कॉटन टेक्सटाइल्स एक्सपोर्ट प्रमोशन कौंसिल (टेक्सप्रोसिल) ने कुटीर उद्योगों में तैयार कपड़ों पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरें कम करने का स्वागत किया है।
केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने आज विश्वास जताया कि राजस्व बढ़ने पर आने वाले समय में सीमेंट, एसी और बड़े टेलीविजन सेट पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरें कम होंगी
दिग्गज इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी सैमसंग ने जीएसटी की घटी दरों का लाभ ग्राहकों को देने के लिए अपने इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों की कीमतों में करीब आठ प्रतिशत की कमी की है।
सैनिटरी नैपकिन , फुटवियर और रेफ्रिजरेट सहित करीब 88 आम इस्तेमाल के उत्पाद शुक्रवार से सस्ते हो गए हैं। इन उत्पादों पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में कटौती की गई है।
राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के कर अधिकारी व्यापार एवं उद्योग संगठनों तथा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के पास जाएंगे और जीएसटी से जुड़ी उनकी दिक्कतें और शिकायतें जानेंगे
मुनाफाखोरी रोधक प्राधिकरण ने ई-कॉमर्स क्षेत्र की प्रमुख कंपनियों फ्लिपकार्ट, अमेजन तथा स्नैपडील के ऑडिट का आदेश दिया है। ऑडिट के जरिये यह पता लगाया जाएगा कि इन कंपनियों ने उपभोक्ताओं से जुटाए गए अतिरिक्त माल एवं सेवा कर (जीएसटी) को लौटाया है या नहीं।
माल एवं सेवा कर (GST) परिषद ने सबसे ऊंचे 28 प्रतिशत के कर स्लैब में उत्पादों की सूची को घटाकर 35 कर दिया है। अब इस सूची में एयर कंडिशनर, डिजिटल कैमरा, वीडियो रिकॉर्डर, डिशवॉशिंग मशीन और वाहन जैसे 35 उत्पाद रह गए हैं। पिछले एक साल के दौरान जीएसटी परिषद ने सबसे ऊंचे कर स्लैब वाले 191 उत्पादों पर कर घटाया है। GST को एक जुलाई , 2017 को लागू किया गया था। उस समय 28 प्रतिशत कर स्लैब में 226 उत्पाद या वस्तुएं थीं।
एक बड़ा कदम उठाते हुए जीएसटी काउंसिल ने महिलाओं के लिए आवश्यक सैनिटरी नैपकिंस पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) को समाप्त कर दिया है।
ट्रकों के लिए लोडिंग क्षमता नियमों में बदलाव के बावजूद ट्रक ऑपरेटर्स नहीं माने हैं और शुक्रवार को देशभर में हड़ताल की धमकी दी है।
केंद्र सरकार ने बुधवार को संसद में बताया कि पेट्रोलियम उत्पादों को संवैधिानिक रूप से वस्तु एवं सेवा कर के दायरे में शामिल कर लिया गया है मगर डीजल और पेट्रोल पर जीएसटी की दरें कब से लागू होंगी इसपर फैसला जीएसटी परिषद लेगी।
वस्तु एवं सेवा कर (GST) से जुड़े फैसले लेने वाला शीर्ष निकाय जीएसटी परिषद इस सप्ताह विमान ईंधन (ATF) को जीएसटी के दायरे में लाने का विचार कर सकता है लेकिन कर स्लैब इसमें बाधा खड़ा करने का काम कर रही है।
जीएसटीएन मंत्री समूह ने राज्य सरकारों से कहा है कि वह उन कर चूककर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करे जिन्हें इन्फोसिस द्वारा तैयार डेटा विश्लेषण उपाय के जरिए चिन्हित किया गया है। बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने यह जानकारी दी।
माल एवं सेवा करhttps://www.khabarindiatv.com/topic/gst-council (जीएसटी) परिषद अपनी आगामी बैठक में कुछ वस्तुओं पर टैक्स की दर घटा सकती है। ज्यादातर ऐसी वस्तुओं पर दर में कटौती की जा सकती है
वस्तु एवं सेवा कर (GST) के एक साल पूरा होने के मौके पर आइरिस बिजनेस सर्विसेज लिमिटेड ने मंगलवार को जीएसटी बिल और दस्तावेजों को स्कैन करने वाला देश का पहला ऐप 'आइरिस पेरिडॉट' लॉन्च किया। यह ऐप पलक झपकते ही जीएसटीआईएन आईडी की सत्यता को जांचता है और करदाता के रिटर्न फाइलिंग अनुपालन की स्थिति बता देता है।
वित्त सचिव हसमुख अधिया ने आज कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार करेगी और ऐसा चरणबद्ध तरीके से किया जा सकता है।
विनिर्माताओं का कहना है कि जीएसटी रिफंड की दिक्कतों के कारण देश के परिधान निर्यात (अपैरल एक्सपोर्ट) में नरमी बनी रहेगी और मौजूदा वित्त वर्ष 2019 में इसमें कुल मिलाकर 10 प्रतिशत गिरावट आ सकती है। क्लोथिंग मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (CMAI) के अध्यक्ष राहुल मेहता ने कहा कि 2017-18 में परिधान निर्यात चार प्रतिशत घटकर 16.7 अरब डालर हो गया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वस्तु एवं सेवा कर (GST) व्यवस्था के तहत सभी वस्तुओं पर एक ही दर से कर लगाने की अवधारणा को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि मर्सिडीज कार और दूध पर एक ही दर से कर नहीं लगाया जा सकता।
वस्तु एवं सेवा कर (GST) के तहत जून में राजस्व प्राप्ति इससे पिछले महीने के मुकाबले करीब 1,600 रुपए बढ़कर 95,610 करोड़ रुपए पर पहुंच गई। इससे पिछले माह मई में जीएसटी राजस्व संग्रहण 94,016 करोड़ रुपए रहा था। वित्त सचिव हसमुख अधिया ने रविवार को यह जानकारी दी।
एक साल पहले देश में लागू हुई नई टैक्स व्यवस्था गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) के तहत अभी तक जितनी वस्तुओं और सेवाओं पर टैक्स लग रहा है उनमें और वस्तुएं शामिल हो सकती हैं, खुद केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसके संकेत दिए हैं। वित्त मंत्री ने इसके अलावा भविष्य में GST की दरों के ढांचे को और आसान बनाने की बात भी कही है।
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि कांग्रेस शासित राज्यों के वित्त मंत्री पेट्रोल और डीजल को GST के दायरे में लाने के लिए तैयार नहीं हैं, रविवार को GST को 1 साल पूरा होने के मौके पर अरुण जेटली ने अपनी फेसबुक पोस्ट में यह बात कही है। वित्त मंत्री ने कहा कि राहुल गांधी और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम पेट्रोल और डीजल को GST के दायरे में लाने के लिए बार-बार मांग करते हैं, लेकिन इस मुद्दे पर जब कांग्रेस शासित राज्यों के वित्त मंत्रियों से बात की गई है तो वह इसके लिए तैयार नहीं थे
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