लिए इलेक्ट्रानिक वे बिल या ई-वे बिल प्रणाली अब एक फरवरी से क्रियान्वित होगी। इस प्रणाली में ट्रांसपोर्टरों को राज्यों के बीच माल की आवाजाही के लिए ई-वे बिल साथ रखना होगा।
सरकार ने माल एवं सेवाकर (जीएसटी) के तहत जुलाई-सितंबर अवधि का अंतिम बिक्री रिटर्न यानी जीएसटीआर-1 दाखिल करने के लिए समय सीमा को दस दिन और बढ़ाकर 10 जनवरी 2018 कर दिया है।
लोकसभा ने लग्जरी वाहनों पर जीएसटी सेस को 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत करने की मंजूरी देने वाले एक बिल को पास कर दिया है।
माल एवं सेवाकर (जीएसटी) संग्रह में लगातार दूसरे महीने गिरावट दर्ज की गई है। नवंबर में जीएसटी संग्रह 80,808 करोड़ रुपए रहा। इससे पहले अक्टूबर महीने में यह 83,000 करोड़ रुपए था।
विशेषज्ञों ने सरकार और कारोबारियों के बीच तालमेल व सहयोग बढ़ाने और टैक्स स्लैब की संख्या घटाने की सलाह दी है।
GST के बाद कंपनियों को अनबिके उत्पादों पर संशोधित MRP का स्टीकर लगाने की मंजूरी पहले सितंबर तक के लिए दी गयी थी जिसे बाद में दिसंबर तक बढ़ा दिया गया था।
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