बाबा रामदेव के नेतृत्व वाली कंपनी पतंजलि को पिछले वित्त वर्ष में माल एवं सेवाकर (GST) लागू होने से कारोबार में झटका लगा है। पिछले कुछ सालों के दौरान साल-दर-साल तीव्र वृद्धि दर्ज करने वाली पतंजलि को पिछले वित्त वर्ष में मामूली वृद्धि होने का अनुमान है। कंपनी के एक अधिकारी ने यह बात कही
नागर विमानन मंत्रालय विमान ईंधन एटीएफ को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत लाने के लिए जीएसटी परिषद से संपर्क करेगा। नागर विमानन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा से मुलाकात के बाद एक एयरलाइन के वरिष्ठ अधिकारी ने आज यह संकेत दिया।
छात्रों को विभिन्न प्रवेश परीक्षाओं के लिए तैयारी करवाने के लिए ट्यूशन सेवा दे रहे प्रशिक्षण केंद्रों (कोचिंग सेंटर्स) पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। अग्रिम विनिर्णय प्राधिकरण (एएआर) ने यह व्यवस्था दी है।
चेक बुक जारी किया जाना तथा एटीएम से निकासी जैसी मुफ्त बैंकिंग सेवाएं जीएसटी के दायरे से बाहर रह सकती है। वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह कहा।
अग्रिम विनिर्णय प्राधिकरण के आदेश के अनुसार ई-रिक्शा के टायरों पर वस्तु एवं सेवा कर (GST) के तहत कर की सर्वाधिक 28 प्रतिशत की दर लागू होगी। प्राधिकरण की महाराष्ट्र पीठ ने टायर बनाने वाली कंपनी सिएट लिमिटेड की याचिका पर यह आदेश दिया।
माल एवं सेवा कर (GST) परिषद से कोई राहत नहीं मिलने के बाद विमानन रखरखाव, मरम्मत और ओवरहॉल (MRO) उद्योग ने प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) से संपर्क करने का फैसला किया है। इस क्षेत्र पर कर की दर 18 प्रतिशत है। उद्योग इसमें कटौती की मांग कर रहा है। MRO एसोसिएशन आफ इंडिया ने आगाह किया है कि यदि इस विसंगति को दूर नहीं किया गया तो यह उद्योग बंद हो सकता है
नई वस्तु एवं सेवा कर (GST) व्यवस्था और बैंकों की कर्ज वसूली की समस्या से देश की आर्थिक वृद्धि में 2017 में गिरावट आई लेकिन इसमें धीरे-धीरे सुधार की उम्मीद है और 2018 में वृद्धि दर के बढ़कर 7.2 प्रतिशत रहने की संभावना है।
जीएसटी नेटवर्क (GSTN) ने किसी भी तरह की धोखाधड़ी को पकड़ने के लिए करदाताओं से जुड़ी जानकारी के विश्लेषण काम निजी इकाइयों से करवाने का फैसला किया है। कंपनी ने इसके लिए निविदाएं आमंत्रित की हैं।
माल एवं सेवा (जीएसटी) परिषद ने शुक्रवार को अपनी 27वीं बैठक में यह फैसला किया है कि रिटर्न प्रक्रिया को सरल बनाने और अनुपालन को बढ़ाने के लिए कारोबारियों के लिए एक सिंगल मंथली रिटर्न फॉर्म पेश किया जाएगा।
वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली जीएसटी काउंसिल की 27वें दौर की बैठक शुक्रवार को होने जा रही है। बैठक आम लोगों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होगी।
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) काउंसिल की 27वीं बैठक शुक्रवार को आयोजित होगी। बैठक में अन्य बातों के अलावा सरलीकृत टैक्स रिटर्न फॉर्म पेश किए जाने पर प्रमुखता से विचार किया जाएगा।
अप्रैल में जीएसटी संग्रह का एक लाख करोड़ रुपए से अधिक होने पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसे एक ऐतिहासिक उपलब्धि बताया है। उन्होंने कहा कि इससे आर्थिक गतिविधियों के बढ़ने का संकेत मिलता है।
जीएसटी लागू होने के बाद अब कंपनियां 'वन नेशन, वन प्राइस' के कॉन्सेप्ट पर काम कर रही है। डेटसन की कारें जहां पहले ही वन नेशन वन प्राइज के कॉन्सेप्ट पर आ रही थीं।
देश में गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) की कलेक्शन का नया रिकॉर्ड बना है, केंद्रीय वित्त मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक नए वित्तवर्ष 2018-19 के पहले महीने यानि अप्रैल के दौरान देश में GST कलेक्शन 1 लाख करोड़ रुपए के पार पहुंचा है जो अबतक का सबसे अधिक मासिक कलेक्शन है
वित्त मंत्रालय ने कहा कि सभी कंपनियों और ई-कॉमर्स कंपनियों को विदेशी राजनयिक मिशन या संयुक्त राष्ट्र संगठनों को आपूर्ति करने वाली वस्तुओं और सेवाओं के मामले में जीएसटी लाभ के लिए ‘टैक्स इनवॉयस’ पर अपनी विशिष्ट पहचान संख्या (UIN) का उल्लेख करना जरूरी है।
केंद्र सरकार के पास माल एवं सेवा कर (जीएसटी) उपकर मद में 31 मार्च तक 20,000 करोड़ रुपए का अधिशेष है। एक अधिकारी ने बताया कि इस राशि का इस्तेमाल राज्यों की क्षतिपूर्ति में किया जाएगा
भारत ने संयुक्त राष्ट्र को सूचित किया है कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के कार्यान्वयन तथा नोटबंदी से देश के 18 लाख नए लोग आयकर के दायरे में आए हैं।
एक देश एक कर की तर्ज पर एक जुलाई 2017 से लागू माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत सरकार ने वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान 7.41 लाख करोड़ रुपए जुटाए हैं। वित्त मंत्रालय ने आज इसकी जानकारी दी।
केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज कहा कि सरकार महंगे होते पेट्रोलियम पदार्थों पर लगातार नजर रखे हुए है और इस बढ़ती कीमतों के बारे में सरकार चिंतित है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की चार मई को एक महत्वपूर्ण बैठक होगी। बैठक में जीएसटी रिटर्न फॉर्म को सरल बनाने तथा अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था नियमों में जरूरी संशोधन समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
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